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सरकारी ज़मीन पर कब्जा करने वालों पर आफत... AI के 188 अलर्ट और अतिक्रमण ध्वस्त

उत्तराखंड गवर्नमेंट एसेट मैनेजमेंट सिस्टम ने सरकारी भूमि पर रातों रात अवैध कब्जे करने वालों की शामत ला दी है. पिछले छह माह में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) ने तीन जिलों की सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के 188 अलर्ट दिए, जिस पर विभागों ने टीम भेजकर तत्काल अतिक्रमण हटाया.

Created By: शबनम
28 May, 2025
( Updated: 29 May, 2025
12:58 PM )
सरकारी ज़मीन पर कब्जा करने वालों पर आफत... AI के 188 अलर्ट और अतिक्रमण ध्वस्त

उत्तराखंड में अवैध कब्जाधारियों की शामत गई है. शासन से लेकर प्रशासन तक अवैध कब्जा करने वालों पर टूट पड़ा है. ना अवैध मस्जिद मदरसों को छोड़ा जा रहा है. ना ही माफियागिरी दिखाने वालों को बख्शा जा रहा है. इसी कड़ी में अब उत्तराखंड गवर्नमेंट एसेट मैनेजमेंट सिस्टम ने सरकारी भूमि पर रातोंरात कब्जा करने वालों को तोड़ना शुरू कर दिया है और माफियाओं की धरपकड़ के लिए पुलिस के साथ साथ AI का बड़े लेवल पर इस्तेमाल किया गया है. दरअसल पिछले 6 महीने में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने तीन जिलों की सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के 188 अलर्ट दिए. जैसे ही सरकारी ज़मीन पर कब्जे का अलर्ट मिला तुरंत विभाग ने टीम भेजकर तत्काल अतिक्रमण हटाया.


पुष्कर सिंह धामी सरकार के निर्देश के बाद अंतरिक्ष उपयोग केंद्र ने सेटेलाइट के 50 सेंटीमीटर उच्च रिजॉल्यूशन पर सभी विभागों की सरकारी जमीनों की मैपिंग करते हुए बफर ज़ोन बनाए हैं AI आधारित UKGAMS पोर्टल के ज़रिए से इन बफर ज़ोन की निगरानी शुरू की गई और धीरे-धीरे पूरे जिले में इसका असर नज़र आने लगा. इसी का नतीजा है कि सेटेलाइट ने तीन जिलों में सरकारी जमीनों पर 188 अतिक्रमण पकड़े और विभागों को सीधे रेड अलर्ट भेज दिया. अलर्ट के साथ ही उस ज़मीन की पूरी वर्चुअल लोकेशन भी भेजी गई जिससे टीम को वहां पहुंचने में आसानी हुई और तुरंत अवैध कब्जा करने वालों की धरपकड़ भी की गई. और अवैध कब्जे को भी ढहाया गया.

यानी की उत्तराखंड में माफिया अगर सोचें कि वो अवैध कब्जा कर प्रशासन की आँख में धूल झोंक जाएंगे या किसी की पकड़ में नहीं आएंगे तो ऐसा नहीं है क्योंकि तीसरी नज़र उनपर गढ़ी हुई है. ख़ुद यूसैक की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया इस सिस्टम को इस तरह से तैयार किया गया है कि विभागों के अधिकारी-कर्मचारी सीधे मोबाइल में भी संचालन कर सकते हैं. अलर्ट आने के बाद टीम मौके पर पहुंचती है और वहां की तस्वीरें व वीडियो इस एप के माध्यम से साझा करती है. एआई उस डाटा को रीड करने के बाद अलर्ट हटा देता है.


यानी की सेटेलाइट के ज़रिए से सभी खाली पड़ी सरकारी जमीनों की जानकारी सरकार के पास एक क्लिक पर ही उपलब्ध है इसलिए किसी भी प्रोजेक्ट के लिए योजना बनाते समय ज़मीन की तलाश आसान होगी. वैसे भी जबसे उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मोर्चा संभाला है देवभूमि में ना सिर्फ अपराध पर नकेल कसी जा रही है, बल्कि अपराधियों की कमर भी तोड़ी जा रही है.

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