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पाकिस्तानी हमलों में जान गंवाने वालों के परिवार को मिलता है कितना मुआवजा? जानिए नियम

बीते कुछ दिनों से LoC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर पाकिस्तान द्वारा की जा रही लगातार फायरिंग और मिसाइल हमलों में कई आम नागरिकों की जान चली गई है. ऐसी गंभीर परिस्थिति में भारत सरकार और संबंधित राज्य सरकारें पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा और सहायता उपलब्ध कराती हैं.

10 May, 2025
( Updated: 10 May, 2025
09:25 AM )
पाकिस्तानी हमलों में जान गंवाने वालों के परिवार को मिलता है कितना मुआवजा? जानिए नियम
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Pakistan Bombing Victim Compensation: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव के बीच यह जानना जरूरी है कि अगर पाकिस्तानी गोलीबारी या बमबारी में किसी भारतीय नागरिक की मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को सरकार की ओर से क्या सहायता मिलती है. बीते कुछ दिनों से LoC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर पाकिस्तान द्वारा की जा रही लगातार फायरिंग और मिसाइल हमलों में कई आम नागरिकों की जान चली गई है. ऐसी गंभीर परिस्थिति में भारत सरकार और संबंधित राज्य सरकारें पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा और सहायता उपलब्ध कराती हैं.

किसे मिलता है मुआवजा?

मृतकों के परिजनों को मुआवजा:

अगर किसी नागरिक की मौत पाकिस्तान की तरफ से की गई फायरिंग या बमबारी में होती है, तो उसके परिवार को मुआवजा दिया जाता है. यह राशि सामान्यतः ₹5 लाख तक होती है, लेकिन यह राज्य सरकार की नीति, घटना की गंभीरता और स्थानीय प्रशासन की रिपोर्ट पर निर्भर करती है.

घायल व्यक्तियों को सहायता:

अगर कोई व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो जाता है, तो उसके इलाज के लिए सरकारी खर्चे पर चिकित्सा सुविधा दी जाती है. इसके अलावा घायल व्यक्ति को भी कुछ आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.

 संपत्ति के नुकसान पर मुआवजा:

फायरिंग या बमबारी में अगर किसी का घर, खेत, फसल या मवेशी नष्ट हो जाते हैं, तो उसके लिए भी सरकार मुआवजा देती है. हालांकि, इसके लिए राजस्व विभाग द्वारा नुकसान का आकलन और रिपोर्ट बनाना जरूरी होता है.

मुआवजा पाने के लिए कैसे करें आवेदन?

पीड़ित परिवार को अपने क्षेत्र के तहसील कार्यालय, ब्लॉक कार्यालय या जिला प्रशासन से संपर्क करना होता है. आवेदन के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज लगाना जरूरी होता है, जैसे –

1. एफआईआर (FIR) की कॉपी

2. अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट

3. मृतक या घायल का पहचान पत्र (आधार कार्ड आदि)

4. पंचनामा या घटना की प्रमाणित रिपोर्ट

5. इन दस्तावेजों की जांच के बाद प्रशासन द्वारा तय मुआवजा राशि दी जाती है.

केंद्र सरकार की अन्य सुविधाएं – बंकर और राहत सेवाएं

भारत सरकार बॉर्डर इलाकों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा के लिए बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (BADP) के तहत कई योजनाएं चलाती है. इसमें सीमावर्ती गांवों में बंकर बनाए जाते हैं ताकि लोग हमले के समय सुरक्षित जगह पर जा सकें.

इसके साथ ही सरकार इन इलाकों में –

1. राशन और जरूरी सामान की आपूर्ति

2. अस्थायी अस्पताल और स्कूल

3. बिजली और पानी की सुविधा

4. पशुओं के लिए चारा और देखभाल की व्यवस्था

5. जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराती है ताकि युद्ध जैसी स्थिति में लोगों को न्यूनतम नुकसान हो.

पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग या मिसाइल हमले में अगर किसी नागरिक की मौत होती है, तो भारत सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ पीड़ित परिवार को मदद देने का प्रयास करती है. साथ ही, घायल व्यक्तियों के इलाज से लेकर संपत्ति के नुकसान की भरपाई तक का प्रावधान है. हालांकि मुआवजा पाने के लिए तय प्रक्रिया का पालन करना जरूरी होता है. बॉर्डर क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा और राहत के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर योजनाएं चलाई जाती हैं, जो युद्ध जैसे हालात में जीवन रक्षक साबित होती हैं.

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