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Arvind Kejriwal की AAP कहीं BSP से पिछड़ी तो कहीं NOTA से खा गई मात | Election Result

अरविंद केजरीवाल हरियाणा की सड़कों पर घूम घूम कर कहा करते थे कि हरियाणा में हमारे बिना सरकार नहीं बनेगी तो कभी कहते थे हरियाणा का बच्चा-बच्चा मुझे जेल भेजने वालों से बदला लेगा, लेकिन जब चुनावी नतीजे आए तो देखिये आम आदमी पार्टी का क्या हाल हुआ ?

10 Oct, 2024
( Updated: 10 Oct, 2024
05:49 PM )
Arvind Kejriwal की AAP कहीं BSP से पिछड़ी तो कहीं NOTA से खा गई मात | Election Result
दिल्ली और पंजाब की सत्ता संभाल रही आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता Arvind Kejriwal तिहाड़ जेल से छूटते ही हरियाणा में चुनाव प्रचार करने पहुंच गये थे। क्योंकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने वाली आम आदमी पार्टी को हरियाणा में अकेले ही चुनाव मैदान में उतरना पड़ गया था। लेकिन इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल हरियाणा की सड़कों पर घूम घूम कर कभी कहते थे हरियाणा में हमारी सरकार नहीं बनेगी तो। हमारे बिना भी सरकार नहीं बनेगी।


बात यहीं खत्म नहीं होती।कथित शराब घोटाले में तिहाड़ जेल गये केजरीवाल बाहर आते ही कहने लगे। हरियाणा का बच्चा बच्चा मुझे जेल भेजने वालों से बदला लेगा।

हरियाणा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल कुछ इसी तरह से बयानबाजी करते थे। लेकिन आठ अक्टूबर को जब चुनावी नतीजे आए तो दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में आम आदमी पार्टी का खाता खुलने की बात तो छोड़ ही दीजिये। कई सीटों पर जहां जमानत तक जब्त हो गई.।तो वहीं वोट शेयर के मामले में तो यूपी में दम तोड़ती बीएसपी से भी केजरीवाल की आम आदमी पार्टी मात खा गई।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक। जिस बीएसपी की एक भी राज्य में सरकार नहीं है लोकसभा में कोई सांसद नहीं है उस बीएसपी को हरियाणा में 1.82 फीसदी वोट मिला ।

जबकि जिस आम आदमी पार्टी के पास दिल्ली और पंजाब की सत्ता है और लोकसभा में तीन सांसद भी हैं उस आम आदमी पार्टी को हरियाणा में बीएसपी से भी कम महज 1.79 फीसदी वोट मिले।

ये तो रहा दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा का हाल। जहां मायावती की हाथी ने केजरीवाल के झाड़ू को रौंद डाला। तो वहीं बात करें जम्मू कश्मीर के चुनावी नतीजों की।तो यहां की डोडा सीट पर जीत हासिल कर मेहराज मलिक ने आम आदमी पार्टी का खाता तो जरूर खोल दिया। लेकिन। बात वोट शेयर की करें तो।

NOTA से मात खा गई AAPबीच में जम्मू कश्मीर का मैप और आजू बाजू में केजरीवाल और नोटा को लगा देना "जम्मू कश्मीर में आम आदमी पार्टी वोट शेयर के मामले में NOTA से भी पिछड़ गई, आम आदमी पार्टी को जहां 0.52 फीसदी वोट मिले तो वहीं NOTA को 1.48 फीसदी वोट मिले, यानि एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी एक फीसदी वोट हासिल करने के लिए भी जद्दोजहद करती नजर तो वहीं दूसरी तरफ NOTA को करीब दो फीसदी वोट मिले"

अरविंद केजरीवाल को लगता था कि पंजाब और दिल्ली के साथ ही हरियाणा में भी झाड़ू का जादू चल जाएगा। लेकिन यही आत्मविश्वास उन्हें ले डूबा।जिसका असर हरियाणा और जम्मू कश्मीर में देखने को मिला। यही वजह है कि इस हार से सबक लेते हुए खुद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि। जितना भगवान ने दिया उतने में देश की सेवा करो। किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। आज के चुनाव से सबसे बड़ी सीख यही है कि कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए।

आपको बता दें पिछले पांच महीने में आम आदमी पार्टी को ये लगातार दूसरा बड़ा झटका लगा है। इसी साल जून में हुए लोकसभा चुनाव में जहां आम आदमी पार्टी का अपने ही राज्य दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन के बावजूद खाता तक नहीं खुला था। तो वहीं अब हरियाणा में बीएसपी से भी केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पिछड़ गई। ये नतीजे उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब है जो केजरीवाल को मोदी के टक्कर का नेता बताते रहे है।

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