भारत की एयर डिफेंस वॉल के आगे फेल हुए पाकिस्तान के तुर्की ड्रोन और चीनी मिसाइल
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तीन दिन तक चले हवाई तनाव के दौरान पाकिस्तान ने अपने तुर्की-निर्मित ड्रोन और चीन की PL-15 मिसाइलों का उपयोग कर भारतीय सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की. लेकिन भारत की बहुस्तरीय वायु सुरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान की हर कोशिश को नाकाम कर दिया. यह घटना न केवल भारतीय सैन्य ताकत का प्रमाण है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की रक्षा तैयारियों की सफलता भी दर्शाती है.

पाकिस्तान ने हाल ही में अपने सैन्य प्रदर्शन में जितनी ताकत झोंकी, उतनी ही नाकामी भी उसका पीछा करती रही. तुर्की के बनाए कामिकाज़े ड्रोन से लेकर चीन के अत्याधुनिक PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल तक, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ हर आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया, लेकिन इन सभी प्रयासों को भारत की मजबूत और सतर्क एयर डिफेंस वॉल ने पूरी तरह नाकाम कर दिया. 12 मई को वरिष्ठ भारतीय सैन्य अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि तीन दिनों तक चले तनावपूर्ण हालात में पाकिस्तान की आक्रामक कोशिश को हमारे डिफेंस नेटवर्क ने सफलता से विफल किया.
पाकिस्तान की रणनीति और भारत की तैयारी
हाल ही में पाकिस्तान की तरफ से आक्रामक रुख अपनाते हुए हवा में कुछ खास तरह की गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश की गई. इसमें तुर्की के Byker Yiha जैसे आत्मघाती ड्रोन और Asisguard Songar ड्रोन को भारतीय सीमा के पास लाया गया. साथ ही चीन में बने PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम को भी एक्टिव किया गया. इन सभी हथियारों का उद्देश्य भारतीय वायु क्षेत्र में सेंध लगाना और भारतीय ठिकानों पर निशाना साधना था. लेकिन भारतीय रक्षा प्रणाली ने इन सभी कोशिशों को हवा में ही रोक दिया.
भारतीय वायुसेना की इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम यानी बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने यह सुनिश्चित किया कि दुश्मन की कोई भी गतिविधि भारतीय सीमा में दाखिल न हो पाए. इसमें रडार ट्रैकिंग से लेकर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और फाइटर जेट की त्वरित प्रतिक्रिया शामिल थी. इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक साथ कई दिशाओं से होने वाले हमलों को पहचान कर उनका तुरंत जवाब दे सकता है.
आधुनिक तकनीक के आगे भारतीय रणनीति भारी
पाकिस्तान ने अपने ड्रोन और मिसाइल सिस्टम को आधुनिक दिखाने के लिए तुर्की और चीन की मदद ली है. खासतौर पर PL-15 मिसाइल को अत्याधुनिक माना जाता है क्योंकि इसकी रेंज करीब 300 किलोमीटर तक मानी जाती है और यह फाइटर जेट्स को लंबी दूरी से निशाना बना सकती है. वहीं, तुर्की के Byker Yiha ड्रोन को ‘कामिकाज़े ड्रोन’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह खुद को लक्ष्य पर गिरा कर विस्फोट करता है. लेकिन भारत के पास मौजूद स्वदेशी और आयातित दोनों प्रकार की डिफेंस तकनीकों ने इन सभी हथियारों को निष्क्रिय कर दिया.
भारतीय वायुसेना के पास S-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम, आकाश मिसाइल सिस्टम, और इजरायली मूल का स्पाइडर एयर डिफेंस सिस्टम जैसे हाई-टेक सुरक्षा उपकरण मौजूद हैं. इसके साथ ही भारतीय रडार नेटवर्क इतना सटीक और तेज है कि दुश्मन की किसी भी हरकत को सैकड़ों किलोमीटर दूर से पकड़ लेता है. यही वजह है कि पाकिस्तान की तरफ से की गई कोई भी कोशिश कामयाब नहीं हो पाई.
पाकिस्तान की नाकामी और भारत की चेतावनी
इस नाकामी के बाद पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किरकिरी हो रही है. यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने इस तरह की हरकत की हो, लेकिन हर बार भारत की सख्त तैयारी ने उसे पीछे हटने पर मजबूर किया है. भारतीय रक्षा सूत्रों का कहना है कि यदि पाकिस्तान भविष्य में किसी भी तरह की सैन्य मूर्खता दोहराने की कोशिश करता है, तो उसका जवाब और भी कड़ा होगा. भारत ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए हर स्तर पर तैयार है.
भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति का असर
इस पूरे घटनाक्रम में एक बात और खास तौर पर उभर कर आई है भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति यानी ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता. भारत अब सिर्फ विदेशों से हथियार खरीदने वाला देश नहीं रहा. बल्कि देश में ही अत्याधुनिक ड्रोन, मिसाइल और रडार सिस्टम बनाए जा रहे हैं. DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) और HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) जैसी संस्थाएं अब दुनिया के सबसे ताकतवर डिफेंस नेटवर्क्स की सूची में भारत को शामिल कर चुकी हैं.
यह साफ हो चुका है कि पाकिस्तान अपने आधुनिक हथियारों के बावजूद भारत की एयर डिफेंस को भेदने में पूरी तरह असफल रहा है. भारत की बहुस्तरीय सुरक्षा प्रणाली ने एक बार फिर साबित किया है कि देश अब सिर्फ हमले झेलने वाला नहीं, बल्कि पलटवार करने में भी सक्षम है. आने वाले समय में अगर पाकिस्तान या कोई और देश भारत की सीमाओं पर आंख उठाने की कोशिश करता है, तो उसे इसी तरह करारा जवाब मिलेगा.