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एक और देश में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी, 700 लोगों की मौत, इंटरनेट और विदेशी पत्रकारों पर लगा प्रतिबंध

खबरों के मुताबिक, अफ्रीकी देश तंजानिया के राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन सरकार ने आम चुनाव में अपने मुख्य प्रतिद्वंदियों को या तो जेल में डाल दिया या फिर उन्हें चुनाव लड़ने से रोका गया है. मतदान के दौरान देश में अराजकता फैल गई है. हजारों की भीड़ सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है. कई जगहों पर पोस्टर फाड़ दिए गए हैं. पुलिस और मतदान केंद्रों पर भी बड़ा हमला हुआ है.

01 Nov, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
08:51 AM )
एक और देश में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी, 700 लोगों की मौत, इंटरनेट और विदेशी पत्रकारों पर लगा प्रतिबंध

दुनिया में कई देशों के बीच चल रहे युद्ध और श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल अफगानिस्तान में सरकार के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद यह लड़ाई अब अफ्रीकी देश तक पहुंच चुकी है. खबरों के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीकी देश तंजानिया में इन दिनों जनता सरकार के खिलाफ सड़कों पर आ गई है और जमकर प्रदर्शन हो रहा है. देश के मुख्य विपक्षी दलों ने इस बात का दावा किया है कि आम चुनाव के बाद हो रहे इन प्रदर्शनों में अब तक 700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. हिंसा को दबाने के लिए सरकार ने इंटरनेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन इसके बावजूद हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर मौजूद है. इसके अलावा विदेशी पत्रकारों पर भी बैन लगा दिया गया है, ताकि यह खबर दुनिया में ना पहुंच सके. 

सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे अफ्रीकी देश के लोग 

खबरों के मुताबिक, अफ्रीकी देश तंजानिया के राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन ने आम चुनाव में अपने मुख्य प्रतिद्वंदियों को या तो जेल में डाल दिया या फिर उन्हें चुनाव लड़ने से रोका है. मतदान के दौरान देश में अराजकता फैल गई है. हजारों की भीड़ सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है. कई जगहों पर पोस्टर फाड़ दिए गए हैं. पुलिस और मतदान केंद्रों पर भी बड़ा हमला हुआ है.

इंटरनेट पर लगा लगाम 

बताया जा रहा है कि तंजानिया में इंटरनेट बंद कर कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. इसके बावजूद बुधवार को राष्ट्रपति को विजयी घोषित कर दिया गया, राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन ने अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए अपने मुख्य आलोचकों को चुप कराते हुए जेल में डाल दिया. 

700 से ज्यादा लोगों की हुई मौत

देश की वर्तमान हालात कुछ ऐसी है कि अभी तक इस हिंसा में 700 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. यह देश के अलग-अलग शहरों और इलाकों में चल रहे प्रदर्शनों से हुई मौत का आंकड़ा है. इनमें दार-एस-सलाम में 350 और म्वांजा में 200 से ज्यादा मौतें हुई हैं.

मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है 

आशंका जताई गई है कि मृतकों की संख्या और भी कहीं ज्यादा बढ़ सकती है. रात के दौरान कर्फ्यू में अधिक से अधिक लोगों की हत्या हो सकती हैं. इस गंभीर मामले पर संयुक्त राष्ट्र ने भी प्रतिक्रिया दी है और बयान जारी करते हुए बताया है कि इसमें 10 लोगों के मारे जाने की आशंका है, लेकिन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बताया है कि उसके पास कम से कम 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की जानकारी है. 

राष्ट्रपति हसन की तरफ से कोई बयान नहीं आया 

दूसरी तरफ तंजानिया के राष्ट्रपति ने देश में फैली अशांति पर अभी तक किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है. इसके अलावा देश के तमाम वेबसाइट और न्यूज चैनलों को भी अपडेट नहीं किया गया है. सेना प्रमुख की तरफ से जारी एक मात्र आधिकारिक बयान में प्रदर्शकारियों को 'अपराधी' बताया गया है.

पत्रकारों को कवरेज से रोका गया

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अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को हुए चुनावों में राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन के दो सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों को दौड़ से बाहर कर दिया गया, जिससे नागरिक और अधिकार समूह नाराज हैं और उन्होंने विपक्षी सदस्यों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की निंदा की है.  

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