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हेल्थ सेक्टर को बड़ी सौगात, केंद्र ने राज्यों को दिए 33,081 करोड़ रुपए

केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 33,081 करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि जारी की है ताकि देश के हर कोने में स्वास्थ्य सेवाएं सशक्त हो सकें. अस्पतालों से लेकर डिजिटल हेल्थ सिस्टम तक—अब हर स्तर पर आएगा सुधार। कोविड के बाद बदली सोच, अब स्वास्थ्य पर बड़ा फोकस! जानिए इस फंड से क्या-क्या बदलेगा आपके आसपास.

23 Jul, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
04:57 PM )
हेल्थ सेक्टर को बड़ी सौगात, केंद्र ने राज्यों को दिए 33,081 करोड़ रुपए

भारत सरकार ने देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 33,081 करोड़ रुपए की राशि जारी की है. यह धनराशि स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रमुख योजना 'प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (PM-ABHIM)' के तहत वितरित की गई है. यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव की ओर से संसद को दी गई. 

क्या है प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन?

यह मिशन देश में एक मजबूत और आधुनिक सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को तैयार करने के लिए शुरू किया गया है. इसके अंतर्गत गांव से लेकर शहर तक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने पर जोर दिया जा रहा है. इसका उद्देश्य न केवल बीमारियों का इलाज करना है, बल्कि भविष्य में किसी भी महामारी या संकट का बेहतर ढंग से मुकाबला करना भी है.1-22, वित्त वर्ष 2022-23, वित्त वर्ष 2023-24, वित्त वर्ष 2024-25 और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 33,081.82 करोड़ रुपए दिए गए हैं. 

राज्यों को मिल रही आर्थिक मदद का ब्योरा

केंद्र सरकार द्वारा जारी राशि का इस्तेमाल राज्यों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र, टेस्टिंग लैब, डिजिटल स्वास्थ्य व्यवस्था और आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने में किया जाएगा. इस योजना के तहत:

  • ग्रामीण इलाकों में 50,000 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड किया जाएगा. 
  • ब्लॉक और जिला स्तर पर क्रिटिकल केयर यूनिट्स का निर्माण किया जाएगा. 
  • राज्यों को उनके प्रदर्शन और आवश्यकता के अनुसार फंड आवंटित किया गया है. 

कोविड महामारी के बाद हेल्थ सिस्टम पर ध्यान

कोविड-19 महामारी ने देश की स्वास्थ्य सेवाओं की कमजोरियों को उजागर किया था. अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और डॉक्टरों की कमी ने सरकार को मजबूर किया कि वह स्वास्थ्य ढांचे में ठोस और दीर्घकालिक निवेश करे. इसी के तहत यह हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन शुरू किया गया.  

स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम

इस मिशन से न केवल स्थानीय स्वास्थ्य सेवाएं सशक्त होंगी, बल्कि भारत वैश्विक स्तर पर भी अपनी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार कर पाएगा. यह योजना भारत को 'आत्मनिर्भर स्वास्थ्य तंत्र' की ओर ले जाने का प्रयास है. इस धनराशि का उपयोग 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले सभी जिलों में 602 सीसीबी स्थापित करने के लिए भी किया जाएगा. 

डिजिटल हेल्थ सिस्टम को भी मिलेगा बढ़ावा
PM-ABHIM के अंतर्गत डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड, ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा, और अन्य तकनीकी उपायों पर भी निवेश किया जा रहा है ताकि आम नागरिक घर बैठे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सके. 

क्या बदल जाएगा इस निवेश से?

सरकार द्वारा जारी 33,081 करोड़ रुपये की यह राशि केवल एक आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की दिशा में एक बड़ी सोच का हिस्सा है. इससे:

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  • अस्पतालों की संख्या और गुणवत्ता में सुधार होगा
  • ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ होंगी
  • आपातकालीन स्थितियों में तैयारियों को बेहतर बनाया जा सकेगा
  • डिजिटल स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार होगा, जिससे इलाज और रिकॉर्डिंग में पारदर्शिता आएगी

यह मिशन न केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान करेगा, बल्कि भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार करेगा. 

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