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अंधेरे में डूबा यूरोप... फ्रांस, स्पेन और पुर्तगाल समेत कई देशों में ब्लैकआउट, प्लेन-मेट्रो-रेल सब ठप!

यूरोप के कई देशों में अचानक भीषण बिजली संकट पैदा हो गया. जिससे फ्रांस, स्पेन समेत कई देश अंधेरे की चपेट में हैं. प्लेन-मेट्रो सबकुछ ठप हो गया है. जिससे लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामान करना पड़ रहा है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि ये एक साइबर अटैक है, हालाँकि इसकी पुष्टी नहीं हुई है.

29 Apr, 2025
( Updated: 03 Dec, 2025
09:32 AM )
अंधेरे में डूबा यूरोप... फ्रांस, स्पेन और पुर्तगाल समेत कई देशों में ब्लैकआउट, प्लेन-मेट्रो-रेल सब ठप!

यूरोप के कई देशों में अंधेरा छाया हुआ है. इन देशों में अचानक बिजली संकट पैदा हो गया है. स्पेन, फ़्रांस और पुर्तगाल समेत कई देश अंधेरी नगरी में तब्दील हो गए हैं. ब्लैकआउट के कारण हवाई सेवाओं से लेकर मेट्रो तक का संचालन प्रभावित हो रहा है. दोपहर के समय मैड्रिड से लेकर लिस्बन तक बड़ी आबादी अंधेरे में डूब गई. इस आपात स्थिति से निपटने के लिए दोनों देशों ने तुरंत प्रोटोकॉल लागू कर दिए हैं. फिलहाल बिजली जाने की वजह की जांच की जा रही है. माना जा रहा है कि ये एक साइबर हमला भी हो सकता है. हालाँकि इसकी पुष्टी नहीं हुई है.


स्पेन के नेशनल ग्रिड ऑपरेटर ‘रेड एलेक्ट्रिका’ ने बयान जारी कर बताया कि पूरे देश में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सेक्टर कंपनियों के साथ मिलकर कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं, पुर्तगाल के ग्रिड ऑपरेटर ‘ई-रेडेस’ ने बताया कि यह संकट यूरोपीय पावर ग्रिड में आई समस्या के कारण उत्पन्न हुआ. शुरुआती जांच में वोल्टेज असंतुलन को मुख्य कारण माना जा रहा है, जिससे बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई. 


ब्लैकआउट से ठप हुईं सारी सेवाएं

पावर कट के कारण ट्रैफिक लाइट्स बंद हो गईं, जिससे मेट्रो सेवाएं थम गईं. इस अव्यवस्था के कारण लोगों में अफरा-तफरी मच गई. अस्पतालों में बैकअप जनरेटर के सहारे जरूरी सेवाओं को चलाया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों ने अस्पताल स्टाफ से कंप्यूटर बंद करने और बिजली की बचत के अन्य उपाय अपनाने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल, यह संकट कितनी देर तक जारी रहेगी इसके बारे में पता नहीं लग पाया है. स्पेन में स्थिति को संभालने के लिए संकट प्रबंधन समिति का गठन कर लिया गया है.


साइबर अटैक की भी आशंका

स्पेनिश अधिकारियों ने कहा है कि अब तक ब्लैकआउट के पीछे साइबर अटैक से इनकार नहीं किया जा सकता. इसकी गहन जांच की जा रही है. यूरोप में इससे पहले भी छोटी-छोटी तकनीकी गड़बड़ियों से बड़े ब्लैकआउट हुए हैं. साल 2003 में स्विट्जरलैंड में एक पेड़ से बिजली लाइन कटने के बाद पूरा इटली अंधेरे में डूब गया था. इसलिए इस बार भी तकनीकी समस्या या साइबर हमला दोनों ही संभावनाओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है.


स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्पेनिश प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे आपात सेवाओं को अनावश्यक कॉल न करें, क्योंकि टेलीफोन सेंटर पहले ही कॉल्स से लदे हुए हैं. यूरोपीय आयोग ने सालों से देशों के बीच बेहतर ऊर्जा प्रणाली एकीकरण की जरूरत पर जोर दिया है, लेकिन प्रगति धीमी रही है. मौजूदा संकट ने एक बार फिर से इस दिशा में गंभीरता से यूरोप को सोचने के लिए मजबूर कर दिया.

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