सावन में सेहत का रखें ख्याल! इन चीज़ों को खाने से बचें नहीं तो हो सकता है नुकसान
सावन के महीने में इन चीज़ों से परहेज़ करने की परंपरा सिर्फ धार्मिक आस्था का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहन वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी तर्क भी हैं. यह हमें इस संवेदनशील मौसम में अपने शरीर को स्वस्थ रखने और संक्रमणों से बचाने में मदद करता है.

हिंदू धर्म में सावन का महीना (श्रावण मास) भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है. इस दौरान भक्तगण शिव पूजा, उपवास और कांवड़ यात्रा करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ, सावन में कुछ खास चीज़ों के सेवन से परहेज़ करने की परंपरा भी है, जिसके पीछे न केवल आध्यात्मिक बल्कि वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी ठोस वजहें भी छिपी हैं. आइए जानते हैं कि सावन के महीने में किन चीज़ों से दूर रहना चाहिए और इसके पीछे क्या कारण हैं.
भारत के गांवों में, विशेषकर हिंदी पट्टी में, एक लोकोक्ति बहुत मशहूर है जो बड़े सहज भाव से बताती है कि किस मौसम में क्या खाएं और किस चीज से परहेज करें. इसी लोक कहावत में 'सावन साग न भादो दही' का जिक्र है.
दूध से बने उत्पादों का सेवन करने से बचें
सावन में दूध से बने उत्पादों का सेवन करने से इसलिए बचना चाहिए क्योंकि इन दिनों जमीन में दबे अधिकांश कीड़े ऊपर आ जाते हैं और घास या हरी चीजों को संक्रमित कर देते हैं. घास गाय या भैंस उसी को खाते हैं, जिसका दूध हमारे घरों में आता है, जो कि सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. दही इसलिए नहीं खानी चाहिए क्योंकि इन दिनों वातावरण में नमी और कीटाणुओं की वृद्धि होती है, जिससे हानिकारक बैक्टीरिया पनपते हैं. इसके अलावा, दही की तासीर ठंडी होती है, जिससे सर्दी-जुकाम होने का डर भी रहता है.
लहसुन और प्याज से भी रहें दूर
आयुर्वेद का मत है कि बारिश के कारण लोगों की पाचन शक्ति कमजोर होती है, वहीं, लहसुन और प्याज की तासीर गरम होती है, जिसे खाने से पेट फूलना, गैस और अपच होने की संभावना रहती है.
बैंगन न खाने की सलाह
चरक संहिता में सावन के महीने में बैंगन न खाने की सलाह दी गई है, जिसका मुख्य कारण इसकी प्रकृति और पाचन पर पड़ने वाला प्रभाव है. बैंगन को 'गंदगी में उगने वाली सब्जी' माना जाता है, और सावन में नमी के कारण इसमें कीड़े लगने की संभावना अधिक होती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.
हरी पत्तेदार सब्जियों से करें परहेज
सुश्रुत संहिता में सावन में हरी पत्तेदार सब्जियों को खाने से इसलिए वर्जित माना जाता है क्योंकि इस मौसम में जमीन में दबे अधिकांश कीड़े ऊपर आ जाते हैं और हरी पत्तेदार सब्जियों को संक्रमित कर देते हैं, जिससे वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ने का डर बना रहता है.
सावन के महीने में इन चीज़ों से परहेज़ करने की परंपरा सिर्फ धार्मिक आस्था का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहन वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी तर्क भी हैं. यह हमें इस संवेदनशील मौसम में अपने शरीर को स्वस्थ रखने और संक्रमणों से बचाने में मदद करता है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.