रेलवे के सख्त नियम: ट्रेन में लोअर बर्थ मिलते ही न करें ये गलती, वरना भरना पड़ेगा भारी जुर्माना!
लोअर बर्थ (Lower Berth) यानी नीचली सीट अक्सर बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और शारीरिक रूप से असक्षम लोगों को प्राथमिकता दी जाती है. अगर आपको ये सीट मिल भी गई है, तो भी कुछ नियम हैं जिन्हें जानना और मानना जरूरी है.

Indian Railway Rules: भारतीय रेलवे में लाखों लोग हर दिन सफर करते हैं, और ऐसे में कुछ नियम बनाए गए हैं ताकि सभी यात्री आरामदायक यात्रा कर सकें. लोअर बर्थ (Lower Berth) यानी नीचली सीट अक्सर बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और शारीरिक रूप से असक्षम लोगों को प्राथमिकता दी जाती है. अगर आपको ये सीट मिल भी गई है, तो भी कुछ नियम हैं जिन्हें जानना और मानना जरूरी है.
दिन में पूरी बर्थ पर लेटना मना है
रेलवे के नियम के मुताबिक रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही यात्री अपनी बर्थ पर लेट सकते हैं.सुबह 6 बजे के बाद, लोअर बर्थ पर अकेले लेटे रहना नियमों का उल्लंघन माना जाता है – खासकर अगर उस सीट पर ऊपर की बर्थ (Middle या Upper) के यात्री नीचे बैठना चाहें.
उदाहरण:
अगर किसी यात्री को ऊपर की सीट मिली है और वो दिन में नीचे बैठना चाहता है, तो लोअर बर्थ वाला यात्री उसे मना नहीं कर सकता।
दूसरों की बर्थ पर बैठना या कब्जा करना गैरकानूनी है
कभी-कभी लोग सोचते हैं कि खाली बर्थ पर थोड़ी देर बैठना ठीक है, लेकिन ऐसा करना गलत है.अगर आप किसी और की बर्थ पर बिना इजाज़त बैठे हैं या लेट गए हैं, तो उस यात्री की शिकायत पर आपको जुर्माना लग सकता है और टीटीई आपको सीट से हटा सकता है.
सीट बदलने के लिए टीटीई की अनुमति ज़रूरी है
मान लीजिए कि आपको कोई सीट पसंद नहीं आई और आप किसी और यात्री से बदलना चाहते हैं, तो ये काम आप सीधे खुद नहीं कर सकते.आपको पहले टीटीई (Train Ticket Examiner) से पूछना होगा और उसकी अनुमति लेनी होगी. अगर आप खुद ही सीट बदल लेते हैं, तो वो नियमों का उल्लंघन है.
वेटिंग टिकट वाले लोअर बर्थ पर न बैठें
अगर आपकी टिकट वेटिंग लिस्ट में है और आपने जनरल टिकट से स्लीपर कोच में चढ़कर खाली लोअर बर्थ पकड़ ली, तो ये गैरकानूनी है.रेलवे अब ऐसे यात्रियों पर सख्त कार्रवाई करता है और जुर्माना भी लगाता है.
लोअर बर्थ पर सामान फैला कर रखना मना है
कुछ लोग लोअर बर्थ पर बैठकर या लेटकर सारा सामान वहीं फैला देते हैं, जिससे बाकी यात्रियों को परेशानी होती है. ऐसा करने पर न सिर्फ विवाद हो सकता है, बल्कि टीटीई आपको फटकार भी लगा सकता है या जुर्माना लगा सकता है.
लोअर बर्थ पर प्राथमिकता किन्हें दी जाती है?
अगर आपने लोअर बर्थ बुक की है लेकिन कोई वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिला या विकलांग यात्री उसी सीट के लिए दावा करता है, तो आपसे सीट बदली भी जा सकती है.रेलवे की प्राथमिकता इन विशेष श्रेणियों को होती है, और अगर आप सहयोग नहीं करते, तो ये शिकायत का कारण बन सकता है.
ट्रेन में लोअर बर्थ मिलने पर ये मत समझिए कि आप जो मन में आए, वो कर सकते हैं. दूसरों का भी उतना ही अधिकार है जितना आपका. रेलवे के बनाए नियम इसलिए हैं ताकि सबको बराबरी का और आरामदायक अनुभव मिल सके.इन नियमों का पालन करके आप खुद भी यात्रा का आनंद ले सकते हैं और दूसरों की यात्रा को भी सुखद बना सकते हैं.