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सोना फिर हुआ सस्ता, दो महीने में दूसरी बार 1 लाख रुपये से नीचे आया भाव

भारत में सोने का महत्व सिर्फ निवेश तक सीमित नहीं है. यह शादी-विवाह, पर्व-त्योहार और धार्मिक आयोजनों में बेहद शुभ माना जाता है. यही वजह है कि जब-जब कोई त्योहारी सीज़न आता है, सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसके दाम भी ऊपर जाते हैं

17 Jun, 2025
( Updated: 17 Jun, 2025
03:45 PM )
सोना फिर हुआ सस्ता, दो महीने में दूसरी बार 1 लाख रुपये से नीचे आया भाव

Today Gold Price: सोना एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार कीमतों में गिरावट की वजह से. मंगलवार, 17 जून 2025 को, दो महीने में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब सोने की कीमतें 1 लाख रुपये के ऐतिहासिक आंकड़े को छूने के बाद नीचे आई हैं. 22 कैरेट सोना अब 93,040 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 1,01,670 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है. वहीं, चांदी के बाजार में तेजी बरकरार है और यह अब 1,01,500 रुपये प्रति किलो के भाव से कारोबार कर रही है, यह जानकारी 'गुड रिटर्न्स' वेबसाइट के अनुसार सामने आई है.

प्रमुख शहरों में सोने-चांदी की कीमतें

अगर बात करें देश के प्रमुख शहरों की तो आर्थिक राजधानी मुंबई, साथ ही कोलकाता, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद—इन सभी जगहों पर 22 कैरेट सोने का रेट समान रूप से 93,040 रुपये प्रति 10 ग्राम है. दिल्ली में यह दर थोड़ी अधिक है, जहां सोना 93,190 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर बिक रहा है. चांदी की बात करें तो मुंबई, कोलकाता और दिल्ली में चांदी की कीमत समान रूप से 1,09,800 रुपये प्रति किलो है, जबकि हैदराबाद और चेन्नई में इसकी कीमत 1,19,800 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.

सोने की कीमत कैसे तय होती है?

सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है. सबसे बड़ा कारण है अंतरराष्ट्रीय बाजार में बदलाव. अगर वैश्विक स्तर पर कोई संकट या अस्थिरता होती है, तो निवेशक शेयर बाजार से दूरी बनाकर सोने में निवेश करना पसंद करते हैं, क्योंकि यह उन्हें एक सुरक्षित विकल्प लगता है. इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति, ब्याज दरों में बदलाव, और क्रूड ऑयल की कीमतें भी सोने की दरों को प्रभावित करती हैं.

 सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी बड़ा कारण

भारत में सोने का महत्व सिर्फ निवेश तक सीमित नहीं है. यह शादी-विवाह, पर्व-त्योहार और धार्मिक आयोजनों में बेहद शुभ माना जाता है. यही वजह है कि जब-जब कोई त्योहारी सीज़न आता है, सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसके दाम भी ऊपर जाते हैं. भारतीय परिवारों के लिए सोना सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि संपन्नता और स्थायित्व का प्रतीक है. चाहे महंगाई हो या मंदी, सोना हमेशा एक भरोसेमंद संपत्ति के रूप में सामने आता है, जो लंबे समय में बेहतरीन रिटर्न देता है.

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