आपने देखें हैं ऋषिकेश के ये 'सीक्रेट' waterfalls? छोड़िए भीड़, पाएं प्रकृति का सच्चा अनुभव
भीड़ भाड़ वाली जगह से थोड़ा हटकर, नेचर के क्लोज सुकून भरा समय बिताना है तो आपको ऋषिकेश की उन छुपी हुई वॉटर साइट्स को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. आज हम आपको बताएंगे ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में.

ऋषिकेश, जिसे योग राजधानी और adventurous खेलों का गढ़ माना जाता है, हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. गंगा के किनारे स्थित यह पवित्र शहर शांति और रोमांच का एक अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करता है. लेकिन अक्सर पर्यटक कुछ गिनी-चुनी जगहों जैसे लक्ष्मण झूला, राम झूला, त्रिवेणी घाट और शिवपुरी में रिवर राफ्टिंग तक ही सीमित रह जाते हैं. अगर आप भीड़-भाड़ से दूर, प्रकृति की असली सुंदरता का अनुभव करना चाहते हैं और ऋषिकेश के छिपे हुए रत्नों को खोजना चाहते हैं, तो शिवपुरी को छोड़कर यहाँ के कुछ कम जाने जाने वाले झरने और नदियों को ज़रूर एक्सप्लोर करें. यहाँ आपको स्वर्ग जैसा सुकून और बेजोड़ प्राकृतिक सौंदर्य मिलेगा.
भीड़ भाड़ वाली जगह से थोड़ा हटकर, नेचर के क्लोज सुकून भरा समय बिताना है तो आपको ऋषिकेश की उन छुपी हुई वॉटर साइट्स को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. आज हम आपको बताएंगे ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में.
1. नीरगढ़ झरना (Neer Garh Waterfall)
लक्ष्मण झूला से लगभग 5-6 किलोमीटर दूर स्थित नीरगढ़ झरना धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है, लेकिन इसका अपर नीर वॉटरफॉल (Upper Neer Waterfall) वाला हिस्सा अभी भी कई लोगों की नज़रों से दूर है.
कैसे पहुंचें: मेन नीरगढ़ झरने के इलाके से ऊपर की ओर थोड़ी ट्रेकिंग के बाद आप अपर नीर तक पहुंच सकते हैं.
क्यों जाएं: यहाँ का पानी पहाड़ियों से बहता हुआ एक प्राकृतिक पूल बनाता है, जहाँ आप आराम से बैठकर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं. यहाँ भीड़ कम होती है, खासकर अगर आप सुबह 8-10 बजे के बीच पहुंचें. रास्ते में छोटे-छोटे कैफे भी मिलते हैं, जहाँ गर्मागर्म पहाड़ों वाली मैगी और अदरक वाली चाय आपकी थकान मिटा सकती है. यह घने जंगलों, तितलियों और जंगली फूलों के बीच से गुजरने का एक रोमांचक अनुभव देता है.
2. गरुड़ चट्टी झरना (Garud Chatti Waterfall)
लक्ष्मण झूला से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित गरुड़ चट्टी झरना भी एक अच्छा विकल्प है. यह भी नीलकंठ रोड पर ही है.
कैसे पहुंचें: झरने तक पहुंचने के लिए लगभग 1.5 किलोमीटर की छोटी और सुंदर ट्रेक करनी पड़ती है, जो राजाजी नेशनल पार्क के जंगल से होकर गुजरती है.
क्यों जाएं: यह झरना अलग-अलग स्तरों पर कई छोटे झरनों की एक श्रृंखला बनाता है, जो प्राकृतिक सीढ़ियों जैसा दिखता है. यहाँ शहरी शोरगुल गायब हो जाता है और पक्षियों का चहचहाना और पानी की आवाज़ सुनाई देती है. यह उन लोगों के लिए भी उपयुक्त है जिनके पास कम समय है या जो बच्चों के साथ यात्रा कर रहे हैं. यहां कई प्राकृतिक पूल भी हैं जहां आप सुरक्षित रूप से डुबकी लगा सकते हैं.
3. पटना झरना (Patna Waterfall)
गरुड़ चट्टी झरने से थोड़ी दूर, नीलकंठ महादेव मंदिर रोड पर स्थित पटना झरना एक और शांत और कम भीड़ वाला स्थान है. लगभग 1 किमी की ट्रेक के बाद आपको यह झरना दिखेगा, जो गुफाओं के बीच से बहता है.
कैसे पहुंचें: इसके लिए भी थोड़ी ट्रेकिंग करनी पड़ती है, जो घने जंगल से होकर गुजरती है.
क्यों जाएं: पटना झरना उतना विशाल नहीं है जितना नीरगढ़, लेकिन इसकी शांत और प्राकृतिक सुंदरता इसे खास बनाती है. यह एक पतला सा झरना है जो चूना पत्थर की चट्टानों से धीरे-धीरे नीचे गिरता है, जिससे एक शांत पूल बनता है. यहां तैराकी के लिए बहुत जगह नहीं है, लेकिन आसपास का जंगल और शांतिपूर्ण माहौल इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है.
4. फूल चट्टी झरना (Phool Chatti Waterfall)
यह गरुड़ चट्टी से लगभग 3.7 किमी आगे स्थित है और यह भी नीलकंठ महादेव मंदिर रोड पर पड़ता है. यह स्थान गंगा के किनारे स्थित है और यहां बहुत कम लोग पहुंचते हैं.
कैसे पहुंचें: यह एक छिपा हुआ रत्न है क्योंकि इसके ट्रेल्स थोड़े कम चिह्नित हैं और आसपास की हरियाली में घुलमिल जाते हैं.
क्यों जाएं: फूल चट्टी झरना अपनी एकांतता और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. यह उन लोगों के लिए एकदम सही है जो भीड़ से दूर शांति की तलाश में हैं. ट्रेक थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन झरने की शांति और आसपास का हरा-भरा माहौल इसे एक यादगार अनुभव बनाता है.
इन झरनों और नदियों को एक्सप्लोर करके आप ऋषिकेश के एक अलग ही पहलू को देख सकते हैं, जो भीड़-भाड़ से दूर, शुद्ध प्राकृतिक सुंदरता और शांति से भरा है.