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'रहूं ना रहूं सच बताना चाहता हूं...'; सत्यपाल मलिक ने लिखा भावुक पोस्ट, कहा- हालत गंभीर है

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक पिछले एक महीने से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. इस बीच उन्होंने अस्पताल से अपने स्वास्थ्य को लेकर एक भावुक पोस्ट लिखा है. इसके अलावा उन्होंने इस पोस्ट में अपने 50 साल के राजनीतिक जीवन का भी जिक्र किया है.

07 Jun, 2025
( Updated: 09 Jun, 2025
10:36 AM )
'रहूं ना रहूं सच बताना चाहता हूं...'; सत्यपाल मलिक ने लिखा भावुक पोस्ट, कहा- हालत गंभीर है

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक इस समय अपनी स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं. वह गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर ICU में भर्ती कराया गया है. इस बीच पूर्व राज्यपाल ने अस्पताल से एक भावुक पोस्ट लिखा है. जहां उन्होंने सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए लिखा है कि उन्हें फंसाने की साजिश रची जा रही है. मैं एक सच बताना चाहता हूं कि अगर मेरे पास पैसे होते, तो मैं किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कर रहा होता. 

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अस्पताल से लिखा भावुक पोस्ट 

पिछले 1 महीने से स्वास्थ्य समस्याओं से गुजर रहे और अस्पताल में भर्ती पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि ' मैं पिछले 1 महीने से अस्पताल में भर्ती हूं और किडनी की समस्या से जूझ रहा हूं. परसों सुबह मैं ठीक था, लेकिन आज फिर से ICU में भर्ती होना पड़ा. मेरी हालत गंभीर होती जा रही है.' 

'मैं देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं'

सत्यपाल मलिक ने आगे लिखा कि मैं रहूं या ना रहूं, देशवासियों को मैं एक सच्चाई बताना चाहता हूं. जब गवर्नर के पद पर था, तो मुझे 150-150 करोड़ रुपए की रिश्वत पेश की गई. परंतु मैं अपनी राजनीतिक गुरु चौधरी चरण सिंह की तरह ईमानदारी से काम करता रहा और मेरा ईमान कभी वह डिगा नहीं सके. जब मैं गवर्नर था, तो उस समय आंदोलन भी चल रहा था. मैंने बिना किसी लोभ लालच के किसानों के मुद्दों को उठाया. फिर महिला पहलवान के आंदोलन में जंतर-मंतर से लेकर इंडिया गेट तक शामिल रहा. 

पुलवामा अटैक पर भी बोले सत्यपाल मलिक 

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पुलवामा अटैक के मुद्दे को भी उठाया. उन्होंने लिखा कि पुलवामा हमले में शहीद वीर जवानों के मामले को उठाया. जिसकी आज तक सरकार ने कोई जांच नहीं कराई. CBI का डर दिखाकर मुझे झूठे चार्जशीट में फंसाने की कोशिश की गई. जिस मामले मुझे फंसाना चाहते हैं. उस टेंडर को मैंने खुद निरस्त किया. मैंने प्रधानमंत्री जी को भी बताया था कि इस मामले में करप्शन है. उन्हें बताने के बाद मैंने टेंडर कैंसिल किया था. मेरा तबादला होने के बाद किसी अन्य के हस्ताक्षर से यह टेंडर पास हुआ. मैं किस काम से आता हूं, ना डरने वाला हूं, ना झुकने वाला हूं. 

'मेरे पास पैसा होता तो प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होता'

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने यह भी लिखा कि सरकार ने मुझे बदनाम करने के लिए पूरी ताकत लगा दी. अंत में मेरा सरकार और सरकारी एजेंसियों से अनुरोध है कि मेरे प्यारे देश की जनता को सच्चाई जरूर बताना कि मेरी छानबीन में क्या कुछ मिला. 

50 सालों में कई बड़े पदों पर सेवा करने का मौका मिला 

उन्होंने लिखा की 50 साल के लंबे राजनीतिक जीवन में बहुत बड़े-बड़े पदों पर सेवा करने का मौका मिला, लेकिन उसके बावजूद आज भी एक कमरे के मकान में रहता हूं. मुझ पर कर्ज भी है. अगर मेरे पास ज्यादा धन दौलत होती तो, मैं किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवा रहा होता.

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