अभी तक प्रोसेस नहीं हुआ ITR? जानिए नई डेडलाइन और रिफंड से जुड़ी अहम बातें
सरकार का यह कदम उन लाखों टैक्सपेयर्स के लिए बहुत बड़ी राहत है, जिनका ITR समय पर फाइल हुआ था लेकिन तकनीकी या सिस्टम से जुड़ी वजहों से अभी तक प्रोसेस नहीं हो पाया था। अब उन्हें या तो उनका रिफंड मिलेगा, या फिर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. साथ ही, यह फैसला यह भी सुनिश्चित करता है कि विभाग बिना कानूनी आधार के नए टैक्स डिमांड नोटिस जारी नहीं कर सकता, जिससे टैक्सपेयर्स को अनावश्यक तनाव से बचाया जा सके.

ITR Filing: अगर आपने असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए यानी फाइनेंशियल ईयर 2022-23 का ITR समय पर यानी 31 जुलाई 2023 या 31 दिसंबर 2023 तक फाइल कर दिया था, लेकिन अभी तक उसका प्रोसेस नहीं हुआ, तो अब चिंता की कोई बात नहीं है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक नया सर्कुलर जारी कर यह साफ किया है कि ऐसे सभी लंबित रिटर्न्स को अब 30 नवंबर 2025 तक प्रोसेस किया जा सकेगा.इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा उन लाखों टैक्सपेयर्स को मिलेगा जो तय समय में रिटर्न भर चुके हैं, लेकिन अब तक न रिफंड मिला, न कोई नोटिस आया और न ही प्रोसेसिंग की स्थिति स्पष्ट हो पाई थी.
रिफंड मिलने का रास्ता हुआ साफ
अगर आपका रिटर्न समय से फाइल हुआ है और उसके मुताबिक आपको टैक्स रिफंड बनता है, तो अब उस रिफंड की प्रोसेसिंग की जाएगी और आपको ब्याज (Interest) के साथ रिफंड दिया जा सकता है. ब्याज की दर 0.5% प्रति माह होती है, जो आपके फाइलिंग की तारीख से लेकर रिफंड के क्रेडिट होने तक गिनी जाएगी. यह खासतौर पर उन टैक्सपेयर्स के लिए अच्छी खबर है जिन्होंने TDS कटवाया हो या एडवांस टैक्स जमा किया हो. उन्हें अप्रैल 2023 से लेकर अब तक का इंटरेस्ट मिलेगा.
हालांकि, अगर आपने सेल्फ असेसमेंट टैक्स भरा था, तो उसका इंटरेस्ट ITR फाइलिंग की तारीख से गिना जाएगा.
प्रोसेसिंग के बाद तीन तरह की स्थिति संभव
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब ये लंबित ITR प्रोसेस किए जाएंगे, तो उनके परिणाम निम्न में से किसी एक रूप में सामने आएंगे:
रिफंड जनरेट होगा: टैक्स ज्यादा कट गया था और अब आपको पैसा वापस मिलेगा.
डिमांड नोटिस आ सकता है: अगर प्रोसेसिंग में ये सामने आता है कि कुछ टैक्स अभी बाकी है, तो विभाग आपको भुगतान के लिए नोटिस भेज सकता है.
नो रिफंड, नो डिमांड: कुछ मामलों में सिर्फ प्रोसेसिंग होगी और कोई रकम ना आपको मिलेगी, ना देनी होगी.
क्या टैक्स डिमांड नोटिस अब भी आ सकता है?
इस सवाल का जवाब थोड़ा तकनीकी है, लेकिन जरूरी है समझना. आमतौर पर टैक्स डिपार्टमेंट ITR प्रोसेसिंग के बाद Section 143(1) के तहत नोटिस भेज सकता है, लेकिन चूंकि ये प्रोसेसिंग अब सरकार के विशेष अधिकार के तहत Section 119(2)(a) में हो रही है, तो इसके तहत नए टैक्स डिमांड नोटिस नहीं बनाए जा सकते.
इसके अलावा, रेगुलर असेसमेंट के लिए जो Section 143(3) होता है, उसकी कानूनी समय सीमा 31 मार्च 2025 को खत्म हो चुकी है.यानी अब उस रूट से भी कोई नोटिस जारी नहीं किया जा सकता. इससे टैक्सपेयर्स को एक अतिरिक्त सुरक्षा भी मिलती है.
किन लोगों को नहीं मिलेगा फायदा?
ये राहत हर टैक्सपेयर्स के लिए नहीं है. कुछ मामले हैं जिनमें यह एक्सटेंशन लागू नहीं होगा:
जिन रिटर्न्स को स्क्रूटिनी के लिए चुना गया है, यानी जिनकी जांच चल रही है.
जिन मामलों में टैक्सपेयर्स ने गलती की है या जरूरी जानकारी नहीं दी, जिसकी वजह से ITR प्रोसेस नहीं हो पाया.
जिनका PAN और आधार लिंक नहीं है. ऐसे मामलों में रिफंड नहीं मिलेगा. सरकार ने इस बात को पहले ही 28 मार्च 2023 के सर्कुलर में स्पष्ट किया था और 9 जून 2025 के नए आदेश में भी इसे दोहराया गया है
टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत
सरकार का यह कदम उन लाखों टैक्सपेयर्स के लिए बहुत बड़ी राहत है, जिनका ITR समय पर फाइल हुआ था लेकिन तकनीकी या सिस्टम से जुड़ी वजहों से अभी तक प्रोसेस नहीं हो पाया था. अब उन्हें या तो उनका रिफंड मिलेगा, या फिर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. साथ ही, यह फैसला यह भी सुनिश्चित करता है कि विभाग बिना कानूनी आधार के नए टैक्स डिमांड नोटिस जारी नहीं कर सकता, जिससे टैक्सपेयर्स को अनावश्यक तनाव से बचाया जा सके.