अगर आपका बच्चा भी हो रहा है साइबर बुलिंग का शिकार, तो तुरंत यहां करें शिकायत
Cyber Bullying: माता -पिताओ के लिए बच्चों को परेशान में देख पाना बेहद कष्ट दायक होता है। लेकिन मां -बाप को शारारिक परेशानियो तो दिख जाती है। मगर परेशानियों हमेशा शारारिक नहीं होती कई बार बच्चा मानसिक दर्द में भी होता है।
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Cyber Bullying: जब भी किसी बच्चे को चोट लग जाती है तो माता पिता परेशान हो जाती है।उसे दर्द में देखकर माता -पिता की आखों में भी आंसू आ जाते है। उसके दर्द और तकलीफ को दूर करने के लिए माता -पिता कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते है।उसे चोट लगता है तो उसपर मरहर पट्टी करवाते है। वह बीमार होता है तो उसका अच्छे से अच्छे अस्पताल में इलाज करवाते है ।
माता -पिताओ के लिए बच्चों को परेशान में देख पाना बेहद कष्ट दायक होता है। लेकिन मां -बाप को शारारिक परेशानियो तो दिख जाती है।मगर परेशानियों हमेशा शारारिक नहीं होती कई बार बच्चा मानसिक दर्द में भी होता है।मानसिक परेशानी का शिकार होता है। इसे पता लगाना बीहड़ जरुरी है।आजकल बच्चों में साइबर बुलिंग की घटनाएं काफी अच्छी जा रही है।अगर आपका बच्चा साइबर बुलिंग का शिकार है तो इस बातो का रखे ख़ास ध्यान, आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ....
क्या होती है साइबर बुलिंग ?
छोटे बच्चों के स्कूल में कई ऐसे लोग होते है। जो खूब परेशान करते है। उन्हें डराते हैं धमकाते हैं। कई बच्चे इस बात की शिकायत घर में माता -पिता से करते हैं। कुछ टीचर से करते हैं। लेकिन कई बच्चे किसी से भी इस बारे में कुछ नहीं कह पाते हैं। और ऐसे बच्चे बुलिंग का शिकार होते रहते हैं। यहां तक कि कई बच्चे अपनी जान तक ले लेते हैं। लेकिन अब सिर्फ स्कूलों में ही नहीं बल्कि घर बैठे भी बच्चों की बुलिंग हो रही हैं। दरअसल आजकल बच्चों का ज्यादातर समय स्मार्टफोन और लैपटॉप के इस्तेमाल में गुजरता हैं। ऐसे में उन्हें ऑनलाइन कई तरह के लोग मिलते हैं। जिनमें कुछ अच्छे होते हैं तो कुछ बुरे होते हैं। बुरे लोग बच्चों को खूब प्रताड़ित करते हैं। उन्हें डराते हैं उन्हें धमकाते हैं ,उन्हें मानसिक तौर पर परेशान कर देते हैं। यह सोशल मीडिया , गेमिंग साइट्स अन्य जगहों पर होता है। इसे ही साइबर बुलिंग कहा जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान
बच्चों को साइबर बुलिंग से बचने के लिए आपको उनसे बात करने की जरूरत है।आप उन्हें इस बात का यकीन दिलाएं कि वह जो कुछ भी महसूस कर रहे हैं। उसे आप शेयर कर सकते हैं। आप उन्हें इस बात के लिए किसी तरह से जिम्मेदार नहीं ठहराएं। उन्हें यकीन दिलाएं कि आप उनकी मदद करेंगे। इसके अलावा आप बच्चों को साइबर सिक्योरिटी के बारे में जरूर सिखाएं। उन्हें बताएं किस तरह ऑनलाइन अपनी जानकारी को प्राइवेट रखें।किस तरह अनजान लोगों से बात करें, अपने पासवर्ड को सेफ रखें और अपनी सोशल मीडिया प्लेटफार्म का किस तरह इस्तेमाल करें।
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शिकायत भी कर सकते हैं
इसके आलाव आप खुद भी बच्चों के सोशल मीडिया प्लेटफार्म अकॉउंटस पर नजर रख सकते हैं। आप उनके लोए फ़ोन का इस्तेमाल करने के लिए एक टाइम फ्रेम तय कर सकते हैं। फ़ोन पर ज्यादा समय बिताने के बजाए आप उन्हें फिजिकल एक्टिविटी के लिए मोटीवेट कर सकते हैं। अगर आपको लगता हैं कि बच्चा साइबर बुलिंग का शिकार है , तो आप इस बारे में साइबर में साइबर सेल में शिकायत भी कर सकते है।
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