Advertisement

बिहार के मुस्लिमों के दिल में बसे मोदी और नीतीश, मुस्लिम-बहुल इलाकों में NDA प्रचंड जीत की ओर, राहुल-तेजस्वी को नकारा

बता दें कि बिहार विधानसभा की कुल 243 विधानसभा में से 32 मुस्लिम बहुल सीटों पर NDA 71.9 प्रतिशत सीटें जीतती नजर आ रही है. इससे पहले साल 2020 विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 56.3 प्रतिशत का था. यानी एनडीए पर मुसलमानों का भरोसा बढ़ा है.

बिहार के मुस्लिमों के दिल में बसे मोदी और नीतीश, मुस्लिम-बहुल इलाकों में NDA प्रचंड जीत की ओर, राहुल-तेजस्वी को नकारा

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार शाम 5 बजे तक NDA 186, महागठबंधन 32 और अन्य 6 सीटों पर आगे चल रहे हैं. इनमें 20 सीटों के नतीजे सामने आ चुके हैं. मोकामा की हॉट सीट पर जेल में बंद जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह ने वीणा देवी को 28,000 से ज्यादा मतों से पराजित कर दिया है. इसके अलावा 17 सीटों पर एनडीए को जीत मिली है. वहीं महागठबंधन 3 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई है, बाकी सीटों के नतीजे आने बाकी है, लेकिन इस चुनाव में NDA के लिए सबसे बड़ी जीत मुस्लिम-बहुल इलाकों में अप्रत्याशित बढ़त रही है, जहां मोदी और नीतीश का जादू चला है. 

मुस्लिम-बहुल सीटों पर NDA की मजबूत पकड़

बता दें कि बिहार विधानसभा की कुल 243 विधानसभा में से 32 मुस्लिम बहुल सीटों पर NDA 71.9 प्रतिशत सीटें जीतती नजर आ रही है. इससे पहले साल 2020 विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 56.3 प्रतिशत का था. यानी एनडीए पर मुसलमानों का भरोसा बढ़ा है. यही वजह रहा कि पिछले चुनाव की तुलना में इस चुनाव में पार्टी को 15 प्रतिशत की बढ़त मिली. यानी बिहार के मुस्लिम वोटरों को नीतीश और मोदी प्रभावित करने में कामयाब हुए हैं. 

इन सीटों पर आगे चल रही NDA 

बिहार विधानसभा चुनाव के ताजा रुझानों के मुताबिक, एनडीए को कई अहम मुस्लिम-बहुत सीटों पर तगड़ी बढ़त मिल रही है. इनमें कुछ मुस्लिम कैंडिडेट भी चुनाव जीतते नजर आ रहे हैं. अररिया से जेडीयू की शगुफ्ता अंजुम आगे चल रही हैं. दरभंगा से बीजेपी के संजय सरावगी, चैनपुर से जेडीयू के जमां खान, पूर्णिया से बीजेपी के विजय कुमार खेमका और सीतामढ़ी से बीजेपी के सुनील कुमार पिंटू आगे चल रहे हैं. 

मुस्लिम-बहुल सीटों पर जमकर हुआ मतदान

बता दें कि बिहार में 32 मुस्लिम-बहुल सीटें हैं. इन सभी सीटों पर दूसरे चरण में मतदान हुआ, जहां का रिकॉर्ड मतदान 74.5 प्रतिशत रहा. यह पिछले चुनाव की तुलना में 12.9 प्रतिशत अधिक है. वहीं पिछले चुनाव में वोटिंग प्रतिशत 60.2 प्रतिशत था. बता दें कि यह सभी सीटें मुख्य रूप से कोसी क्षेत्र में आती हैं. 

बिहार के मुस्लिम-बहुल जिले

बिहार के मुस्लिम-बहुल जिलों की बात की जाए, तो किशनगंज जिले में 68, कटिहार में 62, अररिया में 41, पूर्णिया में 37, दरभंगा में 23, पूर्वी चंपारण में 22 और सीतामढ़ी में 21 प्रतिशत मुस्लिम वोट बैंक है. इनमें कुल 32 विधानसभा सीटें हैं, जहां मुस्लिम वोटर किसी भी पार्टी की हार और जीत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. 

आरजेडी-कांग्रेस की चिंता बढ़ी 

यह भी पढ़ें

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों को अगर छोड़ दिया जाए, तो उससे पहले इन मुस्लिम-बहुल इलाकों में आरजेडी और कांग्रेस काफी मजबूत रही है. इतिहास बताता है कि मुस्लिम वोटर हमेशा से सेक्युलर गठबंधनों के साथ रहे हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में इस वोट बैंक में दरार देखने को मिली, वहीं नतीजों में साफ दिख रहा है कि जिन मुस्लिम-बहुत इलाकों में आरजेडी का कभी दबदबा रहता था. उनमें 7 सीटों पर पार्टी पिछड़ती नजर आ रही है. इसके अलावा कांग्रेस भी 4 मुस्लिम-बहुत सीटों पर हारती नजर आ रही है. 2020 के चुनाव में आरजेडी ने इस तरह की 18 और कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन अब धीरे-धीरे मुस्लिम वोट बैंक भी एनडीए की तरफ खिसकता नजर आ रहा है. 

टिप्पणियाँ 0

Advertisement
Podcast video
Gautam Khattar ने मुसलमानों की साजिश का पर्दाफ़ाश किया, Modi-Yogi के जाने का इंतजार है बस!
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें