पाकिस्तान के बाद अब तुर्की का नंबर! भारत ने सबक सिखाने का बनाया प्लान, कश्मीर से लेकर दिल्ली तक फैले कई समझौतों का होगा रिव्यू
'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान दुश्मन मुल्क पाकिस्तान की मदद करने वाले तुर्की को भारत सरकार ने सबक सिखाने की तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली, गुजरात, मुंबई कश्मीर के अलावा कई अन्य राज्यों में फैले व्यापार को लेकर जनता तगड़ा विरोध जता रही है. भारत सरकार देश के कई अन्य राज्यों में सड़क, मेट्रो, निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग, एविएशन, आईआईटी जैसे कई अन्य क्षेत्रों की समीक्षा करने जा रही है.
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भारत और तुर्की के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. दोनों देशों के बीच रणनीतिक और व्यापारिक संबंध अब दूसरी दिशा में जाता दिखाई दे रहा है. बीते 24 घंटे में देश भर में 'बायकॉट तुर्की' नाम का कैंपेन चलाया जा रहा है. 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान दुश्मन मुल्क पाकिस्तान की मदद करने वाले तुर्की को भारत सरकार ने सबक सिखाने की तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली, गुजरात, मुंबई कश्मीर के अलावा कई अन्य राज्यों में फैले व्यापार को लेकर जनता तगड़ा विरोध जता रही है. भारत सरकार देश के कई अन्य राज्यों में सड़क, मेट्रो, निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग, एविएशन, आईआईटी जैसे कई अन्य क्षेत्रों की समीक्षा करने जा रही है. दरअसल,यह ठोस कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि तुर्की सिर्फ पाकिस्तान की मदद ही नहीं कर रहा था बल्कि कश्मीर मुद्दे पर लगातार जहर भी उगल रहा है.
Bureau of Civil Aviation Security revokes security clearance for Celebi Airport Services India Pvt Ltd with immediate effect in the "interest of national security" pic.twitter.com/A4YGBtUQcc
— ANI (@ANI) May 15, 2025
सभी परियोजनाओं और समझौतों की समीक्षा करेगा भारत
'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान दुश्मन मुल्क पाकिस्तान के साथ खड़े तुर्की ने भारत ने चिंता बढ़ा दी है. तुर्की ने न केवल ड्रोन उपलब्ध कराएं बल्कि उसके सैनिकों और ऑपरेटरों ने भी बड़ी सहायता उपलब्ध कराई है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 'तुर्की कंपनी से जुड़े सभी परियोजनाओं और समझौतों की समीक्षा करने का फैसला किया है. सरकार सभी की जांच कर रही हैं, इनमें समाप्त हो चुके सौदे और परियोजनाओं का भी डेटा इक्कठा किया जा रहा है.'
तुर्की-भारत के बीच का व्यापार 10.4 बिलियन डॉलर का है
(IBEF) यानी भारत ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के अनुसार, फरवरी 2025 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 का द्विपक्षीय व्यापार 10.4 बिलियन डॉलर का रहा है. वहीं अप्रैल 2000 से लेकर 2024 के बीच भारत में तुर्की से कुल 240.18 मिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई आया. जिसकी वजह से तुर्की का एफडीआई फ्लो 45वें स्थान पर पहुंच गया है.
भारत के कई क्षेत्रों में फैला है तुर्की का व्यापार
बता दें कि तुर्की का व्यापार भारत के कई राज्यों में फैला हुआ है. गुजरात, दिल्ली, उत्तर- प्रदेश, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इनमें मेट्रो, रेल, सुरंग निर्माण, एयरपोर्ट सेवाओं से लेकर शिक्षा, मीडिया और कई सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में कई समझौते और साझेदारियां हुई थीं. जानकारी के लिए बता दें कि साल 2020 में देश के बड़े टनलों में शामिल अटल टनल के निर्माण का भी एक कार्य तुर्की की कंपनी को सौंपा गया था. इसके अलावा साल 2024 में रेलवे विकास निगम लिमिटेड ने मेट्रो परियोजना के लिए तुर्की कंपनी के साथ समझौता किया था. भारत में तुर्की की मौजूदगी सिर्फ एक आंकड़ों के रूप में नहीं है बल्कि लखनऊ, पुणे, मुंबई मेट्रो में भी कंपनियों की भागीदारी है. वहीं गुजरात सरकार के साथ संयुक्त साझेदारी के तहत एक उद्यम मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी है. एक बड़ी तुर्की विमानन कंपनी भी भारत के कई हवाई अड्डों पर सेवाएं प्रदान कर रही है.
8 प्रमुख हवाई अड्डों में भी तुर्की की कंपनियों की बड़ी भागीदारी
तुर्की की कंपनी एविएशन भारत के 8 प्रमुख हवाई अड्डों पर कार्गो हैंडलिंग और हाई-सिक्योरिटी कार्यों में बड़ी भागीदारी है. इनमें दिल्ली,मुंबई और चेन्नई के हवाई अड्डे शामिल हैं. इस वजह से पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में तुर्की ऑपरेटरों के शामिल होने से भारत की सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं. जिसकी वजह से सिविल एविएशन सुरक्षा ब्यूरो ने "राष्ट्र की सुरक्षा के हित में" सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का सुरक्षा क्लीयरेंस तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया. इसके पीछे का कारण राष्ट्रीय सुरक्षा है.
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