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पाकिस्तान को जंग में पीटकर जश्न में डूबे अफगानी, तालिबान का खुला ऐलान-ए-जंग, VIDEO देख मुनीर की उड़ जाएगी नींद

पाकिस्तान को आपसी जंग में पीटने के बाद अफगानिस्तान की सड़कों पर जश्न का माहौल है. आम अवाम फौज और तालिबानी लड़ाकों के साथ खूब खुशियां मना रही है. उनका कहा है कि अफगानिस्तान साम्राज्यों का कब्रगाह है, पाकिस्तान न भूले. वहीं कई कबायली नेताओं ने कहा कि अपने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए वो कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं.

Created By: केशव झा
15 Oct, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
05:16 PM )
पाकिस्तान को जंग में पीटकर जश्न में डूबे अफगानी, तालिबान का खुला ऐलान-ए-जंग, VIDEO देख मुनीर की उड़ जाएगी नींद

ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों मार खाने और पिटने के बाद पाकिस्तान की एक बार फिर पिटाई हुई है. इस बार उसे किसी और ने नहीं बल्कि उसके एक और पड़ोसी, उससे कहीं छोटी, असंगठित अफगानिस्तान की तालिबान फौज ने पीटा है. हिंदुस्तान से हर एक जंग हारने के बावजूद पाकिस्तान ने अपनी अवाम में झूठ परोसा और प्रोपेगेंडा फैलाया कि उसने दिल्ली फतह कर लिया है, लेकिन अब जमाना बदल गया है. 

सोशल मीडिया और इंटरनेट के दौर में झूठ के बेनकाब होते देर नहीं लगती. आपको बताएं कि अफगान सेना के दावों के मुताबिक उसने हालिया संघर्ष में पाकिस्तान सेना के करीब 65 से 100 जवानों को मार गिराया है. वहीं करीब 30 चौकियों पर कब्जा कर लिया है.

अफगानिस्तान ने जंग पाकिस्तान को बुरी तरह पीटा!

इसके बाद अफ़ग़ानिस्तान में जश्न का आलम है. तालिबान के लड़ाके खुद को विजेता घोषित करते हुए अफगानिस्तान के कई शहरों में आम जनता के साथ सड़कों पर जश्न मना रही है. लोगों ने पाकिस्तान को साफ चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी सरजमीं पर आतंकिस्तान की बुरी नजर किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी. 

अफगानिस्तान के कई शहरों में जश्न

आपको बताएं कि अफगानिस्तान के खोस्त, नंगरहार, पकीता, पंजशीर और काबुल में जबरदस्त जश्न का माहौल है. इस खूनी जंग को पाकिस्तानियों को अफगानियों की तरफ से जवाब करार दिया जा रहा है. अफगानिस्तान की अंग्रेजी वेबसाइट टोलो न्यूज के अनुसार अफगानी अवाम का मानना है कि पाकिस्तान के साथ टकराव में उनकी फौज ने बेहद बहादुरी से पाक आर्मी को जवाब दिया. 

वहीं पाकिस्तान की तरफ से किए गए हवाई हमले को अफगानिस्तान की अवाम उसकी संप्रभुता पर हमला और उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन मान रही है. उनका कहना है कि पाकिस्तान की कार्रवाई को वो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसी सिलसिले में अफगानी सेना और तालिबानी लड़ाकों का समर्थन करने के लिए शहर दर शहर, स्थानीय लेवल पर आम युवा और कबीलाई नेता जमा हुए.

अगर आपको आम अफगानियों के कमेंट्स बताएं तो एक कुनार निवासी दाऊद खान हमदर्द ने कहा कि, "अगर पाकिस्तान ने हमारे क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया होता, तो अफगानिस्तान को उनके खिलाफ इस तरह के हमले करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता."

वहीं नंगरहार के रहने वाले मोहम्मद नादेर ने कहा कि समस्या अफगानिस्तान के साथ नहीं पाकिस्तान के साथ है. उन्होंने कहा, "हमारी सीमाएं अन्य पड़ोसियों के साथ भी लगती हैं, फिर भी उनके साथ हमारे संबंध खराब नहीं हुए हैं. इससे पता चलता है कि समस्या हमारे साथ नहीं, बल्कि पाकिस्तान के साथ है, क्योंकि वह हमेशा से समस्याओं का स्रोत रहा है."

हर कुर्बानी के लिए तैयार!

अपनी कबीलाई संस्कृति के लिए मशहूर अफगानिस्तान के कई कबायली बुज़ुर्गों, जिर्गे के नेताओं और उलेमाओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें उनके मुल्क पर हवाई हमला, संप्रभुता का उल्लंघन कतई बर्दाश्त नहीं है. वे इसके खिलाफ किसी भी कुर्बानी के लिए तैयार हैं.

वहीं कुनार के एक और कबायली बुज़ुर्ग तवोस खान अखुंदज़ादा ने अफगानिस्तान का इतिहास याद दिलाते हुए कहा कि "अफगानिस्तान साम्राज्यों का कब्रिस्तान है. पाकिस्तान को अफगानिस्तान के इतिहास से सीख लेनी चाहिए और अफगानों को परेशान करना बंद करना चाहिए." उन्होंने खास तौर पर सोवियत और अमेरिकी सेनाओं की हार का हवाला दिया.

कुनार के एक कबायली बुज़ुर्ग तवोस खान अखुंदज़ादा ने कहा, "अफगानिस्तान साम्राज्यों का कब्रिस्तान है. पाकिस्तान को अफगानिस्तान के इतिहास से सीख लेनी चाहिए और अफगानों को परेशान करना बंद करना चाहिए."

इसके अलावा पक्तिया निवासी मुस्लिम हैदरी ने कहा, "इस्लामिक अमीरात और अफगानिस्तान के लोगों का अपनी जमीन और क्षेत्र के एक-एक इंच की रक्षा करना वैध अधिकार है."

क्या है पाक-अफगान लड़ाई की टाइमलाइन?

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुई हालिया भिड़ंत डूरंड लाइन पर 11-12 अक्टूबर 2025 की रात हुई. इसकी मुख्य वजह बनी पाकिस्तान की तरफ से अफगानिस्तान के काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका में हवाई हमले. पाक सेना ने TTP पर हमले का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने उन लड़ाकों के ऊपर कार्रवाई की है, जिन्होंने उनके देश के खिलाफ अफगान सरजमीं से लड़ाई छेड़ रखी है. तालिबान ने इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया.

पाकिस्तान के 58 सैनिक मारे गए!

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आपको बताएं कि बीते दिनों अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने मीडिया टॉक में दावा किया कि अफगान बलों ने पाकिस्तान के करीब 25 मिलिट्री पोस्ट्स पर अपना कब्जा स्थापित कर लिया है. वहीं इन झड़पों में 58 पाक सैनिक मारे गए हैं जबकि 30 घायल हुए हैं. वहीं पाकिस्तान का कहना है कि उसने करीब 200 तालिबानी लड़ाकों को मार गिराया है.

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