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रोहित पवार और अजित पवार की हुई मुलाकात, दोनों ही नेताओं के बीच दिखा हंसी मजाक का माहौल

जब रोहित पवार ने अजित पवार का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पैर छूए, तो अजित पवार ने मजाक में कहा कि, “अगर मेरी तरफ से वहां कोई भी सभा हुई होती, तो निश्चित तौर पर तुम हार जाते। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ और तुम बच गए।” उनके इस बयान के बाद आसपास मौजूद लोगों की हंसी छूट गई और रोहित पवार भी अपनी हंसी रोक नहीं पाए।

Created By: NMF News
25 Nov, 2024
( Updated: 25 Nov, 2024
03:48 PM )
रोहित पवार और अजित पवार की हुई मुलाकात, दोनों ही नेताओं के बीच दिखा हंसी मजाक का माहौल
महाराष्ट्र के कराड में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान शरदचंद्र गुट के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के भतीजे रोहित पवार ने अजित पवार से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ही नेताओं के बीच हंसी मजाक का हल्का-फुल्का माहौल भी देखने को मिला। दोनों ही नेता अपने-अपने समर्थकों की ओर से घिरे हुए थे। 

इस बीच, जब रोहित पवार ने अजित पवार का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पैर छूए, तो अजित पवार ने मजाक में कहा कि, “अगर मेरी तरफ से वहां कोई भी सभा हुई होती, तो निश्चित तौर पर तुम हार जाते। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ और तुम बच गए।” उनके इस बयान के बाद आसपास मौजूद लोगों की हंसी छूट गई और रोहित पवार भी अपनी हंसी रोक नहीं पाए।
 
अजीत पवार के बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी हलचल तेज

हालांकि, अजीत पवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी हलचल तेज हो गई। बता दें कि रोहित पवार ने महाराष्ट्र की करजत जामखेड सीट से चुनाव लड़ा था। उन्हें भाजपा के राम शंकर शिंदे की तरफ से कड़ी टक्कर दी गई थी। उनकी जीत का मार्जिन महज 1200 वोट रहा। जिससे दोनों ही नेताओं के बीच कड़े मुकाबले का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, रोहित पवार को 1 लाख 27 हजार 676 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के उम्मीदवार प्रो. राम शंकर शिंदे को 1 लाख 26 हजार 433 लोगों ने वोट किया।

उधर, तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार रोहित चंद्रकांत पवार रहे। उनको 3,489 वोट मिले। रोहित चंद्रकांत को ही ‘डमी कैंडीडेट’ के रूप में देखा जा रहा है।

वहीं, अगर महाराष्ट्र की चुनावी स्थिति की बात करें, तो महायुति ने महाविकास अघाड़ी को चुनावी मैदान में पटखनी देकर अपने लिए सत्ता का मार्ग तैयार किया है। अब प्रदेश में इस बात को लेकर राजनीतिक बहस का सिलसिला शुरू हो चुका है कि मुख्यमंत्री पद की कमान किसे सौंपी जाएगी।

Input: IANS

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