भारत महत्वपूर्ण शक्ति, दिख भी गया... उधर वाशिंगटन में ट्रंप से मिलने पहुंचे जेलेंस्की, इधर पुतिन ने PM मोदी को घुमा दिया फोन, क्या बात हुई?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की. बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अलास्का में हुई अपनी बैठक के बारे में जानकारी दी. पुतिन की ऐसे वक्त में कॉल आई है जब वाशिंगटन में ट्रंप और नाटो देशों के नेताओं के साथ जेलेंस्की की एक बहुप्रतीक्षित बैठक होने वाली है.
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की है. इस दौरान पुतिन ने अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई अपनी हालिया मुलाकात की जानकारी पीएम मोदी के साथ साझा की. 15 अगस्त को ट्रंप और पुतिन के बीच अलास्का में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बातचीत हुई थी. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य संघर्ष विराम को लेकर सहमति बनाना था, लेकिन दोनों नेताओं के बीच किसी ठोस नतीजे पर सहमति नहीं हो सकी. टेलीफोनिक बातचीत में पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को इस बैठक की प्रमुख बातें और वर्तमान स्थिति से अवगत कराया.
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत हमेशा से यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और संवाद-कूटनीति के माध्यम से विवाद सुलझाने का पक्षधर रहा है. उन्होंने इस संबंध में उठाए जाने वाले हर प्रयास के प्रति भारत के समर्थन को दोहराया.
Thank my friend, President Putin, for his phone call and for sharing insights on his recent meeting with President Trump in Alaska. India has consistently called for a peaceful resolution of the Ukraine conflict and supports all efforts in this regard. I look forward to our…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 18, 2025
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा: ''मेरे मित्र, राष्ट्रपति पुतिन को उनके फोन कॉल और अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी हालिया मुलाकात के बारे में जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद. भारत ने यूक्रेन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार आह्वान किया है और इस संबंध में सभी प्रयासों का समर्थन करता है. मैं आने वाले दिनों में हमारे निरंतर आदान-प्रदान की आशा करता हूं.'' पुतिन का प्रधानमंत्री मोदी को ऐसे वक्त पर फोन आया है जब अमेरिका में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ वाशिंगटन में एक बड़ी वार्ता होने वाली है. इस बैठक में नाटो देशों के कई राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल होंगे. पुतिन की कॉल दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत और भूमिका के बारे में बताता है. आपको ज्ञात हो कि पुतिन ने ट्रंप के साथ मीटिंग से पहले हुए एक सवाल के जवाब में कहा था कि वैश्विक मामलों में हिंदुस्तान की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहती है.
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की और भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता जताई. साथ ही, उन्होंने आपसी संपर्क बनाए रखने पर भी सहमति जताई.
10 दिन पहले भी हुई थी पीएम मोदी की पुतिन के साथ टेलिफोनिक बातचीत
इससे पहले, 8 अगस्त को भी प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई थी. उस दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन से जुड़े हालिया घटनाक्रमों की जानकारी दी थी. प्रधानमंत्री मोदी ने विस्तारपूर्वक जानकारी साझा करने के लिए उनका धन्यवाद किया था और भारत की स्थायी नीति दोहराई थी कि किसी भी संघर्ष का समाधान केवल शांतिपूर्ण संवाद और कूटनीति से ही संभव है.
साल के अंत में भारत के दौरे पर आएंगे पुतिन
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को इस वर्ष के अंत में भारत में होने वाले 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित भी किया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा था, “मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से बहुत ही अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई. हमने द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की और भारत-रूस की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता दोहराई. इस वर्ष के अंत में भारत में राष्ट्रपति पुतिन की मेजबानी की प्रतीक्षा है.”
2024 में रूस के दौरे पर गए थे पीएम मोदी
गौरतलब है कि राष्ट्रपति पुतिन की आखिरी भारत यात्रा दिसंबर 2021 में हुई थी, जब उन्होंने नई दिल्ली में 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया था. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष रूस के दो अहम दौरे, जुलाई में 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन और अक्टूबर में कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन, किए थे.
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अमेरिकी टैरिफ पर भारत कर चुका है अपना स्टैंड साफ
भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ पर कड़ी आपत्ति जताई है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हाल के दिनों में अमेरिका ने भारत के रूस से तेल आयात को लेकर लगातार निशाना साधा है, जबकि भारत पहले ही इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट कर चुका है. भारत ने कहा कि उसका रूस से तेल खरीदना पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार की परिस्थितियों और देश की ऊर्जा जरूरतों पर आधारित है. 1.4 अरब भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना भारत की प्राथमिकता है. अमेरिका का यह कदम न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि अन्यायपूर्ण और अव्यवहारिक भी है, खासकर तब जब कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों के तहत रूस से तेल आयात कर रहे हैं. भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा.
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