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मानवता फिर हुई शर्मसार...जमीन में गड़े धन के लिए भतीजे ने मूक बधिर चाचा को भी नहीं बख्शा, दी दर्दनाक मौत...हैरान कर देगी कहानी

राजस्थान के बारां जिले के छीपाबड़ौद में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे सुनकर दिल दहल जाए. यहां घर में गड़ा धन निकालने के लिए अपने ही भतीजे ने एक बुजुर्ग की हत्या कर डाली. पढ़ें पूरी कहानी

08 Aug, 2025
( Updated: 09 Aug, 2025
05:35 PM )
मानवता फिर हुई शर्मसार...जमीन में गड़े धन के लिए भतीजे ने मूक बधिर चाचा को भी नहीं बख्शा, दी दर्दनाक मौत...हैरान कर देगी कहानी
गिरफ्तार किए गए आरोपी

राजस्थान के बारां जिले के छीपाबड़ौद थाना क्षेत्र के रावां गांव में 6 दिन पहले रात में एक बड़ी वारदात हुई. बदमाश घर में घुसकर गड़ा धन निकालने आए थे. जिस घर में यह वारदात हुई, उसका मालिक न सुन सकता था और न बोल सकता था. बदमाशों ने इसका फायदा उठाकर उसे बंधक बना लिया और जमीन में दबा धन खोजने लगे.

रात के अंधेरे में इन शातिर बदमाशों ने मूक-बधिर अधेड़ की हत्या कर दी और डकैती को अंजाम दिया. अब पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने गड़ा धन पाने के लिए यह वारदात की थी. पुलिस उनसे माल बरामदगी और बाकी खुलासों के लिए पूछताछ कर रही है.

बारां एसपी अभिषेक अंदासु ने बताया कि 3 अगस्त को रावां गांव में हत्याकांड की सूचना मिली. छीपाबड़ौद थानाधिकारी अजीत चौधरी जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे. मकान के अंदर पलंग पर रामचरण सुमन का शव पड़ा था. हाथ-पैर साफी और शर्ट से बंधे हुए थे. मुंह पर प्लास्टिक की टेप चिपकी हुई मिली. आरोपियों ने मकान के अंदर कमरे में चोरी की नीयत से एक गड्ढा भी खोद रखा था. पुलिस ने मृतक की बेटी सीमा सुमन की रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ हत्या और डकैती का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. मामले के खुलासे और आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई. 

भतीजे ने रची थी साजिश, 10 दिन में दो बार असफल  
टीमों ने मौके का निरीक्षण कर कई सबूत जुटाए. पुलिस ने कड़ी मेहनत और तकनीकी जांच के बाद ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश किया. पुलिस ने आरोपी छीपाबड़ौद निवासी राजा अली, राजेंद्र सुमन उर्फ बल्लू, भूरालाल उर्फ भूरा सुमन, विनोद कुमार सुमन, रावां निवासी कमल किशोर सुमन और पछाड़ निवासी ललित नागर को गिरफ्तार किया.

शक था कि मृतक रामचरण ने घर में धन गाड़ रखा था
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि परिवार और सगे संबंधियों को यह बात पता थी कि रामचरण सुमन मूक-बधिर है और घर पर अकेला ही रहता है. साथ ही लोगों को यह भी अंदेशा था कि उसके घर में कोई पुराना धन और जेवर आदि गड़ा हुआ है. उसके भतीजे कमल सुमन को भी इस बात की भली-भांति जानकारी थी. ऐसे में उसने यह बात अपने साथियों को बताई. इसके बाद सभी आरोपियों ने मिलकर गड़े हुए धन को बाहर निकालने के लिए साजिश रची थी. इससे पूर्व भी आरोपियों ने 10 दिन में दो बार वारदात कर धन निकालने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे थे.

जानिए हत्या की पूरी टाइमलाइन
2 अगस्त की रात 8 आरोपियों ने रामचरण के घर में घुसकर डकैती करने की योजना बनाई. इसमें उसके परिवार के सदस्य कमल सुमन और पड़ोसी भूरालाल सुमन ने गांव में रहकर छीपाबड़ौद से रावां आए 6 आरोपियों को जानकारी दी.

ये 6 आरोपी—ललित धाकड़, विनोद सुमन, राजेंद्र सुमन, राजा अली और दो अन्य—गैंती, ग्राइंडर, सरिया, प्लास्टिक टेप और अन्य सामान लेकर रावां गांव पहुंचे. उन्होंने अपनी कार गांव के बाहर खड़ी की और दो बाइकों पर घर के पास पहुंचे.

दो आरोपी बाहर बाइक के साथ निगरानी करते रहे, जबकि चार आरोपी पीछे के गेट को धक्का देकर अंदर घुस गए. उन्होंने रामचरण के हाथ-पैर साफी और शर्ट से बांध दिए और मुंह पर प्लास्टिक टेप चिपका दी, जिससे उसकी मौत हो गई.

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एसपी ने बताया कि पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से चोरी का माल बरामद करने की कोशिश कर रही है और बाकी फरार आरोपियों की तलाश जारी है.

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