48 घंटे के अंदर 16 बागी नेताओं पर चला नीतीश कुमार का डंडा, धरना देने वाले विधायक गोपाल मंडल की भी हुई विदाई
खबरों के मुताबिक, शनिवार के बाद रविवार को भी जेडीयू ने पार्टी के बागी नेताओं पर बड़ा एक्शन लिया है. इनमें गोपालपुर के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ़ गोपाल मंडल, पूर्व मंत्री हिमराज सिंह, पूर्व विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह, पूर्व विधायक महेश्वर प्रसाद यादव और प्रभात किरण जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं. इन सभी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
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बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू की तरफ से बागी नेताओं पर एक्शन जारी है. शनिवार को 11 नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने के बाद रविवार को विधायक गोपाल मंडल समेत 5 नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया गया. इन सभी निष्कासित नेताओं पर आरोप है कि विधानसभा चुनाव 2025 में पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं संगठनात्मक आचरण के विरुद्ध कार्य में शामिल रहे, जिसके चलते उन्हें तत्काल प्रभाव से प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया.
विधायक गोपाल मंडल समेत 5 नेता पार्टी से निष्कासित
खबरों के मुताबिक, शनिवार के बाद रविवार को भी जेडीयू ने पार्टी के बागी नेताओं पर बड़ा एक्शन लिया है. इनमें गोपालपुर के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ़ गोपाल मंडल, पूर्व मंत्री हिमराज सिंह, पूर्व विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह, पूर्व विधायक महेश्वर प्रसाद यादव और प्रभात किरण जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं. इससे पहले शनिवार को भी 11 लोगों को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया था.
कुल 16 नेताओं को किया गया बाहर
शनिवार को जेडीयू ने 11 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था और रविवार को भी 5 नेताओं पर बड़ा एक्शन लिया है. ऐसे में कुल 16 बागी नेताओं को जेडीयू ने निष्कासित कर दिया है. इनमें पूर्व मंत्री शैलेश कुमार, नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ़ गोपाल मंडल विधायक गोपालपुर, हिमराज सिंह पूर्व मंत्री, संजीव श्याम सिंह पूर्व एमएलसी, महेश्वर प्रसाद यादव पूर्व विधायक, संजय प्रसाद पूर्व एमएलसी, श्याम बहादुर सिंह पूर्व विधायक, रणविजय सिंह पूर्व एमएलसी, सुदर्शन कुमार पूर्व विधायक, प्रभात किरण, अमर कुमार सिंह, डॉक्टर आसमा परवीन, लव कुमार, आशा सुमन, दिव्यांशु भारद्वाज और विवेक शुक्ला शामिल हैं.
बागी तेवर अपनाने वाले विधायक गोपाल मंडल निष्कासित
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में टिकट बंटवारे के बाद भागलपुर जिले की गोपालपुर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक गोपाल मंडल का टिकट इस बार जेडीयू ने काट दिया है. उनकी जगह बुलों मंडल को उम्मीदवार बनाया है, जिसके चलते उन्होंने खुली चुनौती देते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है. पार्टी से बगावत करते हुए गोपालपुर विधानसभा सीट से पर्चा दाखिल करते हुए गोपाल मंडल ने कहा कि वह जनता के बल पर लड़ रहे हैं, टिकट नहीं मिला, तो क्या हुआ जनता ही मेरा टिकट है. यह लहर उनके समर्थकों में उत्साह की लहर है. वहीं पार्टी नेतृत्व के लिए यह फैसला सर दर्द साबित हो रहा था, जिसके चलते जेडीयू ने गोपाल मंडल पर भी एक्शन लिया.
नीतीश के करीबी हैं गोपाल मंडल
बता दें कि गोपाल मंडल भागलपुर जिले की गोपालपुर क्षेत्र से सक्रिय और चर्चित नेता माने जाते हैं. वह लंबे समय से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी भी रहे हैं. जेडीयू की इस कार्रवाई को देखते हुए संगठन में अनुशासन से काम करने के कदम के रूप में देखा जा रहा है.
टिकट कटने के बाद दिया था धरना
गोपाल मंडल वही विधायक हैं, जिनका धरना-प्रदर्शन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. गोपाल अपना टिकट कटने के बाद नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पर गए थे और बाहर धरना भी दिया था. इस दौरान उन्होंने जमकर हंगामा काटा था. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि वह नीतीश कुमार के साथ रहना चाहते हैं. पर्चा दाखिला के दौरान भी वह जनता को संबोधित करते हुए रोने लगे थे. उनका आरोप था कि नीतीश कुमार को बहकाकर मेरा टिकट कटवाया गया है. अगर हमसे कोई गलती हुई है, तो माफ करते हुए एक बार वोट दे दीजिए. मैं कभी गलत नहीं किया और ना करूंगा.
रोते हुए कहा नीतीश को छोड़कर नहीं जाऊंगा
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गोपाल मंडल ने रोते-रोते नारा लगाया था कि 'प्रेम से बोलो नीतीश कुमार की जय'. उन्होंने कहा कि 'मैं नीतीश कुमार को छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा. हमें यह नहीं दिखाना है कि असली जन नेता कौन है? मैंने अपने 30 साल के अंदर कोई गलत काम नहीं किया है.' बता दें कि गोपाल मंडल गोपालपुर विधानसभा सीट से 4 बार विधायक रह चुके हैं.
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