मिडिल क्लास को बड़ी राहत… RBI ने घटाई रेपो रेट, सस्ते होंगे कर्ज, तुरंत लागू होंगी नई दरें
रिजर्व बैंक ने इस कटौती का फैसला मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में लिया है. ये बैठक 3 से 5 दिसंबर तक चली थी.
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मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिल सकती है क्योंकि आने वाले दिनों में लोन सस्ते होने की उम्मीद है. इसके संकेत RBI गर्वनर संजय मल्होत्रा ने दिए हैं. RBI ने रेपो रेट को 0.25% घटाकर 5.25% कर दिया है. जिसका असर ऋण ब्याज दरों पर साफ तौर पर दिखने वाला है.
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि रेपो रेट में कटौती तत्काल प्रभाव से लागू होगी. RBI के इस कदम से आपके होम लोन और ऑटो लोन की EMI कम हो जाएगी. रिजर्व बैंक ने इस कटौती का फैसला मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में लिया है. ये बैठक 3 से 5 दिसंबर तक चली थी. इसके बाद मीडिया के सामने आकर संजय मल्होत्रा ने बदलावों की जानकारी दी.
#WATCH | Mumbai | RBI Governor Sanjay Malhotra says, "The MPC (Monetary Policy Committee) voted unanimously to reduce the policy repo rate by 25 basis points to 5.25% with immediate effect."
— ANI (@ANI) December 5, 2025
(Source: RBI) pic.twitter.com/hgzngCLJqe
संजय मल्होत्रा ने कहा कि पिछला महीना यानी नवंबर हमारे लिए बड़ी चुनौती भरा रहा है, लेकिन अब आगामी महीना GDP से लेकर महंगाई तक अच्छा रहने वाला है. गवर्वर संजय मल्होत्रा ने महंगाई को लेकर 2 फीसदी का अनुमान लगाया है.
साल 2025 में रेपो रेट में कितनी बार कटौती की गई?
- भारतीय रिजर्व बैंक ने 2025 में रेपो रेट में लगातार 4 बार कटौती की है
- फरवरी में RBI ने 25 बेसिस पॉइंट रेपो रेट कट किया था
- अप्रैल में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई
- जून में साल की सबसे बड़ी 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई
- अब दिसंबर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई है
- दो बार RBI ने रेपो रेट स्थिर रखीं, दरें 6.50 फीसदी से 5.25 फीसदी तक आ गईं
क्या होती है रेपो रेट?
RBI जिस रेट पर बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहते हैं. जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों को सस्ता कर्ज मिलता है और वो इस फायदे को ग्राहकों तक पहुंचाते हैं. रेपो रेट में कटौती के बाद लोन 0.25% तक सस्ते हो जाएंगे. नई दरों का फायदा नए और मौजूदा ग्राहकों को मिलेगा.
GDP ग्रोथ रेट में उछाल
भारत आर्थिक मोर्चे पर अपनी ताकत लगातार बढ़ा रहा है. भारत की अर्थव्यवस्था जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2% की दर से बढ़ी है. जो कि पिछली 6 तिमाही में सबसे ज्यादा है. RBI गर्वनर ने कहा, वैश्विक व्यापार और नीतिगत अनिश्चितताओं के बीच लचीली घरेलू मांग ने अर्थव्यवस्था को बल दिया है.
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