CM धामी की मुहिम को रफ्तार दे रहे आचार्य आशीष सेमवाल, 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत Punarnava Resort में किया वृक्षारोपण
उत्तराखंड के मशहूर प्रकृति प्रेमी और पुनर्नवा रिजॉर्ट के संस्थापक आशीष सेमवाल जैसे एक प्रकृति प्रेमी के लिए इससे बेहतर और खास तोहफा और क्या हो सकता था कि जो कार्य और मुहिम आपके दिल के करीब है वह आपके जन्मदिन पर एक 'अभियान' बन जाए. सेमवाल जी के 42वें वसंत पर लोगों ने बड़ी संख्या में पेड़ लगाए. इस अवसर पर आचार्य आशीष सेमवाल ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए एक पदयात्रा भी की. इस पदयात्रा में उत्तराखंड समेत कई राज्यों से पहुंचे अपने-अपने क्षेत्र के गणमान्य भी शामिल हुए.
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'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के जरिए वृक्षारोपण की अलख जगाने वाले पीएम मोदी और सीएम पुष्कर सिंह धामी की मुहिम अब पूरे उत्तराखंड में रंग ला रही है. इसी कड़ी में 5 अगस्त, मंगलवार को देहरादून स्थित पुनर्नवा रिजॉर्ट में आचार्य आशीष सेमवाल के नेतृत्व में वृक्षारोपण किया गया. दरअसल, 5 अगस्त को पुनर्नवा रिजॉर्ट के संस्थापक आचार्य आशीष सेमवाल का जन्मदिन है. सेमवाल जी की ख्याति एक प्रकृति, पर्यावरण, संस्कृति, योग, संस्कार और अध्यात्म प्रेमी और इसके उत्थान के अगुआ की रही है. ऐसे में अगर आपके जन्मदिन पर इस से जुड़े कार्य हों, इसकी अलख जले, युवा पीढ़ी भी पेड़ और संस्कृति को बचाने का झंडा बुलंद करे तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है. यही कुछ हुआ सेमवाल जी के जन्मदिन पर जब बड़ी संख्या में जुटे प्रकृति प्रेमियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पर्यावरण उत्थान के लिए काम कर रहे वॉलंटियर्स ने आचार्य जी के जन्मदिन को बेहद खास बना दिया.
सेमवाल जी जैसे एक प्रकृति प्रेमी के लिए इससे बेहतर और खास तोहफा और क्या हो सकता था कि जो कार्य और मुहिम आपके दिल के करीब है वह आपके जन्मदिन पर एक 'अभियान' बन जाए. सेमवाल जी के 42वें वसंत पर लोगों ने बड़ी संख्या में पेड़ लगाए. इस अवसर पर आचार्य आशीष सेमवाल ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए एक पदयात्रा भी की. इस पदयात्रा में उत्तराखंड समेत कई राज्यों से पहुंचे अपने-अपने क्षेत्र के गणमान्य भी शामिल हुए.
'सांसें हो रही हैं कम, आओ पेड़ लगाएं हम'
वॉलंटियर्स द्वारा किए गए इस आयोजन से अभिभूत आचार्य आशीष सेमवाल ने अपने संबोधन में नारा दिया- 'सांसें हो रही हैं कम, आओ पेड़ लगाएं हम'. उन्होेंने कहा कि इस जन जागरण को हर घर तक पहुंचाना ही उनका लक्ष्य है. इसे लेकर वो हर जिले, तहसील और गांव तक पहुंचेंगे. आचार्य आशीष सेमवाल ने कहा कि जैसे एक मां अपने बच्चे की परवरिश करती है, वैसे ही धरती माता का संरक्षण भी हम सबकी जिम्मेदारी है. पर्यावरण को शुद्ध और सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए.
'जीवन के खास अवसरों पर लगाएं पेड़'
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए आचार्य आशीष सेमवाल ने लगों से आह्वान किया कि हर व्यक्ति अपने जीवन के सबसे अहम अवसरों पर पेड़ लगाने चाहिए. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत लोग अपने विवाह के शुभ अवसर से कर सकते हैं. दूल्हा और दुल्हन अपने जीवन की नई शुरुआत एक पेड़ लगाकर करें. इसके बाद हर संतान के जन्म पर एक पेड़ लगाएं, ऐसा करने से जब आपका बच्चा बड़ा होगा तो उसे गर्व होगा कि उसके माता-पिता ने उसे एक ऐसा यादगार तोहफा दिया है, जो सालों तक लोगों और पर्यावरण की भलाई करेगा.
पर्यावरण संरक्षण को कार्य-संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बनाने का आह्वान
आचार्य आशीष सेमवाल ने आम जनमानस से आह्वान किया कि पर्यावरण को लेकर सजग रहने का यह अभियान सिर्फ एक दिन का आयोजन ना रहे, बल्कि इसे एक सतत आंदोलन के रूप में जारी रखना होगा. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को अपनी कार्य-संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बनाएं. इस जनसहभागिता से ही हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं.
पदयात्रा से जुड़े 'ग्रीनमैन ऑफ इंडिया', सेमवाल के पर्यावरण संरक्षण अभियान को दीं शुभकामनाएं
आचार्य आशीष सेमवाल के जन्मदिन पर निकाली गई पदयात्रा में 'ग्रीनमैन ऑफ इंडिया' के नाम से मशहूर विजयपाल बघेल भी शामिल हुए. उन्होंने चिपको आंदोलन की जननी गौरा देवी की तस्वीर भेंट कर आचार्य सेमवाल को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दीं. 'ग्रीनमैन ऑफ इंडिया' ने भी लोगों से वृक्ष लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि एक पेड़ लगाने का पुण्य 10 संतानों को जन्म देने जितना है.
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उत्तराखंड के लिए इसी लिहाज से यह साल बेहद खास है. यह साल गौरा देवी जन्म शताब्दी के रूप में मनाया जा रहा है. उत्तराखंड वन विभाग ने भी पर्यावरण संरक्षण से जुड़े इस नाम को वन क्षेत्र में संजोकर रखने के लिए विशेष योजना तैयार की है. पूरे प्रदेश में 100 गोरा देवी वन वाटिका बनाई जाएगी. उत्तरकाशी से शुरुआत हो चुकी है.
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