अमेरिका के ख़िलाफ़ भारत की शरण में चीन, क्या होगा अंजाम ?

ख़बरों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में मिर्च, लौह अयस्क और सूती धागे जैसे भारतीय निर्यातों में चीनी बाजार में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली थी, जो क्रमशः 17%, 160% और 240% से अधिक की ग्रोथ रही. फेइहोंग ने कहा, "हम चीन में अधिक प्रीमियम भारतीय वस्तुओं के निर्यात का स्वागत करते हैं और भारतीय व्यवसायों को चीन की बाजार मांग का लाभ उठाने में मदद करने के लिए तैयार हैं, जिससे हमारे आर्थिक और व्यापार सहयोग की विशाल क्षमता का पता लगाया जा सके."
यही नहीं, चीन ने यह भी कहा है कि वह इस साल चीन में होने वाली SCO समिट के लिए पीएम मोदी का इंतजार कर रहा है. अब इसमें भी पाकिस्तान की बेइज़्ज़ती हो गई है क्योंकि SCO का सदस्य पाकिस्तान भी है, लेकिन चीन ने उसके लिए कुछ नहीं कहा. इससे पहले चीन मानसरोवर यात्रा को फिर शुरू करने के लिए मान ही चुका है. साथ ही चीन की तरफ़ से भारत की हर चीज़ पर नज़र रखी जा रही है. चीन यह बता चुका है कि भारत ने तीन महीने में 85,000 भारतीयों को वीज़ा दे चुका है. साथ ही वह भारतीयों को ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में चीन आने का न्योता दे रहा है. अब इससे यह साफ़ है कि चीन भारत से चाहता क्या है.