शिक्षा की नई मिसाल... मिजोरम बना देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य, 97 प्रतिशत साक्षरता दर की हासिल
इस बात की घोषणा केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने की है. इसके साथ ही मिजोरम को इस उपलब्धि के लिए एक प्रमाण पत्र भी सौंपा गया है.इससे पहले केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को 2024 में यह दर्जा मिल चुका है, लेकिन मिजोरम ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

Ullas Yojana: देश को पूरी तरह साक्षर बनाने की मुहिम में एक बड़ी कामयाबी मिली है. पूर्वोत्तर भारत का राज्य मिजोरम अब देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है. इस बात की घोषणा केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने की है. इसके साथ ही मिजोरम को इस उपलब्धि के लिए एक प्रमाण पत्र भी सौंपा गया है.इससे पहले केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को 2024 में यह दर्जा मिल चुका है, लेकिन मिजोरम ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. सरकार ने यह दर्जा उन राज्यों को देने का निर्णय लिया है जो 97% से अधिक साक्षरता दर हासिल कर लेते हैं.
'उल्लास' नाम से चलाया गया विशेष साक्षरता अभियान
शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश की कुल साक्षरता दर 74.04% थी. यह दर धीरे-धीरे बढ़ रही थी, लेकिन बहुत तेज़ी से नहीं. इसी वजह से सरकार ने जुलाई 2023 में ‘उल्लास’ नाम से एक नया साक्षरता मिशन शुरू किया.इस मिशन के तहत साक्षरता के नए मानक तय किए गए और राज्यों को इसे लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. इस अभियान में स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई की सामग्री उपलब्ध कराई गई, जिससे लोगों को पढ़ना-लिखना सीखने में आसानी हुई.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने दी गति
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) ने भी इस मिशन को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई. इस नीति के तहत पढ़ाई को सरल और समझने लायक बनाया गया, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले कभी स्कूल नहीं जा पाए थे. स्थानीय भाषाओं और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों तक शिक्षा पहुँचाई गई.
प्रमाण पत्र सौंपा गया मुख्यमंत्री को
इस बड़ी उपलब्धि की घोषणा खुद केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने मिजोरम की राजधानी आइजोल में की. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री लालदुहोमा भी मौजूद थे। मंत्री ने उन्हें प्रमाण पत्र सौंपते हुए इस कामयाबी के लिए बधाई दी.
मिजोरम की आबादी और अन्य राज्यों की स्थिति
2011 में मिजोरम की जनसंख्या लगभग 19.80 लाख थी, जो अब बढ़कर करीब 25 लाख के आसपास हो चुकी है. छोटे राज्यों में साक्षरता का लक्ष्य हासिल करना थोड़ा आसान होता है क्योंकि इनकी आबादी कम होती है और काम तेजी से किया जा सकता है. शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, देश की मौजूदा साक्षरता दर अब लगभग 85% तक पहुँच चुकी है. यह 2011 के मुकाबले काफी सुधार है.
मिजोरम की इस सफलता ने पूरे देश के लिए एक मिसाल पेश की है. यह दिखाता है कि अगर सरकार और जनता मिलकर काम करें, तो साक्षरता जैसे बड़े लक्ष्य भी हासिल किए जा सकते हैं. उम्मीद है कि जल्द ही देश के बाकी राज्य भी इस राह पर आगे बढ़ेंगे और भारत पूरी तरह से साक्षर देश बन जाएगा.