हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में हुआ ये बड़ा बदलाव, स्विच करने के नियम में हुई तबदीली
Health Insurance Policy: गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सबसे जरुरी होता है। क्योकि बिना इंश्योरेंस पॉलिसी के कर्मचारियों को इलाज के लिए अस्पताल में बड़ी रकम देनी पड़ सकती है।

Health Insurance Policy: आज के जमाने में होनी खुद कि ज़िन्दगी का भरोसा नहीं हैं , कब क्या हो जाए ? इसलिए बहुत से लोग अपना हेल्थ इंश्योरेंस करवाते हैं। लोगो कि इतनी कमाई नहीं होती कि बिमारी के लाखो खर्च कर सके , वहीं प्राइवेट और अच्छे अस्पताल में इलाज कराने के लिए बड़ी रकम देनी होती है।यही कारण है कि अधिकांश गैर सरकारी कर्मचारी प्राइवेट कंपनियों से हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी लेते है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कोई नई कंपनी अच्छे ऑफर के साथ हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम लेकर आती है।अब सवाल ये है इस स्थिति में यूजर्स कैसे नई पॉलिसी में स्विच कर सकते है ? आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ........
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी
गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सबसे जरुरी होता है। क्योकि बिना इंश्योरेंस पॉलिसी के कर्मचारियों को इलाज के लिए अस्पताल में बड़ी रकम देनी पड़ सकती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि यूजर्स कंपनी के जिस पॉलिसी को लेकर चल रहे होते हैं। दूसरी कंपनी उससे कम रेट में ज्यादा अच्छी सुविधाएं देती हैं। जिस कारण यूजर्स को पॉलिसी स्विच करने का प्लान बनाना पड़ता हैं।
कैसे कर सकते हैं पोर्ट ?
वहीं आपको बता दें , बहुत लोगो के मन में ये सवाल आता हैं कि कोई भी यूजर्स कैसे इंश्योरेंस पॉलिसी को स्विच कर सकते हैं। बता दें ,कि आप मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को बदलने के लिए इसे पोर्ट कर सकते हैं। पोर्ट करने का मतलब है कि आप अपने कवरेज को किसी दूसरी बीमा कंपनी में ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए रिन्यूअल की तारीख से कम से कम 45 दिन पहले मौजूदा बीमा कंपनी को सूचित करना होता हैं। वहीं पोर्टेबिलिटी फॉर्म और प्रपोजल फॉर्म भरकर नई बीमा कंपनी को सबमिट करना होता हैं। इसके बाद नई बीमा कंपनी IRDA की वेबसाइट या मौजूदा बीमा कंपनी से प्लान की जानकारी हासिल करेगी। वहीं आवेदन की डिटेल जांच के बाद नई पॉलिसी के तहत लाभ उठाए जा सकते हैं।
पोर्ट करने के लिए क्या लगता हैं चार्ज
बता दें , कि पोर्ट करने के लिए कोई भी चार्ज नहीं लगता हैं। इसके लिए आपको सिर्फ नई कंपनी को इससे जुड़े सभी फॉर्म जमा करने होते हैं। वहीं मौजूदा पॉलिसी में की गई प्रतिमा अवधि नई पॉलिसी में भी लागू होती है। पोर्ट करने के साथ यूजर को नई कंपनी की सभी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाती हैं और पिछले पॉलिसी में प्रतीक्षा अवधि और जीरो क्लेम का भी लाभ मिलता हैं। इससे यूजर की इंश्योरेंस क्लेम की लिमिट भी कंपनी बढ़ा सकती हैं। जिसका फायदा सीधा इंश्योरेंस उपभोगता को मिलेगा।