चले थे डिप्टी सीएम बनने... लेकिन खाता भी नहीं खुला, मुकेश सहनी की VIP का सूपड़ा साफ, भाई संतोष को मिले 368 वोट, जमानत जब्त
महागठबंधन की सरकार बनने पर डिप्टी सीएम बनने का दावा करने वाले मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) का बुरा हाल हुआ है. पार्टी शून्य सीटों पर सिमट कर रह गई है. खुद मुकेश को भी उम्मीद नहीं थी कि इस चुनाव में उनकी पार्टी का इतना बुरा हाल होगा. ऐसे में उनका डिप्टी सीएम बनने का सपना अधूरा रह गया और पार्टी को चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं हुई.
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बिहार विधानसभा चुनाव के सभी सीटों के नतीजे लगभग-लगभग सामने आ चुके हैं. शाम 7 बजे तक NDA 88 सीटों पर आगे चल रही है. इनमें 114 सीटों के परिणाम सामने आ चुके हैं. वहीं महागठबंधन 36 सीटों पर आगे चल रही है और 10 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है. बाकी 5 सीटें अन्य के खातों में गई है. इस चुनाव में नीतीश और मोदी की जोड़ी ने कमाल कर दिया है, लेकिन तमाम वादों के बावजूद भी बिहार की जनता ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री चेहरा रहे तेजस्वी और मुकेश सहनी को नकार दिया है. जनता ने बता दिया है कि उनके वादों पर कोई भरोसा नहीं है. यही वजह है कि महागठबंधन का ऐसा हाल शायद ही किसी चुनाव में हुआ हो. मुकेश सहनी जो खुद को महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री चेहरा बता रहे थे, उनकी पार्टी का हाल सबसे बुरा है और खाता भी नहीं खुल सका है.
मुकेश सहनी की पार्टी का खाता भी नहीं खुला
महागठबंधन की सरकार बनने पर डिप्टी सीएम बनने का दावा करने वाले मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) का बुरा हाल हुआ है. पार्टी शून्य सीटों पर सिमट कर रह गई है. खुद मुकेश को भी उम्मीद नहीं थी कि इस चुनाव में उनकी पार्टी का इतना बुरा हाल होगा. ऐसे में उनका डिप्टी सीएम बनने का सपना अधूरा रह गया और पार्टी को चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं हुई. फिलहाल खबर लिखे जाने तक पार्टी किसी भी सीट पर दूसरे नंबर पर भी फाइट करती नजर नहीं आ रही है.
2020 के चुनाव में 4 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी VIP
आपको बता दें कि साल 2018 में मुकेश साहनी ने विकासशील इंसान पार्टी यानी VIP की स्थापना की थी. उसके करीब 2 साल बाद बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में पार्टी ने बोचाहा, गौरा बौराम, अलीनगर, साहेबगंज जीतीं और चर्चा में आ गई. ऐसे में नई पार्टी का 4 सीटों पर जीत दर्ज करना एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी. वहीं चुनाव जीतने के बाद VIP के 4 विधायकों में से एक विधायक राजेश कुमार सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. नीतीश ने उन्हें मछलीपालन मंत्री का पद दिया था, लेकिन साल 2022 में सरकार गिर गई और उनका मंत्री पद भी चला गया.
NDA का साथ छोड़ना मुकेश सहनी की बड़ी गलती
VIP प्रमुख मुकेश साहनी का NDA से नाता तोड़ना एक चौंकाने वाला फैसला रहा. NDA से मोहभंग की वजह से वह महागठबंधन में आ गए. उसके बाद विपक्ष में रहते हुए उन्होंने तेजस्वी यादव को अपना छोटा भाई बताया और फिर जब चुनाव नजदीक आया, तो उन्होंने खुद से डिप्टी सीएम पद पर मजबूती से दावेदारी पेश की, लेकिन चुनावी नतीजे जब सामने आए तो मुकेश सहनी को बड़ा झटका लगा. ऐसे में देखा जाए तो मुकेश सहनी आज अपने उस फैसले पर पछता रहे होंगे. अगर वह NDA का हिस्सा बने रहते, तो शायद उनकी पार्टी कई सीटों पर जीत हासिल कर सकती थी, लेकिन मुकेश सहनी का बिहार चुनाव से पत्ता साफ हो गया है और अब उनका कोई भी विधायक विधानसभा में नजर नहीं आएगा.
करारी शिकस्त पर मुकेश सहनी का बयान
VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने बिहार विधानसभा चुनाव में हार स्वीकार की है. उन्होंने कहा, "हम इस जनादेश को स्वीकार करते हैं और जो जीते हैं-NDA, उनको मैं बधाई देता हूं. माताओं-बहनों का वोट NDA के पक्ष में गिरा है, जिसके कारण उनकी इतनी बड़ी जीत हो रही है. मैं जनादेश का सम्मान करते हुए इसे (हार) स्वीकार करता हूं. आने वाले समय में हम और मंथन करेंगे कि विफल होने का क्या कारण है."
12 सीटों पर लड़ा था चुनाव
बता दें कि महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के तहत मुकेश सहनी की VIP को 12 सीटें मिली थीं, लेकिन इन सभी पर पार्टी को करारी हार मिली है. सिर्फ एक सीट केसरिया को छोड़ दिया जाए, तो उनकी पार्टी का कोई भी उम्मीदवार दूसरे स्थान पर भी नजर नहीं आया.
भाई की जमानत जब्त
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हैरान कर देने वाली बात है कि चुनाव में महागठबंधन का डिप्टी सीएम चेहरा रहे मुकेश सहनी के भाई संतोष सहनी गौरा ग्राम सीट पर 12 उम्मीदवारों में से आठवें स्थान पर रहे. उनके भाई संतोष सहनी को सिर्फ 368 वोट ही मिल सके. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के सुजीत कुमार 70,734 वोट पाकर निर्णायक जीत की तरफ बढ़ रहे हैं. वहीं इस सीट पर हार की एक और वजह आरजेडी और वीआईपी के बीच फ्रेंडली फाइट भी है.
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