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दानपेटी में गिरा मोबाइल, तो मंदिर ने लौटाने से किया इनकार! किसी दानपेटी में गिरे सामान की वापसी पर क्या कहता है कानून?

दुनिया भर में जितने भी धर्मस्थल हैं। उन सभी जगहों के डोनेशन कानून अलग-अलग हैं। यह कानून इसलिए बनाया जाता है। ताकि मैनेजमेंट सही से हो सके। हमारे यहां भी सभी मंदिरों में इसी मैनेजमेंट के तहत काम चलता है। लेकिन तमिलनाडु के मंदिर में जो भी हुआ। उसने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए। आखिर क्या कहता है दान को रीक्लेम वापस लेने का कानून ?

27 Dec, 2024
( Updated: 28 Dec, 2024
03:56 PM )
दानपेटी में गिरा मोबाइल, तो मंदिर ने लौटाने से किया इनकार! किसी दानपेटी में गिरे सामान की वापसी पर क्या कहता है कानून?
हाल ही में तमिलनाडु के अरूलमिगु कंदस्वामी मंदिर में दर्शन करने आए एक भक्त का आईफोन हुंडियाल यानी डोनेशन बॉक्स में गिर गया। उस भक्तगण ने उसे वापस लेने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन से अपील की। लेकिन नियमों के मुताबिक उसे वापस देने से इनकार कर दिया गया। हालांकि एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से यह जरूर कहा गया है कि अगर वह चाहें तो उसका डाटा मिल सकता है। यह पहली बार नही है। जो ऐसा हुआ है। इससे पहले पिछले साल मई महीने में  एक महिला भक्त की सोने की चेन दक्षिण के एक मंदिर में गिर गई थी। जिसके बाद महिला उसे वापस लेना चाहती थी। उसके बाद मंदिर प्रशासन ने पड़ताल की और सीसीटीवी फुटेज में साफ हो गया कि चेन वाकई गलती से गिरी थी। तब ट्रस्ट ने अपने खर्च पर उसी वजन और कीमत की नई सोने की चेन महिला को भिजवाई थी। अक्सर हम किसी भी तीर्थ स्थल पर दर्शन करने जाते हैं। तो दानपेटी में कुछ न कुछ जरूर दान करते हैं। हम सभी अपनी खुद की इच्छा से दान के रूप में पैसा,सोना,चांदी कई और अन्य चीजें भी चढ़ाते हैं। लेकिन अगर आपके द्वारा दानपेटी में कोई सामान गलती से गिर गया। तो क्या मंदिर प्रशासन की तरफ से उसे वापस लिया जा सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इसको लेकर क्या कहता है कानून? 

दुनिया भर में अलग-अलग धर्मों के मुताबिक कई डोनेशन कानून


दुनिया भर में जितने भी धर्मस्थल हैं। उन सभी जगहों के डोनेशन कानून अलग-अलग हैं। यह कानून इसलिए बनाया जाता है। ताकि मैनेजमेंट सही से हो सके। हमारे यहां भी सभी मंदिरों में इसी मैनेजमेंट के तहत काम चलता है। लेकिन तमिलनाडु के मंदिर में जो भी हुआ। उसने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए। 

क्या कहता है भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882? 


बता दें कि भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 के तहत मंदिरों को चैरिटेबल व धार्मिक ट्रस्ट के रूप में देखा गया है। यह दान और चंदे से जुड़ी चीजों को मैनेज करते हैं। इस कानून के तहत यह देखना होता है कि इन चंदों का सही इस्तेमाल हो सके। बता दें कि हिंदू धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्ट अधिनियम सिर्फ कुछ राज्यों के लिए बनाया गया है। इनमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल है। इसके लिए राज्य ही बोर्ड बनाती है। दरअसल, इस कानून के तहत यह तय किया जाता है कि मंदिरों को जो भी दान मिल रहे हैं। वह सिर्फ चैरिटी के लिए इस्तेमाल हो। कई राज्यों में मंदिर और धार्मिक ट्रस्टों के लिए विशेष आयोग की टीम गठित की जाती है। जिनके पास मंदिर में चढ़ावा, धार्मिक गतिविधियों व उसके प्रबंधन के देखरेख की जिम्मेदारी होती है। इसके अलावा एक फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट भी है। जहां मंदिरों को विदेश से मिलने वाले किसी भी तरह के दान के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। 

क्या दानपेटी में गिरा कोई सामान वापस हो सकता है? 


कोई भी दान आमतौर पर अपनी इच्छा से किया जाता है, लेकिन हिंदू धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्ट अधिनियम के तहत दान पत्र में  गिरी हुई कोई भी चीज वापस नहीं हो सकती। ऐसा माना जाता है कि दान पत्र में गिरी हुई कोई भी चीज ईश्वर की हो गई। जो चीज एक बार उनकी हो गई। उसे धार्मिक नजरिए से वापस नहीं किया जा सकता। वह चाहे धन हो सोना, चांदी, मकान या कोई अन्य चीज क्यों ना हो। यह सभी मंदिर की प्रॉपर्टी हो जाती हैं। उसका इस्तेमाल चैरिटी के तौर पर होता है। वहीं अगर किसी व्यक्ति ने ज्यादा डोनेशन दे दिया है। उसके बाद वह यह कह दे कि उसका इरादा इतने बड़े डोनेशन का नहीं था। तो इसके लिए वह सिर्फ मंदिर प्रशासन से गुजारिश कर सकता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि मंदिर प्रशासन यह दान उसे वापस दे देगा। कोई कोई भी गलती से किया हुआ दान वापस करने का फैसला सिर्फ एडमिनिस्ट्रेशन का हो सकता है। हाल ही में आईफोन का जो मामला सामने आया। वह गलती से हुआ था। ऐसे मामले को कोर्ट में ले जाया जा सकता है। लेकिन वहां साबित करना होगा कि उसका दान करने का इरादा नहीं था। हालांकि यह मामला कोर्ट में जाने पर सुनवाई दोनों पक्षों में जा सकती है।

क्या अपने दान को रीक्लेम कर सकते हैं ? 


1 - किसी भी मंदिर या धार्मिक ट्रस्ट में दान करते वक्त अगर आपके मन में यह सवाल उठता है कि आपसे लिया गया पैसा धोखे से लिया गया है। तो इसके लिए आप सिविल कोर्ट में केस दाखिल कर सकते हैं। 

2 - अगर आपने किसी भी जगह दान किया है और वहां दान की गई राशि की भरपाई हो चुकी है। मतलब ट्रस्ट या मंदिर को जितनी दान राशि की जरूरत थी। उतनी पूरी हो चुकी है। तो उस कंडीशन में आपके द्वारा दान की गई राशि वापस हो सकती है। इसके अलावा किसी स्कूल या अस्पताल के बनने पर अगर आपने कोई राशि दान की है। तो ऐसे में आप अपना दान वापस ले सकते हैं। 

3 - आपके द्वारा दान देने के बाद ट्रस्ट या संस्थान तय शर्तों के आधार पर दान करने वाला व्यक्ति कानूनी तौर पर इसे वापस लेने की कोशिश कर सकता है। 

4 - अगर कोई दानकर्ता इनकम टैक्स में छूट के लिए दान किया है और उसे वापस लेना चाहे तो वह छूट अपने आप खत्म हो जाएगी।

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