'खामेनेई को बेदखल करने का समय आ गया है..; संघर्ष के बीच इजरायल के समर्थन में खड़े हुए ईरान के पूर्व राजा के बेटे
ईरान के पूर्व शासक रजा शाह पहलवी के बेटे रेजा पहलवी ने युद्ध के दौरान इजरायल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि ईरान की सत्ता को बदलने का समय आ गया है. अब हमारा समय आया है. यह लड़ाई खामनेई के खिलाफ है, वहां के नागरिकों के खिलाफ नहीं.'

इजरायल से चल रहे युद्ध के बीच में ईरान के पूर्व शासक के बेटे ने बड़ा ऐलान किया है. इससे पहले भी कई ईरानी नागरिक इजराइल का समर्थन करते हुए खामेनेई को सत्ता से उखाड़ फेंकने का ऐलान कर चुके हैं. कई लोग इस लड़ाई को मुक्ति का संघर्ष कह रहे हैं. इस बीच ईरान के पूर्व राजा मोहम्मद रजा शाह पहलवी के बेटे रजा पहलवी ने हुंकार भरते हुए कहा है कि ईरान की सत्ता को बदलने का समय आ गया है. अब हमारा समय आया है. बता दें कि यह ईरान का कोई साधारण नाम नहीं बल्कि वह व्यक्ति हैं, जिनका खानदान कभी कई वर्षों तक ईरान की सत्ता पर राज करता था. इससे पूर्व ईरान में 37 साल पहले भी एक बड़ी क्रांति हुई थी. यह ऐसी क्रांति थी, जिसने ईरान की सामाजिक- राजनीतिक और सामाजिक ताना-बाना को बदल डाला. उस दौरान ईरान अपनी कट्टरता की ओर बढ़ रहा था. क्रांति के नाम पर फलस्वरूप दो लोगों के भाग्य ने 180 डिग्री का पलटा खाया था और यह नाम शाह मोहम्मद और अयातुल्ला खुमैनी का था.
26 साल से राज कर रहे शासक को जान बचाकर भागना पड़ा
ईरान में 37 साल पहले हुए क्रांति में दो लोगों की किस्मत बदली इनमें एक को सत्ता मिली, तो दूसरे को 26 साल से बतौर शासक राज करने के बाद अपनी सत्ता गंवानी पड़ी और अपनी जान बचाने के लिए मिस्र भागना पड़ा. बता दें कि उस समय के शासक शाह मोहम्मद रजा पहलवी को उनके पद से हटा दिया गया था. इस दौरान उनकी जान भी जोखिम में आ गई थी, जिसकी वजह से वह मिस्र भाग गए. दूसरी तरफ क्रांति के बाद 14 साल से इराक और फ्रांस में निर्वासित जीवन बिता रहे अयातुल्ला खुमैनी वापस सत्ता में आए. उनके स्वागत में लाखों की भीड़ उमड़ी थी और सभी के समर्थन से उन्हें ईरान का सर्वोच्च नेता चुना गया.
अयातुल्लाह खुमैनी की मृत्यु के बाद अली खामनेई ने विरासत संभाला
3 जून सन 1989 को अयातुल्लाह खुमैनी की मृत्यु हो जाती है. उनके उत्तराधिकारी के रूप में अली खामेनेई को चुना जाता है. हालांकि, उस दौरान वह सुप्रीम लीडर बनने लायक नहीं थे. इसलिए संविधान में संशोधन किया गया. दरअसल, खुमैनी ने अली खामनेई को ईरान की सत्ता के लिए राजनीतिक और धार्मिक रूप से तैयार किया. उनकी मृत्यु के बाद अली खामेनेई ही विरासत को आगे बढ़ाने आए. पिछले 3 दशकों से वही ईरान की सत्ता में बतौर सुप्रीम लीडर नजर आ रहे हैं.
रेजा शाह देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए आंदोलन चला रहें
जिस मोहम्मद रजा शाह पहलवी को ईरान की सत्ता से 37 साल पहले हटाया गया था. उन्हीं राजा के बेटे रजा शाह पहलवी हैं. वह फिलहाल अमेरिका में रहते हैं और ईरानी विपक्षी आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा हैं. रजा शाह पहलवी को बतौर राजा के पद के रूप में शपथ दिलाई गई थी. वह नेशनल काउंसिल ऑफ ईरान के संस्थापक और नेता भी हैं. रेजा पहलवी देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए आंदोलन चला रहे हैं. उनका प्लान ईरान को एक संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना करना है. जहां एक संवैधानिक राजा होगा और लोकतांत्रिक संस्थान होंगे.
अमेरिका के साथ अच्छे रिश्ते की वकालत करते हैं
रजा पहलवी अमेरिका में रहते हैं, लेकिन उनको अक्सर अमेरिकी नीति निर्माता, थिंक टैंक्स जैसे अहम मुद्दों पर मीडिया से विचार- विमर्श करते देखा गया है. वर्तमान में ईरान की मौजूदा सरकार और अमेरिका के बीच रिश्ते बेहद कड़क हैं. ईरान हमेशा से अमेरिका के खात्मे की वकालत करता है. पहलवी अक्सर अमेरिकी सरकार से ईरान के खिलाफ खड़े कदम उठाने और ईरानी लोगों को समर्थन देने की अपील करते हैं.
इजरायल से हमेशा अच्छे संबंधों की पैरवी की
ईरान-इजरायल के बीच चल रहे युद्ध पर पहलवी ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि 'यह अली खामेनेई का युद्ध है, ईरान के लोगों का नहीं, युद्ध तो आखिरकार कुछ भी हो सकता है, जो शासन को कमजोर करता है. कुछ भी जो उसे पीछे धकेलता है. यह कुछ ऐसा है जिसका है। स्पष्ट कारणों से स्वागत करते हैं. क्योंकि वह देखते हैं कि उनकी गर्दन पर कसी रस्सी की पकड़ अब ढीली होने वाली है.' पहलवी की यह पहल निश्चित रूप से अमेरिका और इजराइल से ईरान में सत्ता में बदलाव लाने की एक पुकार है.