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Labour Insurance Policy: अगर बिल्डिंग गिरने की वजह से हो गयी मजदूर की मौत,तो ऐसे मिलेगा मुआवजा

आपने कई बार देखा होगा की अंडर कंस्ट्रक्शन पर काम रहें मजदुर के साथ कई बार दुर्घटना हो जाती है।कभी कभी तो दुर्घटना इतनी बड़ी होती है की मजदूरों की मौत तक हो जाती है। वहीं ऐसे में बहुत लोगो का सवाल है की क्या मजदूरों को भी इन्सुरेंस क्लेम मिलता है ?

08 Sep, 2024
( Updated: 08 Sep, 2024
04:15 PM )
Labour Insurance Policy: अगर बिल्डिंग गिरने की वजह से हो गयी मजदूर की मौत,तो ऐसे मिलेगा मुआवजा
Labour Insurance Policy: कहीं भी कोई नई इमारतें बनती है तो इन इमारतों को बनाने के लिए काफी मजदूरों का सहारा लेना पड़ता है।तब जाकर बड़ी बड़ी बिल्डिंग खड़ी होती है। वहीं आपने कई बार देखा होगा की अंडर कंस्ट्रक्शन पर काम रहें मजदुर के साथ कई बार दुर्घटना हो जाती है।कभी कभी तो दुर्घटना इतनी बड़ी होती है की मजदूरों की मौत तक हो जाती है। वहीं ऐसे में बहुत लोगो का सवाल है की क्या मजदूरों को भी इन्सुरेंस क्लेम मिलता है ? क्या इसके लिए कोई प्रवधान होता है।आइए जानते है अगर बिल्डिंग्स गिरने से किसी मजदुर की मौत हो जाती है तो इसका नुक्सान कौन भरता है…… 

बिल्डिंग गिरने पर मिलता है मजदूरों को इतना मुआवजा (Labour Insurance Policy)

वहीं आपको बता दे ,अगर कोई मजदुर निर्माणधीन बिल्डिंग में काम कर रहा है और उस दौरान बिल्डिंग गिरने से या किसी और कारण से मजदुर की मौत हो जाती है। तो ऐसे में मजदूरों को मुआवजा दिए जाने का प्रवधान है। वहीं यह मुआवजा कुछ मौके पर सरकार की तरफ से दी जाती है।  तो वहीं कुछ नियम में बिलिडिंग के मालिक को मजदुर की मौत के बाद उनके परिवार को मुआवजा देना होता है।इसके साथ ही बिल्डिंग के मालिक का नहीं चलता पता तो मजदुर के साथ काम कर रहे ठेकेदार इसका मुआवजा भरता है।  

Insurance भी दिया जाता है (Labour Insurance Policy)

अगर किसी बिल्डिंग के मालिक ने अपनी प्रॉपर्टी का इन्शुरन्स करवा रखा है तो ऐसी सिचुएशन में बिल्डिंग को कोई नुकसान पहुंचता है ,तो उसे इन्शुरन्स मिलता है।वहीं अगर बिल्डिंग गिरने से किसी मजदुर की मौत हो जाती हैं तो उस मजदुर को भी उस बिल्डिंग के इन्शुरन्स का फायदा मिलता है।  अगर किसी मजदुर ने खुद का लाइफ इन्शुरन्स बनवाया है तो मजदुर की मौत के बाद उसके परिवार को इन्शुरन्स का लाभ मिलेगा।  

ESI की तरफ से मिल सकता है मुआवजा (Labour Insurance Policy)

भारत में जितनी भी रजिस्टर्ड कंपनी है।  फिर चाहे वो कंस्ट्रक्शन कंपनी ही क्यों न हो उनमे काम करने वाले सभी मजदूरों के पास पीएफ खाता होता है।  जिन कंपनियों ने एम्प्लाई स्टेट इन्शुरन्स में रजिस्टर्ड करवाया होता है।लेकिन वह कंपनी दिवालिया हो चुकी है। तो ऐसी सिचुएशन में ESI मुआवजा देती है। 
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