अपनी हार का जश्न मना रहे पाकिस्तान को उसी के पत्रकारों ने दिखाया आईना, पूछे ऐसे सवाल कि बगलें झांकने लगेगी शहबाज सरकार
भारतीय सेना के हाथों बुरी तरह पीटने के बावजूद पाकिस्तान अपनी फर्जी जीत का जश्न मनाने में लगा हुआ है. पाकिस्तान की सरकार के कहने पर 11 मई को पाकिस्तान के लोगों ने शुक्रिया दिवस मनाया. लेकिन इन सब के बीच पाकिस्तान के पत्रकार अपनी ही सरकार से सवाल पूछते हुए उनका पोल खोल रहे हैं.

पाकिस्तान के लोगों को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने अपनी आवाम को कहा था कि 4 दिन की इस जंग में पाकिस्तान की जीत हुई है. सरकार के झूठे दावों से खुश पाकिस्तान की जनता ने 11 मई को खूब पटाखे फोड़े. लेकिन पाकिस्तान के इस दावे पर वहां के रक्षा विशेषज्ञ और भारत में टीवी डिबेट में शामिल होने वाले पाकिस्तानी पत्रकारों ने ही सवाल उठा दिया है.
आप अपने बच्चों को बेवकूफ़ बना रहे- पाक पत्रकार
''ये जवाब नहीं है, उन्होंने आपके चार बड़े शहरों में टारगेट को हिट किया है, दर्जनों लोगों को मार दिया है यार, आप क्या बात कर रहे हैं. अजब बात है यार. आप अपने बच्चों को बेवकूफ बना रहे हो. इंडिया ने जब आपके एयरबेस पर अटैक किया तो आपने भी हमले किए, लेकिन आपने क्या टारगेट हिट किए? क्या इसके कुछ सबूत हैं हमारे पास, उसका कोई एविडेंस हैं?''
ये सवाल थे पाक पत्रकार अहमद नूरानी के... जिनके कई वीडियो पहले भी पाक सरकार द्वारा बैन किए जा चुके हैं. इसके अलावा पाकिस्तान के पत्रकार असद तूर और कमर चीमा जैसे लोग ऑपरेशन बुनियान उल मरसूस में फर्जी जीत का जश्न मना रहे पाकिस्तानी अवाम को सच का आईना दिखा रहे हैं और अपनी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं.
आप चाहे मुझे हजार बार गद्दार कहें मैं सच बोलूंगा
पाक के ये पत्रकार आगे कहते हैं भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पंजाब और सिंध के शहरों में खौफ की फिजा रही. पाकिस्तान के तमाम छोटे-बड़े शहरों में भारतीय ड्रोन सैकड़ों की तादाद में आए, वे अपना काम करते रहे, इन ड्रोन के हमलों ने जहां जहां चाहा वहां-वहां पहुंच इख्तियार की. चाहे वो रावलपिंडी का स्टेडियम हो या फिर अटक के पास, यहां भी बंदा शहीद हुआ.
बाकी ड्रोन से बेशुमार लोगों की शहादतें हुईं. पूरे पाकिस्तान के अंदर खौफ रहा. मैं आपको फैक्ट रिपोर्ट कहना चाहता हूं, आप मुझे गद्दार कहें, हजार बार कहें, बात यह है कि अगर आप फैक्ट पर नहीं चलेंगे तो बेहतरी नहीं ला सकेंगे. क्या सिवाय अमृतसर भारतीय शहरों में खौफ की फिजा रही.'
पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञ कमर चीमा ने सवाल उठाया है. उन्होंने एक प्रोग्राम में शिरकत करते हुए कहा, 'आपके घर के अंदर उन्होंने हमला किया है, और आप पाकिस्तान में कहते हैं, मोदी साहब कामयाब हैं भाई, वो 100 परसेंट कामयाब हैं, वो 200 फीसदी सफल हैं, याद रखिए. और यहां पर ये कन्फ्यूज लीडरशिप का क्या करना है. मुझे नहीं पता. मेरे पास कोई आइडिया नहीं है.'
पाकिस्तान के एक अन्य पत्रकार असद तूर ने ऐसा ही सवाल अपनी सरकार से पूछा है. उन्होंने कहा है कि, 'सब कंवेन्शनल वार जो भारत करेगा उसमें वो पाकिस्तान को खुदा न खास्ता इतना नुकसान पहुंचाएगा कि पाकिस्तान को लगेगा कि इसकी कीमत ज्यादा है. भारत में एक-आध कार्रवाई की कीमत बहुत ज्यादा है. हमें उतना हासिल नहीं होता है जितना नुकसान हमें उठाना पड़ता है.
पाकिस्तान में मीडिया पर पाकिस्तानी आर्मी की जबर्दस्त सेंसरशिप है. वहां कुछ भी विचार रखने के लिए पाकिस्तान के पत्रकारों और यूट्यूबरों को सेना के नजरिये का ख्याल रखना होता है. बावजूद इसके ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की पिटाई के बाद कई पत्रकार सीधे-सीधे पाकिस्तान की सरकार से सवाल पूछ रहे हैं