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‘इमरजेंसी का दौर याद आया’ घरों पर चला बुलडोजर, 400 परिवार बेघर, कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

बेंगलुरु में कई घरों पर बुलडोजर एक्शन से 400 से ज्यादा परिवार सड़कों पर आ गए. इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस और लेफ्ट के बीच नई जुबानी जंग छिड़ गई है.

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27 Dec 2025
( Updated: 27 Dec 2025
04:16 PM )
‘इमरजेंसी का दौर याद आया’ घरों पर चला बुलडोजर, 400 परिवार बेघर, कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

Bengaluru Bulldozer Action: कर्नाटक में इन दिनों बुलडोजर एक्शन की चर्चा है. यहां राजधानी बेंगलुरु में 400 ज़्यादा घरों को गिराया गया है. इनमें ज्यादातर घर मुस्लिम समुदाय के लोगों के थे. कर्नाटक सरकार के इस कदम की आलोचना हो रही है. 

बताया जा रहा है बेंगलुरु में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने बुलडोजर को हथियार बनाया. जबकि कांग्रेस इन राज्य सरकारों का विरोध करती है जो बुलडोजर एक्शन लेती हैं. 22 दिसंबर को करीब सुबह 4 बजे बेंगलुरु के कोगिलु गांव के कई घरों पर बुलडोजर कार्रवाई शुरू की गई थी. इनमें फकीर कॉलोनी और वसीम लेआउट के इलाके शामिल हैं. 

400 परिवार हुए बेघर 

इस साल बेंगलुरु में सबसे ज्यादा ठंड पड़ रही है और ऐसे समय में सरकार ने बुलडोजर एक्शन लिया. जिसमें करीब 400 से ज्यादा मुस्लिम परिवार बेघर हो गए. सरकार की इस कार्रवाई का विरोध हो रहा है. लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. आरोप है कि उन्हें सरकार की ओर से कोई नोटिस भी नहीं दिया गया. जबकि सरकार का तर्क है कि जिन घरों को तोड़ा गया है वह उर्दू गवर्नमेंट स्कूल के पास एक झील के किनारे सरकारी ज़मीन पर अवैध रूप से बने थे. 

लोगों का कहना है कि ठंड में आशियाने छीन लिए गए. अस्थायी शेल्टर होम में रातें बिताने को मजबूर हैं. लोगों का दावा है कि उन्हें यहां रहते हुए 20 साल से ज्यादा का समय हो गया. वहीं, इस कार्रवाई पर केरल की पिनाराई विजयन सरकार और CPI ने भी नाराजगी जताई है. 

केरल के CM पिनाराई विजयन ने क्या कहा? 

मुस्लिमों के घर पर बुलडोजर चला तो कांग्रेस के समर्थक दल भी बैचेन हो गए. केरल की पिनाराई विजयन सरकार ने इसे ‘अल्पसंख्यक विरोधी राजनीति’ बताया. CM पिनाराई विजयन ने कहा, दुख की बात है कि संघ परिवार की अल्पसंख्यक विरोधी राजनीति अब कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के तहत चलाई जा रही है. जब कोई सरकार डर और ज़बरदस्ती से शासन करती है, तो संवैधानिक मूल्य और मानवीय गरिमा सबसे पहले शिकार होती है. 

केरल के मंत्री वी शिवनकुट्टी ने भी सवाल उठाए. उन्होंने इसे अमानवीय कार्रवाई बताते हुए कहा, यह इमरजेंसी के दौर की याद दिलाती है. जो लोग धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के नाम पर सत्ता में आए हैं, वे गरीब लोगों के घरों को तोड़कर एक बार फिर अपना पाखंड दिखा रहे हैं. 

कर्नाटक सरकार ने क्या कहा? 

बुलडोजर एक्शन को लेकर सवालों में घिरी कांग्रेस सरकार ने सफाई जारी की. डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने लेफ्ट और केरल सरकार को भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, इस इलाके में लैंड माफियाओं का कब्जा हो रहा था. कुछ लोग सरकारी जमीन को बस्ती बसाने में बदल रहे थे. उन्होंने बुलडोजर को लेकर कहा, कार्रवाई से पहले लोगों को दूसरी जगह पर शिफ्ट होने का समय दिया गया था. हम बुलडोज़र चलाने में विश्वास नहीं करते.

डीके शिवकुमार ने पिनाराई विजयन पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा, पिनाराई विजयन जैसे सीनियर नेताओं को बेंगलुरु की समस्याओं के बारे में पता होना चाहिए. हम अपने शहर में ऐसी झुग्गियों को बढ़ावा नहीं देना चाहते जो लैंड माफिया की एक्टिविटीज़ को बढ़ावा देती हैं. बहरहाल दूसरे राज्यों में अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई को गलत बताने वाली कांग्रेस सरकार अब खुद अपने शासन में वही तरीका अपना रही है. इस मामले ने राजनीति को गर्मा दिया है और कांग्रेस-लेफ्ट के बीच नई जुबानी जंग भी छेड़ दी है. 

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