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Reliance Industries AGM 2025: गूगल और मेटा के साथ नई शुरुआत, ‘रिलायंस इंटेलिजेंस’ से आम लोगों को मिलेगा ये फायदा

रिलायंस, गूगल और मेटा की यह तिकड़ी भारत में AI क्रांति की शुरुआत कर रही है. इससे न केवल बड़े उद्योगों को फायदा होगा, बल्कि छोटे व्यापारी, स्टार्टअप्स और आम नागरिक भी AI की ताकत का इस्तेमाल कर सकेंगे. यह पहल भारत को तकनीकी रूप से और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है.

Source: Reliance

Reliance Industries AGM 2025: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 48वीं सालाना बैठक में देश के भविष्य को लेकर एक बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि रिलायंस अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को बढ़ावा देने के लिए गूगल और मेटा (फेसबुक की पैरेंट कंपनी) के साथ मिलकर काम करेगी. इसके लिए कंपनी ने एक अलग इकाई ‘रिलायंस इंटेलिजेंस’ बनाने का फैसला किया है, जो AI से जुड़े प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाएगी. इसका मुख्य मकसद यह है कि AI का लाभ देश के हर नागरिक और छोटे-बड़े व्यवसाय तक पहुंचे.

देशभर में AI पहुंचाने के लिए दो बड़े संयुक्त उद्यम बनाए जाएंगे

मुकेश अंबानी ने साफ किया कि AI के क्षेत्र में काम करने के लिए रिलायंस गूगल और मेटा दोनों के साथ अलग-अलग जॉइंट वेंचर (संयुक्त उद्यम) बनाएगी. इन साझेदारियों के जरिए भारत में AI को किफायती, सुलभ और सुरक्षित तरीके से लोगों तक पहुंचाया जाएगा. रिलायंस का सपना है कि उसका कारोबार केवल टेलीकॉम, रिटेल और एनर्जी तक सीमित न रहे, बल्कि वह एक डीप-टेक कंपनी यानी गहरी तकनीकी क्षमताओं वाली कंपनी बने.

गूगल के साथ मिलकर जामनगर में बनेगा हाईटेक क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर

रिलायंस ने गूगल के साथ मिलकर गुजरात के जामनगर में एक एडवांस्ड क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की योजना बनाई है. इस क्लाउड सुविधा में गूगल अपने AI हाइपरकंप्यूटर और AI स्टैक लगाएगा, जिससे जनरेटिव AI मॉडल्स, डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म और AI-आधारित एप्लिकेशन मिलेंगे. इसका फायदा जियो के नेटवर्क से लेकर रिलायंस रिटेल तक हर क्षेत्र को मिलेगा। इससे सुरक्षा बढ़ेगी, नेटवर्क मजबूत होगा और व्यवसायों की कार्यक्षमता भी बेहतर होगी.

सुंदर पिचाई ने क्या कहा?

गूगल और अल्फाबेट के CEO सुंदर पिचाई ने इस साझेदारी को भारत के डिजिटल भविष्य की दिशा में बड़ा कदम बताया. उन्होंने कहा कि गूगल पिछले कई वर्षों से भारत में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं को सस्ता और सुलभ बनाने में काम कर रहा है. अब AI की मदद से अगला बड़ा बदलाव लाया जाएगा। पिचाई ने इसे शुरुआत भर बताया और कहा कि हम मिलकर भारत के AI फ्यूचर का निर्माण करेंगे.

मेटा के साथ AI को सस्ता और कारोबार के लिए उपयोगी बनाया जाएगा

रिलायंस और मेटा मिलकर एक नया जॉइंट वेंचर बनाएंगे, जिसमें मेटा का ओपन-सोर्स AI मॉडल ‘LLaMA’ और रिलायंस का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर एक साथ मिलकर काम करेंगे। इसका फायदा भारत के छोटे और मझोले व्यापारियों (SMBs) को मिलेगा. इस साझेदारी से कारोबारों को सेल्स, मार्केटिंग, कस्टमर सर्विस, फाइनेंस और IT जैसे क्षेत्रों में AI टूल्स और समाधान दिए जाएंगे. खास बात यह है कि ये सेवाएं किफायती दरों पर उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे छोटे कारोबार भी तकनीक से जुड़ सकें.

70-30 की हिस्सेदारी और ₹855 करोड़ का निवेश

इस संयुक्त उद्यम में रिलायंस की हिस्सेदारी 70% होगी और मेटा की हिस्सेदारी 30%. दोनों कंपनियां मिलकर लगभग ₹855 करोड़ (करीब $100 मिलियन) का शुरुआती निवेश करेंगी. इसका उद्देश्य है भारत के व्यापार जगत में AI को तेजी से शामिल करना और डिजिटल इकोनॉमी को मजबूती देना.

मार्क जुकरबर्ग ने क्या कहा?

मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग ने भी इस साझेदारी को लेकर उत्साह जताया.उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत के डेवलपर्स और व्यवसायी मेटा के ओपन-सोर्स AI मॉडल्स का पूरा फायदा उठा सकें. रिलायंस के साथ मिलकर मेटा भारत में अपने AI टूल्स को वास्तविक उपयोग में लाएगा और इससे देशभर में AI तकनीक का प्रसार तेज होगा.

भारत में AI की नई शुरुआत

रिलायंस, गूगल और मेटा की यह तिकड़ी भारत में AI क्रांति की शुरुआत कर रही है. इससे न केवल बड़े उद्योगों को फायदा होगा, बल्कि छोटे व्यापारी, स्टार्टअप्स और आम नागरिक भी AI की ताकत का इस्तेमाल कर सकेंगे. यह पहल भारत को तकनीकी रूप से और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है.

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