महाराष्ट्र में आखिर क्यों नहीं खत्म हो रहा बवाल? क्या एकनाथ शिंदे बन गए महायुति दल के गठन की बाधा? कौन होगा सीएम चेहरा?
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सस्पेंस जारी है। एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की दिल्ली में अमित शाह के साथ हुई बैठक के बाद महायुति दल की महाराष्ट्र में भी बैठक होनी थी। लेकिन एकनाथ शिंदे की अचानक से तबीयत खराब हो जाने की वजह से इसमें देरी हो रही है। शिंदे गुट के कई नेता पिछले कार्यकाल के सभी विभागों की मांग कर रहे हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए 10 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है। लेकिन अभी तक न तो मुख्यमंत्री चेहरे का चयन हो पाया और न ही सरकार के विभागों का बंटवारा हो पाया है। दिल्ली से लेकर मुंबई तक लगातार बैठकों का दौर जारी है। लेकिन परिणाम कुछ भी नहीं निकल पा रहा। हालांकि यह बात लगभग-लगभग तय हो चुकी है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री चेहरा भारतीय जनता पार्टी से ही होगा। सूत्रों के मुताबिक ऐसी भी खबर निकलकर सामने आ रही है कि महायुति गठन में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बड़ी बाधा बन रहे हैं। लेकिन असल सच्चाई क्या है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है ?
एकनाथ शिंदे की वजह से हुई देरी ?
महाराष्ट्र के वर्तमान कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर शुरू हुई बहस कोई छोटी नहीं है। हाल ही में एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को महाराष्ट्र बीजेपी नेतृत्व ने दिल्ली भेजा था। यहां तीनों नेताओं की गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई थी। अमित शाह की आवास पर करीब 3 घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक के बाद तीनों ही नेता उसी रात महाराष्ट्र वापस चले गए थे। इस बैठक के बाद महायुति दल की महाराष्ट्र में बैठक होनी थी। लेकिन एकनाथ शिंदे 2 दिनों के लिए महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित अपने पैतृक गांव चले गए थे। इसी वजह से महायुति नेताओं की बैठक में देरी हुई। एकनाथ शिंदे एक शाम पहले ही महाराष्ट्र वापस आ गए। लेकिन वह मुख्यमंत्री आवास जाने के बजाए ठाणे में रुक गए।
एकनाथ शिंदे की तबीयत ठीक नहीं
एकनाथ शिंदे की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। उन्हें थ्रोट बीमारी इंफेक्शन है। इसी वजह से उन्होंने 2 दिसंबर को होने वाले सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। हालांकि शिंदे की जगह उनके गुट के नेता कैबिनेट में कई विभागों की मांग को लेकर लगातार अड़े हुए हैं। खबरों के मुताबिक शिंदे गुट यह भी मांग कर रहा है कि ढाई साल पहले जितने भी विभाग उनके पास थे। वह सभी विभाग उन्हें मिलनी चाहिए। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि शिंदे गुट दबाव की राजनीति कर रहा है।
महायुति की बैठक में हो रही देरी इन विभागों के बंटवारे पर होनी है चर्चा
दरअसल, महाराष्ट्र में महायुति दल की बैठक होनी है। इनमें गृह, शहरी विकास और राजस्व विभाग के बंटवारे पर चर्चा होनी हैं। लेकिन शिंदे की तबीयत खराब होने की वजह से लगातार देरी हो रही है। उनके गुट के नेता लगातार अहम विभागों की मांग कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भले ही सीएम चेहरे का ऐलान न किया हो। लेकिन इशारों-इशारों में साफ संदेश दे दिया है कि मुख्यमंत्री उन्हीं की पार्टी से होगा। बता दें कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के शपथ समारोह की तारीख और समय का ऐलान हो चुका है। यह कार्यक्रम 5 दिसंबर को शाम 5 बजे महाराष्ट्र के आजाद मैदान में होना है।
क्या एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से होगा मुख्यमंत्री चेहरा ?
सूत्रों के मुताबिक इस तरह की भी खबर निकल कर सामने आ रही है कि अभी तक भाजपा विधायक दल की बैठक नहीं हुई है। मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान उनकी तरफ से किया जाएगा। महायुति दल की इस बैठक के बाद जो भी फैसला होगा। उसमें अमित शाह का अप्रूवल माना जाएगा। हर एक प्रक्रिया स्टैंडबाई मोड पर है। सारे कार्यक्रम और सीएम चेहरे का ऐलान शिंदे की वजह से ही रुका हुआ है। हालांकि कुछ लोग का यह भी कहना है कि क्या सच में एकनाथ शिंदे की स्वास्थ्य में दिक्कत है या राजनीतिक दबाव ?
एकनाथ शिंदे भले ही खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन उनके नेताओं के जरिए अहम विभागों की मांग लगातार की जा रही है। एक तरफ महाराष्ट्र में बैठक में देरी हो रही है। तो दूसरी तरफ अजित पवार के साथ प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे की दिल्ली जाने की चर्चा तेज है। गृहमंत्री अमित शाह के साथ अजित पवार और उनकी पार्टी के कई नेताओं की बैठक होने वाली है। इस बैठक में बीजेपी और एकनाथ शिंदे की पार्टी से कोई नेता नजर नहीं आएगा।