सदानंदन मास्टर केरल के कन्नूर जिले के निवासी और पेशे से शिक्षक हैं. वे पिछले लगभग 50 वर्षों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं. उनका जन्म एक कम्युनिस्ट परिवार में हुआ, लेकिन युवावस्था में उन्होंने राष्ट्रवादी विचारधारा को अपनाया. 1994 में वामपंथ छोड़ने के कारण CPI(M) के कार्यकर्ताओं ने उन पर जानलेवा हमला किया और उनके दोनों पैर काट दिए गए. बावजूद इसके, उन्होंने हार नहीं मानी और नकली पैरों के सहारे फिर से चलना सीखा. वे समाजसेवा और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रहे और अब राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किए गए हैं.
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न्यूज13 Jul, 202503:15 PM1994 में वामपंथियों ने काट दिए थे पैर, अब राष्ट्रपति ने भेजा राज्यसभा, जानिए कौन हैं केरल के सदानंदन मास्टर
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राज्य13 Jul, 202501:42 PM'सामना' में मुंबई के लिए किया गया आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल, राम कदम बोले-'मति भ्रष्ट हो चुकी है, उद्धव ने किया अपमान, मागें माफी'
शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में मुंबई के लिए बेहद 'आपत्तिजनक शब्द' का इस्तेमाल किया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक राम कदम ने इस पर सख्त ऐतराज जताया है.
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धर्म ज्ञान13 Jul, 202501:34 PMRussia-Ukraine के बाद कौन-कौन से देश होंगे खत्म? संत बेत्रा अशोका जी की चेतावनी से मचा हड़कंप
भले ही ईरान और इज़रायल के बीच का युद्ध ख़त्म हो गया है, लेकिन रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के हालात दिन पर दिन भयावह होते जा रहे हैं, ऐसे में मौत का कफ़न बांधे कितने मुल्क अंतिम विश्व युद्ध में ख़त्म हो जाएँगे ? बता रहे हैं राष्ट्रभक्त विश्व विख्यात सुदर्शन चक्र ज्योतिषाचार्य श्री संत बेत्रा अशोका जी
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न्यूज13 Jul, 202512:51 PMसावन में शिव मंदिर के सामने मांस बेचने का विरोध करता था युवक, अकील और नासिर खान ने कार से कुचलकर मार डाला, दमोह में तनाव
सावन के शुरू होते ही जगह-जगह श्रद्धालुओं की भीड़ दिखने लगी है. लोग कांवड़ लेकर शिव मंदिर की तरफ बढ़ रहे हैं, इसी बीच दमोह से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहां एक युवक को मांस बेचने का विरोध करना भारी पड़ गया है.
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न्यूज13 Jul, 202512:40 PM70 लाख लोगों की समय से पहले मौत, रेत और धूल बनी बड़ी वजह, रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे
WMO के अनुसार, रेत और धूल के तूफान दुनियाभर में 150 से अधिक देशों में लगभग 33 करोड़ लोगों को प्रभावित कर रहे हैं. ये तूफान न केवल स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालते हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए भी बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं.