एक अनोखा स्कूल: जहां 1 घंटे की ऑनलाइन क्लास की फीस ₹1.88 लाख! जानिए क्या है इसकी खासियत
एस्ट्रा नोवा स्कूल एक क्रांतिकारी पहल है, जो यह साबित करता है कि शिक्षा सिर्फ किताबें पढ़ने या नंबर लाने तक सीमित नहीं होनी चाहिए. एलन मस्क की यह कोशिश बच्चों को सच्चे अर्थों में सोचने वाले और समाधान देने वाले इंसान बनाने की दिशा में एक अहम कदम है.

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Elon Musk Astra Nova School: टेस्ला और स्पेसएक्स जैसे इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स के बाद अब एलन मस्क ने शिक्षा के क्षेत्र में भी एक नया और अनोखा प्रयोग किया है. उन्होंने एक बिल्कुल अलग तरह का ऑनलाइन स्कूल शुरू किया है, जिसका नाम है एस्ट्रा नोवा (Astra Nova School). यह कोई आम स्कूल नहीं है, बल्कि यहां पढ़ाई का तरीका पूरी तरह से बदल दिया गया है. इस स्कूल का मकसद बच्चों को सिर्फ किताबों और रट्टामार पढ़ाई से निकालकर सोचने, समझने और असली दुनिया की समस्याओं को हल करना सिखाना है.
एक अलग सोच, एक अलग स्कूल
एस्ट्रा नोवा स्कूल की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से ऑनलाइन स्कूल है. यानी यहां फिजिकल क्लासरूम जैसा कुछ नहीं है. बच्चे दुनिया के किसी भी कोने से इंटरनेट के जरिए इसमें पढ़ सकते है. लेकिन सिर्फ ऑनलाइन होना ही इसकी विशेषता नहीं है , यह स्कूल पढ़ाई के तरीकों को लेकर भी बिलकुल अलग सोच रखता है. यहां बच्चों को थियोरी से ज्यादा प्रैक्टिकल और एक्सपेरिमेंटल तरीकों से सिखाया जाता है। बच्चे खुद करके सीखते हैं, समस्याएं हल करते हैं और रियल-लाइफ स्किल्स में माहिर बनते हैं.
पढ़ाई में रटने की बजाय सोचने की आज़ादी
परंपरागत स्कूलों में अक्सर बच्चों को किताबें रटवाकर एग्जाम पास करवा दिए जाते हैं, लेकिन एस्ट्रा नोवा का लक्ष्य इससे कहीं आगे है. यहां बच्चों को ट्विस्ट्स (Twists) नाम की खास गतिविधियों के जरिए चुनौतीपूर्ण समस्याएं दी जाती हैं. इन गतिविधियों का मकसद बच्चों में तर्कशक्ति, निर्णय क्षमता और टीमवर्क को विकसित करना है. हर टर्म में पाठ्यक्रम (syllabus) बदला जाता है, जिससे बच्चे नए-नए आइडिया और अप्रोच से सीख सकें। यही चीज़ इसे एक एक्सपेरिमेंटल स्कूल बनाती है.
छोटे बैच, व्यक्तिगत ध्यान
इस स्कूल में पढ़ाई अंग्रेजी में होती है और हर क्लास में सिर्फ 6 से 16 बच्चों को रखा जाता है. इससे हर बच्चे को व्यक्तिगत रूप से ध्यान मिलता है. खासकर 10 से 15 साल के बच्चों के लिए यह स्कूल डिजाइन किया गया है, जो कि मिडिल स्कूल की उम्र होती है. इसमें मैथ्स जैसे विषयों पर भी गहरी पकड़ बनाना सिखाया जाता है जैसे Algebra 1, Algebra 2, Geometry और Pre-Calculus. साथ ही, जिन बच्चों को अधिक सहायता की जरूरत होती है, उनके लिए अलग से ‘Art of Problem Solving’ नाम की क्लास भी है.
एडमिशन फ्लैक्सिबल, पढ़ाई का तरीका डाइनेमिक
एस्ट्रा नोवा में बच्चों को उनकी सुविधा के अनुसार फुल-टाइम या पार्ट-टाइम क्लासेज़ का विकल्प दिया जाता है. यह स्कूल Pacific Time (PT) के अनुसार चलता है, लेकिन यहां दुनिया भर के बच्चे पढ़ते हैं. इससे अलग-अलग संस्कृतियों और सोच के बच्चे आपस में जुड़ते हैं और एक ग्लोबल सोच विकसित होती है. हर टर्म में नए प्रयोग और बदलाव होते रहते हैं, जिससे यह स्कूल कभी बोर नहीं करता.
महंगी फीस, लेकिन स्कॉलरशिप की सुविधा भी
एस्ट्रा नोवा स्कूल में पढ़ाई का खर्चा बहुत ज़्यादा है. इसकी एक घंटे की क्लास की फीस लगभग $2,200 (करीब 1.88 लाख रुपये) है, जो भारत जैसे देशों के लिए बहुत भारी रकम हो सकती है. हालांकि, स्कूल की वेबसाइट astranova.org के अनुसार, स्कॉलरशिप और फाइनेंशियल ऐड के ज़रिए ज़रूरतमंद परिवारों को मदद भी दी जाती है। यानी अगर किसी बच्चे में प्रतिभा है, तो पैसे की कमी उसके रास्ते की रुकावट नहीं बनेगी.
भविष्य की तैयारी आज से
एलन मस्क का यह स्कूल बच्चों को न सिर्फ पढ़ाई में अच्छा बनाता है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वासी, जिम्मेदार और नवाचार में माहिर बनाता है. यहां से पढ़ चुके कुछ बच्चों को अमेरिका के टॉप बोर्डिंग स्कूलों में एडमिशन भी मिला है. स्कूल उनके लिए रिकमंडेशन लेटर भी तैयार करता है ताकि वे आगे अच्छे संस्थानों में पढ़ाई कर सकें.
क्या एस्ट्रा नोवा भविष्य की शिक्षा है?
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एस्ट्रा नोवा स्कूल एक क्रांतिकारी पहल है, जो यह साबित करता है कि शिक्षा सिर्फ किताबें पढ़ने या नंबर लाने तक सीमित नहीं होनी चाहिए. एलन मस्क की यह कोशिश बच्चों को सच्चे अर्थों में सोचने वाले और समाधान देने वाले इंसान बनाने की दिशा में एक अहम कदम है. हालांकि इसकी फीस आम लोगों के लिए एक चुनौती हो सकती है, लेकिन इसका विज़न और शिक्षा का तरीका निश्चित रूप से भविष्य के लिए उम्मीद जगाता है.
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