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सीएम योगी के प्रयासों से दलित, पिछड़ा व अल्पसंख्यक बेटियों के लिए वरदान बनी 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना', 4 लाख से अधिक कन्याओं की हुई शादी

बता दें कि बीते 8 वर्षों में इस योजना के तहत 4 लाख से अधिक गरीब कन्याओं की शादी योगी सरकार द्वारा पूरे रीति-रिवाज और सम्मान के साथ कराई जा चुकी है. चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 57 हजार के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक करीब 1.20 से अधिक आवेदन आ चुके हैं, जिसमें करीब 14 हजार से अधिक गरीब कन्याओं की शादी संपन्न कराई जा चुकी हैं. इसके अलावा विभागीय अधिकारियों की माने, तो आने वाले दिनों में इस संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है.

सीएम योगी के प्रयासों से दलित, पिछड़ा व अल्पसंख्यक बेटियों के लिए वरदान बनी 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना', 4 लाख से अधिक कन्याओं की हुई शादी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में हर एक वर्गों के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रही है. इनमें खासकर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के परिवारों में हर एक तरीके से सकारात्मक बदलाव लाने का एक बेहतरीन प्रयास किया है. कई सारी योजनाओं में सीएम योगी की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक परिवारों के लिए मदद के तौर पर एक वरदान साबित हो रही है. साल 2017 में शुरू हुई यह योजना इन वर्गों की बेटियों के लिए सामाजिक समरसता और समावेशिता को भी मजबूत कर रही है. 

4 लाख से अधिक गरीब कन्याओं की शादी हुई 

बता दें कि बीते 8 वर्षों में इस योजना के तहत 4 लाख से अधिक गरीब कन्याओं की शादी योगी सरकार द्वारा पूरे रीति-रिवाज और सम्मान के साथ कराई जा चुकी है. चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 57 हजार के लक्ष्य के सापेक्ष अबतक करीब 1.20 से अधिक आवेदन आ चुके हैं, जिसमें करीब 14 हजार से अधिक गरीब कन्याओं की शादी संपन्न कराई जा चुकी हैं. इसके अलावा विभागीय अधिकारियों की माने, तो आने वाले दिनों में इस संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है.

वंचित वर्गों को मिल रहा खास लाभ 

योगी सरकार की इस योजना से वंचित वर्गों को बड़ा लाभ मिल रहा है. वहीं सरकार विपक्ष की राजनीति को आईना दिखा रही. इस योजना ने उन राजनीतिक दलों को कठघरे में खड़ा कर दिया है, जो लंबे समय तक पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग की राजनीति के सहारे सत्ता का आनंद लेते रहे, लेकिन उनके लिए ठोस विकास कार्य करने में विफल रहे. विपक्ष की राजनीति को आइना दिखाते हुए, इस योजना ने यह साबित कर दिया है कि केवल वादों से नहीं, बल्कि ठोस कदमों से ही समाज का सशक्तीकरण संभव है.

सीएम योगी का यह कदम पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन चुका है. योगी सरकार ने विकास और समावेशिता को प्राथमिकता देकर यह साबित कर दिया है कि उनकी सरकार "सबका साथ, सबका विकास" के सिद्धांत पर अडिग है.

कमजोर वर्गों के लिए जीवन बदलने वाली योजना

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के आंकड़े यह स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए यह योजना कितनी प्रभावशाली साबित हुई है. अब तक इस योजना का सबसे अधिक लाभ दलित वर्ग ने उठाया है, जिसमें 2.20 लाख से अधिक गरीब परिवारों की बेटियों की शादी कराई गई है. वहीं, पिछड़े वर्ग के 1.30 लाख परिवार और अल्पसंख्यक वर्ग के 40,000 से अधिक परिवार इस योजना के लाभार्थी बने हैं. वहीं सामान्य वर्ग के करीब 16,000 गरीब परिवारों ने अब तक सामूहिक विवाह योजना का लाभ लिया है. 

2025 और 26 में 1.20 लाख से अधिक आवेदन 

एक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक 1.20 लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं. इनमें 21,000 से अधिक को अप्रूवल मिल चुका है. वहीं 18,000 से अधिक आवेदन रिजेक्ट हो चुका है. इसके अलावा 14,000 से अधिक शादियां हो चुकी हैं. 

सामुदायिक भावना और महिलाओं के सम्मान को बढ़ाने का प्रयास 

योगी सरकार की इस योजना के प्रभारी उपनिदेशक आर.पी. सिंह ने बताया कि 'यह न केवल एक सामाजिक सहायता है, बल्कि सामूहिक सहयोग, सामुदायिक भावना और महिलाओं के सम्मान को बढ़ाने का प्रयास भी है. यह योजना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की बेटियों की शादी का सपना पूरा कर रही है, बल्कि यह उन्हें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान कर रही है. इस विवाह समारोह में हर जोड़े को एक लाख रुपए की मदद दी जाती है, जिसमें विवाह से जुड़ी आवश्यक सामग्री, वधू के खाते में नकद धनराशि और आयोजन की व्यवस्था शामिल होती है.' 

योगी सरकार पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के लिए प्रतिबद्ध 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने साढ़े 8 वर्षों के कार्यकाल में बार-बार यह दिखाया है कि उनकी प्राथमिकता वंचित वर्गों को सशक्त बनाना है. इस योजना के माध्यम से वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रदेश के सभी वर्ग, विशेषकर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक, मुख्यधारा से जुड़े और उनके विकास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. यही वजह है कि इस योजना के लिए योगी सरकार ने अब तक करीब 2,200 लाख रुपए से अधिक की धनराशि खर्च कर चुकी है. वहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस मद में 550 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है. 

किस वर्ग को कितना लाभ

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वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक दलित और पिछड़ा वर्ग को सबसे अधिक लाभ मिला है. इनमें सामान्य वर्ग 494 (जोड़ा), अल्पसंख्यक वर्ग 828 (जोड़ा), ओबीसी वर्ग 5500 (जोड़ा) और दलित वर्ग 6556 (जोड़ा) शामिल है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह जाति और धर्म की सीमाओं को पार कर सभी को समान अवसर प्रदान करती है. विवाह समारोह में धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है, चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई समुदाय का हो. यह पहल सामाजिक समरसता और भाईचारे का भी संदेश देती है.

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