Advertisement

Digha Jagannath Mandir पर घिरीं CM Mamata, क्यों उठी नाम बदलने की मांग ?

Murshidabad दंगे के बाद हिंदू समाज ममता सरकार से क्या कम नाराज था कि अब सीएम ममता बनर्जी ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिससे हिंदू समाज इस कदर भड़क गया कि उनसे माफी की मांग तक कर दी
Digha Jagannath Mandir पर घिरीं CM Mamata, क्यों उठी नाम बदलने की मांग ?

वक्फ कानून के विरोध के नाम पर किस कदर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद को जलाया गया. हिंदुओं पर अत्याचार हुए. तीन हिंदुओं की जान तक चली गई. पूरे देश ने देखा है. इस खौफनाक वारदात के बाद हिंदू समाज ममता सरकार से क्या कम नाराज़ था कि अब सीएम ममता बनर्जी ने एक ऐसा बयान दे दिया है. जिससे हिंदू समाज इस कदर भड़क गया कि उनसे माफ़ी की मांग तक कर दी.

उत्तराखंड का बद्रीनाथ धाम. गुजरात का द्वारका धाम. तमिलनाडु का रामेश्वर धाम. और ओडिशा का जगन्नाथ धाम. सनातन धर्म में इन चारों धाम का बड़ा महत्व माना जाता है. जहां हर साल हिंदुओं का सैलाब उमड़ता है. क्योंकि हर हिंदू अपने जीवन में कम से कम एक बार चार धाम की यात्रा जरूर करना चाहता है. इसी बात से समझ सकते हैं कि सनातन धर्म में ये चारों धाम कितने पवित्र माने जाते हैं. लेकिन इसके बावजूद लगता है पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को ये बात समझ में नहीं आ रही है. इसीलिए जिस बंगाल के दीघा में कुछ ही दिनों पहले जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन किया गया. और खुद सीएम ममता बनर्जी उस जगन्नाथ मंदिर का नाम जगन्नाथ धाम रख दिया. जिससे बवाल मचा हुआ है. क्योंकि पूरी दुनिया में सिर्फ एक ही जगन्नाथ धाम है. और वो ओडिशा के पुरी में स्थित है. लेकिन इसके बावजूद सीएम ममता बनर्जी ने बंगाल के दीघा में बने नए नवेले जगन्नाथ मंदिर का नाम जगन्नाथ धाम कर दिया.

जिस पर पुरी में स्थित जगन्नाथ धाम के वरिष्ठ दइतापति रामकृष्ण दास महापात्र...

पुरी जगन्नाथ धाम के वरिष्ठ दइतापति भी ये बात मानते हैं कि दीघा में बने जगन्नाथ मंदिर का नाम जगन्नाथ धाम नहीं हो सकता. इसीलिए उन्होंने ममता सरकार से मंदिर का नाम बदलने की मांग की है.

तो वहीं दूसरी तरफ पुरी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने भी इस मामले में ममता सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरे विश्व में जगन्नाथ धाम एक ही है. दूसरे किसी स्थान को जगन्नाथ धाम कहना सही नहीं है.

ओडिशा के सैंड आर्टिस्ट पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने भी पश्चिम बंगाल के जगन्नाथ मंदिर का नाम जगन्नाथ धाम करने पर आपत्ति जताई है. और ओडिशा सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द बंगाल के जगन्नाथ मंदिर के नाम से धाम शब्द हटाया जाए.

पश्चिम बंगाल में बने जगन्नाथ मंदिर के नाम में धाम शब्द जोड़ने पर कुछ इसी तरह से विरोध जताया जा रहा है. क्योंकि भगवान जगन्नाथ का मंदिर तो कहीं भी बनाया जा सकता है. लेकिन जगन्नाथ धाम सिर्फ एक ही है. और वो ओडिशा के पुरी में स्थित है. जिसे चारों धामों में से एक माना जाता है. जिसका इतिहास सदियों पुराना है.

वहीं पश्चिम बंगाल के दीघा में बने जगन्नाथ मंदिर के बारे में आपको बता दें.

पश्चिम बंगाल के जगन्नाथ मंदिर की खासियत 

  • पश्चिम बंगाल के दीघा रेलवे स्टेशन के पास बना है ये भव्य मंदिर.
  • 2018 में 20 एकड़ जमीन पर मंदिर बनाने का ऐलान किया गया.
  • साल 2022 में अक्षय तृतीया के दिन मंदिर का निर्माण शुरू हुआ.
  • 30 अप्रैल 2025 को सीएम ममता की मौजूदगी में उद्घाटन हुआ.
  • पारंपरिक कलिंग वास्तुकला शैली में बनाया गया है ये मंदिर.
  • पुरी के जगन्नाथ मंदिर से प्रेरित है दीघा का ये जगन्नाथ मंदिर.
  • राजस्थान से आए गुलाबी बलुआ पत्थर से हुआ मंदिर का निर्माण.
  • मंदिर में गर्भगृह, सभा मंडप, नृत्य मंडप, प्रसाद मंडप भी बना है.
  • मंदिर में चार द्वार - सिंह द्वार, व्याघ्र द्वार, हस्ति द्वार, अश्व द्वार हैं.
  • पुरी मंदिर की तरह यहां भी शाम को शिखर पर ध्वज लहराया जाएगा

ओडिशा के पुरी में जिस तरह से सदियों पुराना भव्य जगन्नाथ मंदिर है. कुछ इसी तर्ज पर सीएम ममता के बंगाल में भी जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किया गया है. लेकिन विवाद तब शुरू हुआ जब जगन्नाथ मंदिर के नाम में सीएम ममता बनर्जी ने धाम शब्द जोड़ दिया. क्योंकि जगन्नाथ धाम सिर्फ एक ही है. और वो पुरी में है. दूसरा कोई जगन्नाथ धाम नहीं हो सकता. इसीलिए बंगाल के जगन्नाथ मंदिर के नाम से धाम शब्द हटाने की मांग हो रही है.


Advertisement

Related articles

Advertisement