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अब पढ़ाई में बाधा नहीं बनेगी पैसों की कमी, जानें किन बच्चों के माता-पिता को मिलेगी आर्थिक मदद

सरकार की इस नई योजना से यह साफ हो गया है कि यूपी सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर गंभीर है. माता-पिता को सीधी आर्थिक मदद देना एक सराहनीय कदम है, जिससे पढ़ाई को मजबूती मिलेगी. यह योजना न सिर्फ स्कूल जाने वाले बच्चों को राहत देगी, बल्कि उन बच्चों को भी दोबारा पढ़ाई से जोड़ने में मदद करेगी जो किसी कारणवश स्कूल छोड़ चुके हैं.

16 Jul, 2025
( Updated: 16 Jul, 2025
10:05 AM )
अब पढ़ाई में बाधा नहीं बनेगी पैसों की कमी, जानें किन बच्चों के माता-पिता को मिलेगी आर्थिक मदद

UP Government Scheme: देशभर में राज्य सरकारें समय-समय पर अपने नागरिकों के लिए कई योजनाएं चलाती रहती हैं, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और किसान कल्याण जैसे क्षेत्र शामिल होते हैं. खासकर शिक्षा को लेकर सरकारों का फोकस लगातार बढ़ा है. उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में पीछे नहीं है. हाल ही में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है, जो सीधे बच्चों के माता-पिता को आर्थिक मदद देने के मकसद से शुरू की गई है. इसका लक्ष्य है कि गरीब और जरूरतमंद परिवार अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित हों, ताकि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे.

किसे मिलेगा इस योजना का फायदा?

इस योजना के तहत 6 से 14 साल की उम्र के बच्चों के माता-पिता को आर्थिक सहायता दी जाएगी.खास बात यह है कि यह मदद उन बच्चों के परिवारों को दी जाएगी जो अभी तक स्कूल नहीं जा रहे हैं या बीच में पढ़ाई छोड़ चुके हैं (ड्रॉपआउट बच्चे)। सरकार का मकसद है कि ऐसे बच्चों को दोबारा स्कूल से जोड़ा जाए और माता-पिता की आर्थिक तंगी पढ़ाई में रुकावट न बने.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि गांवों और शहरों में ऐसे परिवारों की पहचान की जाए, जहां बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। इसके बाद उनके माता-पिता को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए आर्थिक सहायता दी जाएगी.

मिलेगा कितना पैसा और किसलिए?

यूपी सरकार इस योजना के तहत बच्चों के माता-पिता को एकमुश्त ₹1200 रुपये की आर्थिक सहायता देगी. यह पैसा हर महीने नहीं बल्कि एक बार ही ट्रांसफर किया जाएगा, ताकि बच्चों के लिए जरूरी चीजें जैसे – यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, स्टेशनरी, किताबें आदि समय पर खरीदी जा सकें.

यह स्कीम उन सरकारी स्कूलों पर लागू होगी, जहां 50 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. इससे न केवल बच्चों की स्कूल के प्रति दिलचस्पी बढ़ेगी, बल्कि माता-पिता भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर अधिक जागरूक होंगे. सरकार का मानना है कि इस मदद से बच्चों को स्कूल भेजने में आने वाली सबसे बड़ी बाधा आर्थिक कमी दूर की जा सकेगी.

ग्रामीण इलाकों के लिए वरदान साबित हो सकती है योजना

यूपी सरकार की यह योजना खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के लिए बहुत मददगार साबित हो सकती है, जहां कई बार लोग बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय काम पर लगा देते हैं, क्योंकि उनके पास जरूरी सामान खरीदने के पैसे नहीं होते. अब जब सरकार खुद उनके खाते में पैसा भेजेगी, तो ऐसी सोच को बदला जा सकेगा. इस योजना से एक ओर जहां शिक्षा का स्तर सुधरेगा, वहीं दूसरी ओर ड्रॉपआउट रेट में भी कमी आएगी. बच्चों के लिए यूनिफॉर्म और स्टेशनरी जैसी जरूरत की चीजें समय पर उपलब्ध होंगी, जिससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.

बच्चों की पढ़ाई अब नहीं रुकेगी पैसों की वजह से

सरकार की इस नई योजना से यह साफ हो गया है कि यूपी सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर गंभीर है. माता-पिता को सीधी आर्थिक मदद देना एक सराहनीय कदम है, जिससे पढ़ाई को मजबूती मिलेगी. यह योजना न सिर्फ स्कूल जाने वाले बच्चों को राहत देगी, बल्कि उन बच्चों को भी दोबारा पढ़ाई से जोड़ने में मदद करेगी जो किसी कारणवश स्कूल छोड़ चुके हैं.

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