तीसरे विश्व युद्ध के लिए चीन का खतरनाक प्लान? पेंटागन से 10 गुना बड़ी सीक्रेट मिलिट्री सिटी तैयार, परमाणु हमले में भी रहेगा सक्रिय
चीन देश की राजधानी बीजिंग से करीब 20 मील दक्षिण-पश्चिम में एक अत्यंत गोपनीय और विशालकाय मिलिट्री सिटी का निर्माण कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, यह मिलिट्री परिसर अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन से दस गुना बड़ा है. अमेरिकी खुफिया विभागों का मानना है कि यह सैन्य शहर केवल एक कमांड सेंटर नहीं, बल्कि परमाणु युद्ध जैसी किसी भी आपात स्थिति के दौरान चीन की सामरिक रणनीति का अहम हिस्सा हो सकता है.

दुनिया पहले से ही रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-ईरान संघर्ष और भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनावों से जूझ रही है, और अब एक नई रिपोर्ट ने वैश्विक सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन देश की राजधानी बीजिंग से करीब 20 मील दक्षिण-पश्चिम में एक अत्यंत गोपनीय और विशालकाय मिलिट्री सिटी का निर्माण कर रहा है.
फाइनेंशियल टाइम्स और द सन जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउसों की रिपोर्ट के अनुसार, यह मिलिट्री परिसर अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन से दस गुना बड़ा है. यह खुलासा दुनिया भर की खुफिया एजेंसियों को सतर्क करने के लिए काफी है. अमेरिकी खुफिया विभागों का मानना है कि यह सैन्य शहर केवल एक कमांड सेंटर नहीं, बल्कि परमाणु युद्ध जैसी किसी भी आपात स्थिति के दौरान चीन की सामरिक रणनीति का अहम हिस्सा हो सकता है. जानकारों का कहना है कि इस तरह की गोपनीय निर्माण गतिविधियों से क्षेत्रीय और वैश्विक असंतुलन और भी गहरा सकता है. चीन की इस सैन्य तैयारी को लेकर उसकी मंशा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया कई मोर्चों पर सैन्य संघर्षों से पहले ही त्रस्त है. हालांकि, चीन की ओर से इस पूरे निर्माण पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञ इस घटनाक्रम को एशिया में शक्ति संतुलन को प्रभावित करने वाला कदम मान रहे हैं.
पेंटागन से 10 गुना बड़ी गुप्त मिलिट्री सिटी
चीन अपनी राजधानी से बीजिंग से करीब 20 मील दक्षिण-पश्चिम में एक विशाल और रहस्यमयी सैन्य शहर (मिलिट्री सिटी) का निर्माण किया जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मिलिट्री कैंपस अमेरिका के पेंटागन से दस गुना बड़ा बताया जा रहा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का दावा है कि यह साइट सिर्फ एक सैन्य कमांड सेंटर नहीं है, बल्कि चीन की आपातकालीन परमाणु रणनीति का भी एक अहम हिस्सा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस स्थान पर सीक्रेट अंडरग्राउंड बंकर, सुरंगों का विस्तृत जाल और वाटरप्रूफ बाउंड्रीवॉल तैयार की गई हैं. सुरक्षा इतनी सख्त है कि न तो आम नागरिकों को यहां प्रवेश की अनुमति है और न ही किसी ड्रोन या कैमरा जैसे तकनीकी उपकरणों को इस्तेमाल करने की इजाजत है. जानकारों का मानना है कि इन उपायों से साफ जाहिर होता है कि चीन इस परियोजना को दुनिया की नजरों से छिपाकर चलाना चाहता है. बताया जा रहा है कि साल 2022 में इस इलाके आवासीय भवन और खुला मैदान था वही साल 2024 में पूरा इलाका खाली कर निर्माण कार्य शुरू किया गया था.
गुप्त मिलिट्री सिटी में परमाणु हमलों से बचाव की विशेष तैयारी
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि केवल परमाणु हथियारों का होना ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि उनसे बचाव की ठोस व्यवस्था होना भी उतना ही जरूरी है. इसी उद्देश्य से चीन इस मिलिट्री सिटी के तहत जमीन के नीचे अति सुरक्षित बंकरों का निर्माण कर रहा है. इन बंकरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वे किसी भी संभावित परमाणु हमले को झेलने में सक्षम हैं. वॉर के हालात में ये बंकर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के रूप में काम कर सकते हैं, जिससे सेना की रणनीतिक संचालन क्षमता बनी रह सके. एक अमेरिकी पूर्व खुफिया अधिकारी ने दावा किया है कि यह नया सैन्य केंद्र चीन के वर्तमान मुख्य सैन्य मुख्यालय वेस्टर्न हिल्स कॉम्प्लेक्स की जगह ले सकता है. जानकारी के अनुसार, इस प्रोजेक्ट का पूर्ण निर्माण कार्य वर्ष 2024 के मध्य से तेज़ी से शुरू हुआ. शुरुआत में सुरंगों और सड़कों का निर्माण किया गया, इसके बाद भूमिगत बंकर तैयार किए गए और अब ज़मीन के ऊपर इमारतों का निर्माण चल रहा है. यह पूरा सैन्य प्रोजेक्ट अत्यंत गोपनीयता के साथ संचालित हो रहा है. न तो आम नागरिकों को इसकी पहुंच में आने दिया जा रहा है और न ही ड्रोन, कैमरा या अन्य निगरानी उपकरणों को वहां उड़ान भरने की इजाजत है.
मिलिट्री सिटी बना वैश्विक चिंता का केंद्र
पेंटागन को दशकों से दुनिया की सबसे बड़ी आधिकारिक सैन्य इमारत माना जाता रहा है, लेकिन चीन की यह रहस्यमय सैन्य परियोजना उससे दस गुना बड़ी बताई जा रही है. जानकरों के अनुसार, यह चीन की सैन्य महत्त्वाकांक्षा का स्पष्ट संकेत है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन लगातार अपने परमाणु हथियार भंडार और सैन्य ढांचे को आधुनिक बना रहा है. अमेरिका की खुफिया रिपोर्टों का कहना है कि यदि यही गति रही तो आने वाले दशक में चीन की परमाणु क्षमता अमेरिका के बराबर या उससे भी आगे निकल सकती है. वही इस पूरे मामले पर चीन ने अब तक चुप्पी साध रखी है. न तो चीनी विदेश मंत्रालय और न ही किसी आधिकारिक संस्था ने इस प्रोजेक्ट को लेकर कोई टिप्पणी की है. हालांकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और सैटेलाइट इमेजिंग से इस परियोजना का खुलासा हुआ है. इन स्रोतों के मुताबिक, चीन इस मिलिट्री सिटी को इतनी गोपनीयता से बना रहा है कि न तो आम जनता की पहुंच वहां है और न ही तकनीकी उपकरणों की अनुमति. इस परियोजना के खुलासे के बाद अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों ने इस क्षेत्र पर निगरानी और गहन विश्लेषण शुरू कर दिया है. विशेषज्ञ इसे सिर्फ एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि चीन की दीर्घकालिक वैश्विक सैन्य रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं.