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बैंक में हर काम का लग रहा है दाम! जानिए कौन सी सर्विस पर कितनी फीस वसूली जा रही है

आज के दौर में बैंकिंग अब उतनी मुफ्त नहीं रह गई जितनी पहले हुआ करती थी. हर सामान्य सुविधा के पीछे चार्ज छिपा होता है, और जब इनका जोड़ महीने भर में निकलता है, तो ग्राहक को बड़ा झटका लगता है. इसलिए ज़रूरी है कि ग्राहक जागरूक बनें, बैंक की सभी शुल्क नीतियों को जानें और तभी किसी सेवा का इस्तेमाल करें. समय पर सही जानकारी होना ही आज की स्मार्ट बैंकिंग का मूल मंत्र है.

25 Jul, 2025
( Updated: 25 Jul, 2025
03:39 PM )
बैंक में हर काम का लग रहा है दाम! जानिए कौन सी सर्विस पर कितनी फीस वसूली जा रही है

Bank Rules: बदलते वक्त के साथ-साथ बैंकिंग सेवाओं में भी बड़ा बदलाव आया है. जहां पहले ग्राहक पासबुक अपडेट, चेक बुक मंगवाने, मोबाइल नंबर अपडेट कराने या ट्रांजैक्शन जैसे काम बिना किसी शुल्क के करवा लेते थे, वहीं अब इन सुविधाओं के लिए उन्हें अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है. बैंक इन सामान्य सेवाओं पर भी चार्ज वसूलने लगे हैं और यही कारण है कि अब लोग किसी भी सर्विस का इस्तेमाल करने से पहले दो बार सोचने लगे हैं.

अब पासबुक अपडेट से लेकर SMS अलर्ट तक सबकुछ चार्जेबल

पहले जो सुविधाएं आम और मुफ्त थीं, अब उनके लिए बैंक फीस वसूल रहे हैं. उदाहरण के तौर पर, अगर आप अपनी पासबुक अपडेट करवाना चाहते हैं, तो कई बैंक अब इसके लिए भी अतिरिक्त शुल्क लेने लगे हैं. डुप्लीकेट पासबुक बनवाने पर तो प्रति पेज के हिसाब से 50 रुपये तक चार्ज वसूला जा रहा है. यही नहीं, SMS अलर्ट जैसी बेसिक सुविधा, जो पहले मुफ्त थी, अब इसके लिए भी हर महीने 10 से 35 रुपये तक का शुल्क लिया जा रहा है.

डेबिट कार्ड से लेकर एटीएम ट्रांजैक्शन तक,  हर जगह लग रहे हैं पैसे

आज के समय में बैंकिंग का सबसे ज्यादा उपयोग डेबिट कार्ड और एटीएम के ज़रिए होता है, लेकिन अब यह भी सस्ता नहीं रहा. डेबिट कार्ड के सालाना मेंटेनेंस के लिए बैंक 250 से 300 रुपये तक वसूलते हैं. वहीं, एटीएम से फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा तय कर दी गई है. यदि आप उस लिमिट से ज़्यादा बार पैसे निकालते हैं, तो हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर शुल्क देना पड़ता है. यह शुल्क बैंक और स्थान (मेट्रो या नॉन-मेट्रो) के आधार पर अलग-अलग होता है.

छोटे-छोटे बदलावों पर भी बड़ी फीस

बैंक अब उन कार्यों पर भी चार्ज वसूलने लगे हैं जो पहले बेहद सामान्य माने जाते थे. अगर आप अपने खाते में सिग्नेचर बदलवाना चाहते हैं, नाम या फोटो अपडेट कराना चाहते हैं तो उसके लिए 100 से 150 रुपये तक का शुल्क लग सकता है. मोबाइल नंबर बदलने पर भी 25 से 50 रुपये की फीस देनी पड़ती है.इसी तरह यदि आप डुप्लीकेट चेक बुक जारी करवाते हैं तो 150 रुपये तक देने पड़ सकते हैं. चेक पेमेंट पर रोक लगाने के लिए 200 से 500 रुपये तक की राशि ली जाती है। और यदि आप किसी कारणवश अपना बैंक खाता बंद करना चाहते हैं तो भी आपको 250 से 800 रुपये तक का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

अकाउंट में बैलेंस नहीं रखा तो लगेगा जुर्माना

मिनिमम बैलेंस रखने की शर्त अब एक आम बात हो गई है. अगर किसी महीने आपके खाते में तयशुदा न्यूनतम राशि नहीं रहती, तो बैंक उस पर 500 रुपये तक का जुर्माना लगा सकते हैं. यह जुर्माना खाते के प्रकार और बैंक की नीति पर निर्भर करता है. बहुत से ग्राहक इन शर्तों से अनजान रहते हैं, और उन्हें हर महीने चार्ज कटने का अंदाजा भी नहीं होता.

हर सर्विस से पहले जानिए,  कौन सी फ्री है और कौन सी नहीं

बैंकिंग सेवाओं का बढ़ता शुल्क ग्राहकों के लिए चिंता का विषय बन चुका है. अब यह ज़रूरी हो गया है कि ग्राहक किसी भी सेवा का उपयोग करने से पहले बैंक की शुल्क नीति को ध्यान से पढ़ें. हर बैंक की वेबसाइट पर चार्जेस की पूरी सूची उपलब्ध होती है. एक बार यह जानकारी लेने से आप अनावश्यक खर्चों से बच सकते हैं और अपने पैसे का बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं.वरना, महीने के अंत में बैंक स्टेटमेंट देखकर यह समझना मुश्किल नहीं होगा कि छोटी-छोटी सुविधाओं के बदले में कितना पैसा धीरे-धीरे कटता जा रहा है.

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आज के दौर में बैंकिंग अब उतनी मुफ्त नहीं रह गई जितनी पहले हुआ करती थी. हर सामान्य सुविधा के पीछे चार्ज छिपा होता है, और जब इनका जोड़ महीने भर में निकलता है, तो ग्राहक को बड़ा झटका लगता है. इसलिए ज़रूरी है कि ग्राहक जागरूक बनें, बैंक की सभी शुल्क नीतियों को जानें और तभी किसी सेवा का इस्तेमाल करें. समय पर सही जानकारी होना ही आज की स्मार्ट बैंकिंग का मूल मंत्र है.

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