Advertisement

बैंक से लोन लेने वाले की अगर मौत हो जाए तो EMI और ब्याज कौन चुकाएगा? जानें पॉलिसी और जरूरी बातें

अगर लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो EMI और कर्ज की जिम्मेदारी किसकी होती है? जानिए बैंक के नियम, को-एप्लीकेंट और गारंटर की भूमिका, और क्या लोन माफ किया जा सकता है. पूरी जानकारी

07 Jun, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
10:34 AM )
बैंक से लोन लेने वाले की अगर मौत हो जाए तो EMI और ब्याज कौन चुकाएगा? जानें पॉलिसी और जरूरी बातें
आजकल EMI पर गाड़ी, महंगे मोबाइल और घर जैसी चीजें खरीदना आम हो गया है. लोग जरूरत के मुताबिक बैंक से लोन भी लेते हैं. लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर लोन लेने वाले की बीच में ही मौत हो जाए तो उस लोन का क्या होगा? क्या बैंक लोन माफ कर देता है या परिवार को ही चुकाना पड़ता है?
इस लेख में हम इसी बात को समझेंगे कि लोन लेने वाले की मौत के बाद लोन की जिम्मेदारी किस पर आती है और बैंक इसके लिए क्या नियम मानता है.

लोन लेने वाले की मौत के बाद क्या होता है?

जब कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेता है, तो वो एक कानूनी अनुबंध करता है कि वो तय समय पर लोन की किश्तें और ब्याज चुकाएगा.लेकिन अगर किसी वजह से उसकी मौत हो जाती है, तो बैंक क्या कदम उठाता है?
 
सबसे पहले बैंक ये देखता है कि लोन के लिए गारंटर या को-एप्लीकेंट कौन है. क्योंकि कई बार लोन किसी एक व्यक्ति के साथ-साथ दूसरे व्यक्ति के नाम भी होता है, जो लोन चुकाने की जिम्मेदारी साझा करता है.

बैंक के नियम और प्रक्रिया

• अगर को-एप्लीकेंट मौजूद है और सक्षम है, तो बैंक लोन की किश्तें को-एप्लीकेंट से वसूलता है.

• अगर को-एप्लीकेंट लोन चुकाने में असमर्थ है, तो बैंक गारंटर से संपर्क करता है.

• अगर गारंटर भी लोन वापस करने में सक्षम नहीं होता, तो बैंक लोन की रकम वसूलने के लिए लोन लेने वाले की संपत्ति को नीलाम कर सकता है.


क्या परिवार पर आता है कोई बोझ?

अगर लोन में कोई को-एप्लीकेंट या गारंटर शामिल नहीं है, तो लोन की जिम्मेदारी परिवार पर नहीं आती. यानी लोन लेने वाले की मौत के बाद बैंक सीधे परिवार से पैसे नहीं मांग सकता. ये बात समझना जरूरी है कि बैंक केवल उसी व्यक्ति से लोन वसूल सकता है जो कानूनी रूप से जिम्मेदार है.

लोन इंश्योरेंस की भूमिका

अगर लोन लेने वाले ने लोन के साथ इंश्योरेंस भी लिया है, तो मृत्यु की स्थिति में बीमा कंपनी लोन की किश्तों का भुगतान करती है. ये एक सुरक्षा कवच की तरह होता है, जो परिवार को भारी आर्थिक बोझ से बचाता है.
 
लोन लेने वाले की मौत के बाद लोन की जिम्मेदारी किस पर आती है, ये इस बात पर निर्भर करता है कि लोन के लिए गारंटर या को-एप्लीकेंट किसे बनाया गया है. परिवार को सीधे तौर पर लोन चुकाने का दबाव नहीं दिया जाता. इसलिए लोन लेने से पहले ये ध्यान देना जरूरी है कि आपके लोन पर कौन-कौन कानूनी तौर पर जिम्मेदार हैं. साथ ही, लोन इंश्योरेंस लेना भी समझदारी भरा कदम होता है.
 
 

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें