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भारत के आगे पाकिस्तान की एक ना चली, सबसे बड़े मुस्लिम देश ने भी मानी हार !

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियांटो इस महीने के अंत में भारत की यात्रा के बाद मलेशिया जाएंगे..पहले राष्ट्रपति सुबियांटो के भारत के बाद पाकिस्तान जाने की उम्मीद थी लेकिन, मोदी सरकार की नाराजगी को देखते हुए इंडोनेशिया ने प्लान को बदल दिया है। इसे पाकिस्तान के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है..

12 Jan, 2025
( Updated: 12 Jan, 2025
05:13 PM )
भारत के आगे पाकिस्तान की एक ना चली, सबसे बड़े मुस्लिम देश ने भी मानी हार !
दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश जहां सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी रहती है।उसने पाकिस्तान को एक बार फिर बड़ा झटका दिया है।भारत के क़रीब आकर मुस्लिम देश इंडोनेशिया ने पाकिस्तान को उसकी औक़ात दिखा दी है।और बता दिया है कि अब दुनिया के सामने पाकिस्तान की सच्चाई खुलकर सामने आ गई है।अब ये इंडोनेशिया ने कैसे दूसरी बार झटका दिया ये भी जानेंगे इस वीडियो में। 26 जनवरी को भारत गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस समारोह में शामिल होने के लिए हर साल भारत कोई ना कोई राष्ट्राध्यक्ष आते हैं। इस बार भारत ने डोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियांटो को आने का न्योता दिया। लेकिन उनके आने को लेकर एक पेंच फंसा हुआ था। दरअसल, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियांतो के भारत आने के बाद पाकिस्तान जाने की उम्मीद थी। जिसपर भारत को आपत्ति है भारत का कहना ये है कि रोबोवो सुबियांतो भारत आए लेकिन उसके तुरंत बाद पाकिस्तान ना जाएं।यानी भारत और पाकिस्तान की यात्रा एक साथ ना करें।लेकिन अब लग रहा है कि मोदी सरकार की नाराजगी को देखते हुए इंडोनेशिया ने प्लान को बदल दिया है।और वो भारत के बाद मलेशिया के दौरे पर जा सकते हैं।


इसे पाकिस्तान के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वह इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के साथ फिर से भारत विरोधी राग अलापने की तैयारी कर रहा था। ये पाकिस्तान के मुंह पर करारा तमाचा ही है।हालांकि अभी भी  इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की यात्रा की औपचारिक घोषणा अभी बाकी है। इससे पहले 2024 में भारत ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया था।वहीं 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आए थे। से में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियांटो की गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आगमन को दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों से जोड़कर देखा जा रहा है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियांटो को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में बुलाकर करके भारत ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है।पहली बात ये कि इंडोनेशिया की भारत के साथ अच्छी दोस्ती है। भारत ने 1950 के बाद तीसरी बार किसी इंडोनेशियाई नेता को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। दूसरी बात यह है कि इंडोनेशिया दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश होने के साथ ही साउथ चाईना सी में मौजूद है।यानी चीन को घेरने के लिए भी वो भारत का साथ देगा ही।

अब रही बात की इंडोनेशिया ने पाकिस्तान को ये दूसरा झटका कैसे दिया तो बात ऐसी है कि BRICS में शामिल होने का सपना देखना वाला पाकिस्तान सिर्फ़ सपना ही देखता रहा और सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया इस ग्रुप में शामिल हो गया। पाकिस्तान नहीं चाहता था कि दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया इस ग्रुप में आए। इसके उलट पाकिस्तान खुद ब्रिक्स में आने की जुगत में लगा था। इसके लिए वो चीन के पीछे भी लगा था।लेकिन ब्रिक्स का दरवाजा उसके लिए नहीं खुला और इंडोनेशिया को एंट्री मिल गई। वहीं भारत और इंडोनेशिया करोड़ों डॉलर की ब्रह्मोस मिसाइल डील को अंतिम रूप देने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक़ ये डील 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर की होगी।
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