पुतिन के ऑफर को ट्रंप ने ठुकराया, कहा- आपकी मदद की जरूरत नहीं; रूसी राष्ट्रपति ने फोन कर की थी मदद की पेशकश
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईरान और इजरायल के बीच संघर्षविराम में मदद के लिए फोन किया था, जिसे ट्रंप ने ठुकरा दिया है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें ईरान और इजरायल के बीच संघर्षविराम में मदद की पेशकश के लिए फोन किया था. ट्रंप का कहना है कि उन्होंने पुतिन की मदद से इनकार कर दिया और कहा कि वो ईरान-इजरायल को छोड़ यूक्रेन के साथ अपने संघर्ष को समाप्त करने में मदद करें.
नहीं, मुझे आपकी मदद की जरूरत नहीं - पुतिन
ट्रंप ने मंगलवार को नीदरलैंड्स के हेग में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन के लिए जाते वक्त पत्रकारों से कहा कि, "व्लादिमीर ने मुझे फोन किया, क्या मैं ईरान के मामले में आपकी मदद कर सकता हूं? मैंने कहा कि नहीं, मुझे ईरान के मामले में आपकी मदद की जरूरत नहीं है. मुझे आपके मामले (रूस-यूक्रेन युद्ध के मामले) में मदद की जरूरत है. ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रूस के साथ जल्द ही एक समझौता होगा जिससे यूक्रेन में चल रहा युद्ध खत्म होगा. युद्ध में हो रहे नुकसान के संदर्भ में ट्रंप ने कहा, पिछले सप्ताह छह हजार सैनिक मारे गए."
नाटो शिखर सम्मेलन में जेलेंस्की से फिर मिलेंगे ट्रंप
ट्रंप नाटो शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी मिलने वाले हैं. दोनों नेताओं के बीच कुछ दिनों पहले हल्की नोकझोंक देखने को मिली थी और समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, इसे देखते हुए शिखर सम्मेलन के आयोजकों ने किसी भी हाई-प्रोफाइल टकराव से बचने के लिए जानबूझकर मुख्य कार्य सत्र को छोटा कर दिया है. ईरान और इजरायल के बीच संघर्षविराम के बाद अब ट्रंप का फोकस रूस-यूक्रेन के बीच संघर्षविराम पर है जिसके लिए वो सत्ता में आने से बाद से ही लगे हुए हैं.
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ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान कहा था कि वो राष्ट्रपति बनने के 24 घंटों के अंदर रूस-यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करा देंगे लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका जिसके बाद 100 दिनों का टार्गेट रखा गया. 100 दिनों की डेडलाइन निकल जाने के बाद भी ट्रंप को रूस-यूक्रेन मामले में कुछ खास हासिल नहीं हुआ है और दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है. हालांकि, ट्रंप की कोशिशों के कारण ही रूस और यूक्रेन बातचीत की टेबल पर आए हैं. हाल ही में तुर्की में दोनों पक्षों के बीच दो दौर की वार्ता हुई है. 2 जून को हुई दूसरे दौर की वार्ता में दोनों पक्ष एक-दूसरे के देशों में कैद अपने सैनिकों की अदला-बदली पर सहमत हुए. इसमें युद्ध में मारे गए सैनिकों के शव को वापस लाना भी शामिल था. रूस ने 6,000 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों के शव लौटाए हैं और यूक्रेन ने बदले में उसे 59 सैनिकों के शव दिए हैं. दोनों पक्षों ने शांति समझौते की दिशा में एक रोडमैप के लिए अपनी-अपनी राय रखते हुए एक एमओयू का भी आदान-प्रदान किया है.
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