Advertisement

अमरनाथ यात्रा: 25 दिनों में 3 लाख 83 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन, तीर्थयात्रा के 12 दिन शेष

अमरनाथ यात्रा में अब तक 3.83 लाख से अधिक तीर्थयात्री शामिल हो चुके हैं. इस वार्षिक तीर्थयात्रा के समापन में अब 12 दिन शेष रह गए हैं.

Author
29 Jul 2025
( Updated: 11 Dec 2025
01:51 PM )
अमरनाथ यात्रा: 25 दिनों में 3 लाख 83 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन, तीर्थयात्रा के 12 दिन शेष

अमरनाथ यात्रा में अब तक 3.83 लाख से अधिक तीर्थयात्री शामिल हो चुके हैं. इस वार्षिक तीर्थयात्रा के समापन में अब 12 दिन शेष रह गए हैं.

लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या

इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा में अत्यधिक सुरक्षित, शांतिपूर्ण और सुचारू वातावरण में हो रही है. श्रद्धालु काफी उत्साहित हैं. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को 1,490 श्रद्धालुओं का एक और जत्था जम्मू से दो सुरक्षा काफिलों में कश्मीर के लिए रवाना हुआ.

1,490 श्रद्धालुओं का नया जत्था हुआ कश्मीर के लिए रवाना

इनमें से, 327 तीर्थयात्रियों को लेकर 16 वाहनों का पहला काफिला सुबह 3.25 बजे बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ, जबकि 1,163 यात्रियों को लेकर 45 वाहनों का दूसरा काफिला सुबह 3.57 बजे पहलगाम आधार शिविर के लिए रवाना हुआ.

'नाग पंचमी' के अवसर पर पवित्र छड़ी का हुआ पूजन

इस दिन, 'नाग पंचमी' के अवसर पर, श्रीनगर के अमरेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पवित्र छड़ी (छड़ी मुबारक) का 'छड़ी पूजन' मनाया जा रहा है. पवित्र गुफा मंदिर की ओर छड़ी मुबारक की अंतिम यात्रा 4 अगस्त को शुरू होगी. 'छड़ी मुबारक' को पारंपरिक रूप से श्रीनगर शहर के बुद्धशाह चौक क्षेत्र में दशनामी अखाड़ा भवन में अमरेश्वर मंदिर के अंदर रखा जाता है. छड़ी मुबारक की यात्रा ही अमरनाथ यात्रा के स्थलों का निर्धारण करती है.

यह 4 अगस्त को श्रीनगर के अमरेश्वर मंदिर से अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगी और 9 अगस्त को पवित्र गुफा मंदिर पहुँचेगी, जो यात्रा का आधिकारिक समापन होगा.

अपने मुख्य स्थान से पवित्र गुफा मंदिर तक की यात्रा के दौरान, छड़ी मुबारक के अपने अंतिम गंतव्य, पवित्र गुफा मंदिर पहुंचने से पहले, रास्ते में पंपोर, बिजबेहरा, मट्टन और पहलगाम में पारंपरिक पूजा आयोजित की जाएगी.

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम

अधिकारियों ने इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा के लिए व्यापक बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है, क्योंकि यह यात्रा 22 अप्रैल के कायराना पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने बैसरन मैदान में 26 निहत्थे लोगों की हत्या कर दी थी.

सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा संख्या बढ़ाने के लिए सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियाँ तैनात की गई हैं. सेना ने इस वर्ष तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए 8,000 से ज़्यादा विशेष कमांडो तैनात किए हैं. यह यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी.

यात्री कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर स्थित पवित्र गुफा मंदिर तक या तो पारंपरिक पहलगाम मार्ग से या छोटे बालटाल मार्ग से पहुंचते हैं. पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं, और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं.

तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं. और, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और दर्शन करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है.

यह भी पढ़ें

सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है.

टिप्पणियाँ 0

Advertisement
Podcast video
Gautam Khattar ने मुसलमानों की साजिश का पर्दाफ़ाश किया, Modi-Yogi के जाने का इंतजार है बस!
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें