बिहार चुनाव… जीत के बाद वायरल हुआ ‘गोभी के खेत’ वाला पोस्ट, आखिर BJP मंत्री के इस पोस्ट पर क्यों मचा हंगामा?
Cauliflower farming post controversy: बिहार में NDA की जीत के बाद असम में बीजेपी मंत्री अशोख सिंघल ने ‘गोभी के खेत’ का एक पोस्ट साझा किया, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हंगामा बरपा है.
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बिहार में NDA ने प्रचंड जीत हासिल की है. इस जीत के बाद एक बार फिर से नीतीश और पीएम मोदी का जलवा पूरे बिहार में दिख रहा है. नेताओं और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है लेकिन इसी बीच बीजेपी नेता के एक पोस्ट ने राजनीति गरमा दी है. दरअसल, बिहार में एनडीए की जीत के बाद असम की बीजेपी सरकार में मंत्री अशोक सिंघल ने अपने एक्स हैंडल पर ‘गोभी के खेत’ की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘बिहार गोभी खेती को मंजूरी देता है'.
Bihar approves Gobi farming ✅ pic.twitter.com/SubrTQ0Mu5
— Ashok Singhal (@TheAshokSinghal) November 14, 2025
इस पोस्ट पर क्यों मचा हंगामा?
बिहार में एनडीए की जीत के बाद जैसे ही असम के स्वास्थ्य और सिंचाई मंत्री अशोक सिंघल ने अपने एक्स हैंडल पर ये तस्वीर साझा की तो हंगामा हो गया. वैसे, ये पोस्ट देखने में तो बहुत साधारण है. लेकिन इसका मतलब बहुत ही गहरा बताया जा रहा है. दरअसल, गोभी के खेत की ये तस्वीर सीधे 1989 के भागलपुर नरसंहार की दर्दनाक याद दिलाती है. जिसमें सैकड़ों मुसलमानों की जान चली गई थी.
क्या है भागलपुर 1989 का सच?
भागलपुर नरसंहार बिहार के इतिहास में एक काला अध्याय की तरह है. दरअसल, 1989 में भागलपुर नरसंहार में बड़ी संख्या में मुसलमान मारे गए थे. जिसके बाद कहा जाता है कि करीब 116 मुस्लिमों के शव को लोगाई गांव में दफना दिया गया था और उस पर गोभी के पौधे लगाए गए थे ताकि हत्या के सबूत छिपाए जा सकें. वहीं, बिहार में जैसे ही एनडीए की जीत हुई तो असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल ने गोभी के खेत वाला पोस्ट साझा कर दिया, जिसका सोशल मीडिया पर लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है.
विपक्ष ने क्या कहा?
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कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस पोस्ट को विकृत और शर्मनाक कहा. उन्होंने कहा, यह पोस्ट 1989 की उस घटना को हल्के में लेने जैसा है जिसमें लोगाई गांव में 116 मुसलमानों की हत्या की गई थी. आपको बता दें कि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक नरसंहार में कुल एक हजार से भी ज्यादा लोगों की जान गई थी. साल 2007 में अदालत ने 14 आरोपियों जिनमें एक पुलिस अधिकारी भी शामिल था, को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
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