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आसमान में सेना के विमान पर साइबर हमले का ज़िम्मेदार कौन, ऑपरेशन ब्रह्मा से किसे दिक़्क़त ?

ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भूकंप प्रभावित पड़ोशी देश म्यांमार में राहत सामग्री पहुंचाने वाला भारतीय वायुसेना (IAF) का एक विमान साइबर अटैक का शिकार हो गया. वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर और सी-130जे सुपर-हरक्यिलस विमान पर यह साइबर हमला तब हुआ जब वह ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत एनडीआरएफ और भारतीय सेना की मेडिकल टीम के साथ अन्य राहत सामग्रियों को पहुंचाने के लिए म्यांमार जा रहा था

16 Apr, 2025
( Updated: 16 Apr, 2025
11:54 AM )
आसमान में सेना के विमान पर साइबर हमले का ज़िम्मेदार कौन, ऑपरेशन ब्रह्मा से किसे दिक़्क़त ?

म्यांमार में तबाही मचा चुके भूकंप से राहत पहुंचाने के लिए भारतीय सेना के जवान तत्काल मदद के लिए निकले और सबसे पहले पहुंचकर लोगों की ज़िंदगियां बचाने में जुट गए. 28 मार्च को भारत के पड़ोसी देश में आए भूकंप की ख़ौफ़नाक तस्वीरें देखकर रूह कांप गई उसी जगह भारतीय सेना के जवान और SDRF की टीम ने मोर्चा संभाला तो मलबे में ज़िंदगी और मौत से जूझ रहे लोगों को निकालने का काम शुरू किया गया. अस्थायी अस्पताल की सुविधा देकर 2000 से ज़्यादा लोगों की जान अब तक बचा चुकी सेना उन लोगों के लिए राहत सामग्री देने के काम में जुटी रही वायुसेना और नौसेना ने मिलकर 700 टन से ज़्यादा का सामान म्यांमार के लोगों के लिए पहुंचाया. लेकिन ये जितना आसान दिख रहा है उतना रहा नहीं. म्यांमार में मलबे को हटाकर लोगों को निकालना और मदद पहुंचाना लगता है किसी को रास नहीं आ रहा. किसी को खटक रहा की कैसे भारत इतनी तेज़ी से सबसे पहले पहुंचकर म्यांमार में मदद पहुंचा रहा है.

इसलिए भारत की तरफ़ से चलाए गए ऑपरेशन ब्रह्मा को रोकने के मक़सद से साज़िश रची गई है. साज़िश भी कोई ऐसा वैसी नहीं गहरी साज़िश जिसका असर आसमान में तब देखने को मिला जब भारतीय वायुसेना का विमान म्यांमार के लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर पहुंच रहा था. भारतीय वायुसेना का सी-130j सुपर-हरक्यिलस विमान जिसे डाइवर्ट करने की कोशिश की जाती है. ये विमान जैसे ही म्यांमार के एयर स्पेस में पहुंचता है. तो उनके जीपीएस सिंग्नल के साथ छेड़ छाड़ होती है. यानी की उसे हवा में ही भटकाने की कोशिश की जाती है. जिसे स्पूफिंग कहा जाता है. आम भाषा में समझें तो ये एक साइबर अटैक था. जिससे भारतीय सेना के मिशन को फेल किया जा सके. सोचिए बीच हवा में विमान पर साइबर अटैक. इस हमले का पता चलते ही वायुसेना के जांबाज़ पायलट ने सूझबूझ से इस हमले से बचकर विमान को सुरक्षित म्यांमार में लैंड करवाया. लेकिन अब सवाल ये है कि आख़िर ये हमला हुआ कैसे GPS स्पूफिंग होती क्या है और इस हमले के पीछे कौन हो सकता है.

IAF विमान पर साइबर अटैक

C-130J एयरक्राफ्ट दिल्ली से राहत बचाव दल के साथ म्यांमार के लिए रवाना हुआ

तभी बीच हवा में विमान को नक़ली सिग्नल के ज़रिए भटकाने की कोशिश हुई और इस हमले से विमान का GPS सिस्टम फेल हो गया

इसके बाद पायलट्स ने सूझबूझ से काम लिया और तुरंत बैकअप सिस्टम पर स्विच किया जिसके बाद इस साइबर अटैक को फेल किया

अब GPS सिस्टम से इस छेड़छाड़ को स्पूफिंग कहा जाता है

स्पूफिंग के पीछे किसका हो सकता है हाथ?

एयरक्राफ्ट के नेविगेशन सिस्टम को मिसलीड करने की कोशिश करने पीछे कौन है ये अब तक तो पता नहीं चल सका है लेकिन इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में चीन को महारत हासिल है. ऐसे में शक चीन की तरफ ही जा रहा है

वैसे अमूमन किसी भी जंग के इलाक़े में दुश्मन के एयरक्राफ़्ट यूएवी और GPS वाले लाँग रेंज मिसाइल या रॉकेट को ब्रीच करने के लिए इस तरह की स्पूफिंग होती है. भारत और पाकिस्तान की सीमा के पास भी इस तरह के अटैक हो रहे हैं जहां नवंबर 2023 से अमृतसर और जम्मू में ऐसी 465 घटनाएं दर्ज की गईं

अब ऐसे हमलों के पीछे चीन के होने की संभावना ज़्यादा है. लेकिन जिस जांबाज़ी और अलर्टनेस के ज़रिए पायलट ने इस हमले को नाकाम किया वो क़ाबिले तारीफ़ है. वहीं म्यांमार में जो सेना ने करके दिखाया है वो दुनिया ने देखा है. वायुसेना के साथ ही नौसेना ने भी मोर्चा संभाला हुआ है. नौसेना के INS सतपुड़ा, INS सावित्री और INS घड़ियाल भी म्यांमार सामान लेकर पहुंचे तो लोगों के चहरे खिल उठे. अब भारत के इस ऑपरेशन के लिए यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने ऑपरेशन ब्रह्मा की सराहना की और भारत की तरफ़ से बिना देर किए हर मदद के लिए भी आभार जताया. वहीं पीएम मोदी तो ये कह ही चुके हैं कि म्यांमार की मदद के लिए भारत हर तरीके से खड़ा है.


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