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क्या आपको सोना पसंद है? आयुर्वेद कहता है स्वस्थ जीवन के लिए ज़रूरी है नींद

युर्वेद कहता है कि अमूमन रात में अपर्याप्त नींद शरीर में ड्राईनेस यानी वात दोष बढ़ाती है, जबकि दिन में सोने से नमी यानी कफ दोष का संचार होता है, इसलिए दिन में सोने की सलाह नहीं दी जाती है. हालांकि, गर्मियों के दौरान, सूर्य का बल बढ़ा हुआ होता है और इसी वजह से वात बढ़ता है तो ड्राईनेस बढ़ती है. रात छोटी होती है, इसलिए दिन में सोना नुकसान नहीं पहुंचाता. तो वजह हमारे शरीर का वात-पित्त और कफ है!

08 May, 2025
( Updated: 08 May, 2025
11:12 PM )
क्या आपको सोना पसंद है? आयुर्वेद कहता है स्वस्थ जीवन के लिए ज़रूरी है नींद
जिन्हें सोना बहुत पसंद है उनके लिए है खुशखबरी ! आयुर्वेद के अनुसार, गर्मी के मौसम में अपनी दिनचर्या पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. भागमभाग भरी जिंदगी में सुकून के कुछ पल स्वस्थ मन-मस्तिष्क और स्वस्थ शरीर के लिए बहुत ज़रूरी है. आयुर्वेद में कहा गया है कि गर्मी के मौसम में दिन में सोने से नुकसान नहीं होता. ऐसा क्यों कहा जाता है आइए जानते हैं. 

दिन में सोने से क्यों नहीं होता नुकसान?

युर्वेद कहता है कि अमूमन रात में अपर्याप्त नींद शरीर में ड्राईनेस यानी वात दोष बढ़ाती है, जबकि दिन में सोने से नमी यानी कफ दोष का संचार होता है, इसलिए दिन में सोने की सलाह नहीं दी जाती है. हालांकि, गर्मियों के दौरान, सूर्य का बल बढ़ा हुआ होता है और इसी वजह से वात बढ़ता है तो ड्राईनेस बढ़ती है. रात छोटी होती है, इसलिए दिन में सोना नुकसान नहीं पहुंचाता. तो वजह हमारे शरीर का वात-पित्त और कफ है!

चरक संहिता में है नींद का वर्णन

वैसे नींद बहुत प्यारी चीज होती है. चरक संहिता में इस पर विस्तार से चर्चा की गई है, जिसमें इसके महत्व और स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में बताया गया है. नींद को स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, और इसके अभाव से वात दोष बढ़ सकता है. इसमें नींद के महत्व, मात्रा और गुणवत्ता पर विस्तार से बात की गई है. नींद इसलिए अहम है क्योंकि इससे शरीर को आराम मिलता है और सेहत भी अच्छी रहती है. नींद कितनी लेनी चाहिए, इसका भी वर्णन है, तो चरक संहिता के अनुसार, यह व्यक्ति विशेष के स्वास्थ्य और जीवनशैली पर निर्भर करता है. जहां तक गुणवत्ता की बात है, तो एक अच्छी नींद के लिए वातावरण और दिनचर्या के बीच सामंजस्य जरूरी है.

विभिन्न ग्रंथों की सलाह है कि निद्रा को नकारें नहीं. नियमित नींद लें, अच्छे वातावरण में सोएं, और सबसे जरूरी बात, विशेष परिस्थितियों में ही दोपहर को सोना श्रेयस्कर है. इनमें से गर्मियों में दोपहर की नींद भी शामिल है.

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