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Shankaracharya ने Uddhav Thackeray को दी Shinde से हाथ मिलाने की नसीहत | Maharashtra

चुनावी नतीजे आए तो महाराष्ट्र की जनता ने बता दिया कि असली शिवसेना शिंदे की पार्टी है या फिर उद्धव ठाकरे की पार्टी… तो वहीं अब उद्धव ठाकरे को अपना आशिर्वाद देने वाले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बता दिया असली शिवसेना कौन है

26 Nov, 2024
( Updated: 26 Nov, 2024
01:25 PM )
Shankaracharya ने Uddhav Thackeray को दी Shinde से हाथ मिलाने की नसीहत | Maharashtra

महाराष्ट्र की सत्ता हासिल करने के लिए विधानसभा चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच जंग तो चल ही रही थी, इसी के साथ एक जंग और चल रही थी, असली शिवसेना बनाम नकली शिवसेना की। लेकिन जब चुनावी नतीजे आए तो महाराष्ट्र की जनता ने बता दिया कि असली शिवसेना शिंदे की पार्टी है या फिर उद्धव ठाकरे की पार्टी। तो वहीं अब उद्धव ठाकरे को अपना आशीर्वाद देने वाले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बता दिया असली शिवसेना कौन है।दरअसल, महाराष्ट्र के इस चुनाव में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की भी कड़ी परीक्षा थी, जिन्हें ये साबित करना था कि असली शिवसेना कौन है।

लेकिन जब महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आए तो…81 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाले एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 सीटों पर जीत मिली।96 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाले उद्धव ठाकरे की शिवसेना को सिर्फ 20 सीटों पर जीत मिली।

यानि महाराष्ट्र की जनता ने एकनाथ शिंदे को 57 सीट देकर ये बात तो साबित कर दी कि असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की ही है, तो वहीं ठीक चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे को उनके घर जाकर आशीर्वाद देने वाले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी नतीजों के बाद ऐलान कर दिया कि असली शिवसेना कौन है।

महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे देखकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, "एकनाथ शिंदे को 57 सीटें देकर जनता ने मुहर लगा दी कि यही असली शिवसेना है। उद्धव ठाकरे को चाहिए कि अभी भी देर नहीं हुई है, महाविकास अघाड़ी छोड़कर शिंदे के साथ आ जाएं।"

इतना ही नहीं, महाराष्ट्र में करारी हार झेलने वाली महाविकास अघाड़ी पर तंज मारते हुए शंकराचार्य ने यहां तक कहा कि, "जो पार्टी गौ हत्यारों का समर्थन करेगी, उसका हाल ऐसा ही होगा जो महाराष्ट्र में हुआ।"

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती एक ऐसे शंकराचार्य हैं जिन्हें उनके बयानों की वजह से मोदी विरोधी बताया जाता रहा है। यहां तक कि चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे को जीत का आशीर्वाद भी देते रहे हैं, लेकिन अब चुनावी नतीजे आते ही शंकराचार्य भी एकनाथ शिंदे की तारीफ कर रहे हैं और उद्धव ठाकरे को नसीहत दे रहे हैं कि उन्हें कांग्रेस का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे के साथ आ जाना चाहिए।

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