अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली नागपुर जेल से रिहा, शिवसेना नेता की हत्या के आरोप में 18 साल से था बंद
अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली 18 साल के बाद नागपुर जेल से बाहर आया आ गया है. उसे 2007 में शिवसेना नेता कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
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हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अरुण गवली को जमानत दी थी. इसके बाद बुधवार को डॉन अरुण गवली बेल पर नागपुर जेल से छूटा है. नागपुर पुलिस सुरक्षा के बीच अरुण गवली की रिहाई हुई. बताया जा रहा है कि पुलिस टीम बुधवार को उसे नागपुर के बाबासाहेब अंबेडकर एयरपोर्ट पर लेकर आई, फिर विमान से मुंबई के लिए रवाना हुई थी.
उम्रकैद की सजा काट रहा था गवली
अरुण गवली, जो 2004 में मुंबई की एक विधानसभा सीट से विधायक भी चुना गया था, वह मुंबई के शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में नागपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था.
अरुण गवली को शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की 2007 में हुई हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. मुंबई सत्र न्यायालय ने 2012 में गवली को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद उसे नागपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट में दी थी फैसले को चुनौती
गिरफ्तारी के बाद अरुण गवली ने समय-समय पर अदालतों का रुख किया. उसने सत्र न्यायालय के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि 2019 में हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा. गवली की ओर से जमानत को लेकर याचिकाएं दायर की गईं.
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आखिर में अरुण गवली ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया पिछले हफ्ते 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना पार्षद हत्या मामले में गवली को जमानत दी. गवली की उम्र (73 साल) और लंबी सजा अवधि (18 साल की सजा) को देखते हुए अदालत ने जमानत को मंजूर किया.
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